IND vs BAN: संन्यास ले लूंगा... रिटायरमेंट पर इस भारतीय प्लेयर ने किया बड़ा खुलासा

IND vs BAN - संन्यास ले लूंगा... रिटायरमेंट पर इस भारतीय प्लेयर ने किया बड़ा खुलासा
| Updated on: 15-Sep-2024 07:40 PM IST
IND vs BAN: टीम इंडिया लंबे समय के ब्रेक के बाद 19 सितंबर से बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज के साथ एक्शन में लौटने वाली है। यह सीरीज वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के दृष्टिकोण से टीम इंडिया के लिए महत्वपूर्ण होगी। इस महत्वपूर्ण समय पर, भारतीय क्रिकेट के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपने करियर के भविष्य पर खुलकर बात की है।

रिटायरमेंट के प्लान पर अश्विन का बड़ा बयान

रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में विमल कुमार के यूट्यूब चैनल पर एक साक्षात्कार के दौरान अपने रिटायरमेंट के प्लान पर बात की। उन्होंने कहा कि फिलहाल संन्यास के बारे में सोचने की कोई जल्दी नहीं है। अश्विन ने बताया, "मेरे दिमाग में ऐसा कुछ नहीं है। मैं एक बार में केवल एक दिन के बारे में सोचता हूं। क्योंकि जब आप बूढ़े होते हैं, तो आपको हर दिन ज्यादा मेहनत करनी होती है। यह पहले जैसा नहीं रहता। मैंने पिछले 3-4 सालों में काफी मेहनत की है। मैंने अभी संन्यास का फैसला नहीं किया है, लेकिन जिस दिन मुझे लगेगा कि मैं सुधार नहीं करना चाहता, मैं संन्यास ले लूंगा।"

अश्विन ने 17 सितंबर को 38 साल के होने की बात भी की और 40 साल की उम्र तक क्रिकेट खेलने की संभावनाओं के बारे में कहा, "मुझे पता है कि उस कठिन दौर (2018-20) के बाद मेरी जिंदगी कैसे बदल गई। मैं सिर्फ क्रिकेट के प्रति अपनी खुशी को बनाए रख रहा हूं और जिस पल मुझे लगेगा कि मैं इसे खो रहा हूं, मैं इससे दूर हो जाऊंगा। हम सभी खेलते हैं और हमें सभी को छोड़ना होगा। कोई और आएगा और अच्छा करेगा। यह भारतीय क्रिकेट है।"

अनिल कुंबले को पीछे छोड़ने का मौका

रविचंद्रन अश्विन ने अब तक 100 टेस्ट मैच खेल लिए हैं और इस दौरान उन्होंने 516 विकेट लिए हैं। वह भारत के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में दूसरे स्थान पर हैं। पहले स्थान पर अनिल कुंबले हैं, जिन्होंने 619 विकेट लिए हैं। अश्विन ने अनिल कुंबले के रिकॉर्ड को तोड़ने की संभावनाओं के बारे में कहा, "मैंने अपने लिए कोई टारगेट सेट नहीं किया है। अनिल भाई चाहते हैं कि मैं उनका रिकॉर्ड तोड़ दूं, लेकिन मैं हर दिन को जीकर खुश हूं। मैं लक्ष्य तय करके खेल के प्रति अपना प्यार नहीं खोना चाहता।"

खेल के प्रति प्यार और समर्पण

अश्विन की यह स्पष्टता और खेल के प्रति समर्पण उनके करियर के दौरान दिखी है। उनका फोकस हमेशा खेल के प्रति अपने प्यार को बनाए रखने और हर दिन सुधार पर रहा है। संन्यास के बारे में उनके विचार बताते हैं कि वह खेल के प्रति अपनी भावनाओं को समझते हैं और उनकी प्राथमिकता हमेशा खुद को और अपने खेल को बेहतर बनाना रही है।

समापन

रविचंद्रन अश्विन का करियर भारतीय क्रिकेट के लिए एक प्रेरणा है। उनका खुलासा कि वह संन्यास की सोच तभी करेंगे जब उन्हें लगेगा कि वह सुधार नहीं कर पा रहे हैं, यह दर्शाता है कि वह अपने करियर को पूरा समर्पण और जुनून के साथ जी रहे हैं। उनकी बातों से यह भी स्पष्ट होता है कि वह क्रिकेट के प्रति अपने प्यार को हमेशा बनाए रखना चाहते हैं और खेल में अपने योगदान को लेकर सजग हैं। उनकी क्रिकेट यात्रा और आगामी मैचों में प्रदर्शन पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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