Sopore IED: कश्मीर में बड़ी आतंकी साजिश नाकाम, श्रीनगर-बारामूला हाईवे पर IED मिलने से हड़कंप

Sopore IED - कश्मीर में बड़ी आतंकी साजिश नाकाम, श्रीनगर-बारामूला हाईवे पर IED मिलने से हड़कंप
| Updated on: 27-Dec-2025 05:41 PM IST
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी आतंकी साजिश को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया है और उत्तरी कश्मीर के सोपोर इलाके के हाइगाम के पास श्रीनगर-बारामूला हाईवे पर शनिवार को एक संदिग्ध इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) मिलने से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। इस घटना ने एक बार फिर घाटी में शांति भंग करने के नापाक इरादों को उजागर किया। है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई ने एक संभावित बड़े खतरे को टाल दिया।

संदिग्ध वस्तु की पहचान और प्रारंभिक प्रतिक्रिया

शनिवार की सुबह, उत्तरी कश्मीर के सोपोर इलाके में स्थित हाइगाम के पास श्रीनगर-बारामूला हाईवे पर गश्त कर रहे सुरक्षाकर्मियों को एक संदिग्ध वस्तु दिखाई दी। यह वस्तु सामान्य सड़क किनारे की वस्तुओं से अलग लग रही थी, जिससे तुरंत संदेह पैदा हुआ और सूचना मिलते ही, सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक संयुक्त टीम तत्काल मौके पर पहुंची। सुरक्षाबलों ने बिना किसी देरी के पूरे इलाके को घेर लिया, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई भी नागरिक संदिग्ध वस्तु के करीब न जा सके। यह त्वरित प्रतिक्रिया किसी भी संभावित खतरे को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण थी।

यातायात का निलंबन और मार्ग परिवर्तन

संदिग्ध IED की मौजूदगी की पुष्टि होने के बाद, सुरक्षाबलों ने तत्काल एहतियाती कदम उठाए। श्रीनगर-बारामूला हाईवे, जो कि घाटी की एक महत्वपूर्ण धमनी है, पर दोनों तरफ से यातायात को पूरी तरह से रोक दिया गया और यह निर्णय यात्रियों और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था। अधिकारियों ने यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए ट्रैफिक को वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट कर दिया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि आवश्यक आवाजाही जारी रहे, भले ही मुख्य मार्ग बंद हो। इस दौरान, हाईवे पर अफरातफरी का माहौल रहा, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने स्थिति को नियंत्रण में रखा और लोगों को शांत रहने की अपील की।

बम निरोधक दस्ते की कार्रवाई

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वाड (BDS) टीम को तुरंत मौके पर बुलाया गया। BDS विशेषज्ञ अपने विशेष उपकरणों और प्रशिक्षण के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने IED को कब्जे में लिया और उसकी सावधानीपूर्वक जांच शुरू की। यह प्रक्रिया अत्यंत जोखिम भरी होती है, जिसमें विशेषज्ञ विस्फोटक की प्रकृति,। उसकी संरचना और उसे निष्क्रिय करने के सर्वोत्तम तरीके का आकलन करते हैं। थोड़ी देर की गहन जांच के बाद, BDS टीम ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस को सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिया, जिससे एक बड़ा खतरा टल गया। इस सफल ऑपरेशन ने सुरक्षाबलों की विशेषज्ञता और उनके समर्पण को प्रदर्शित किया।

इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) क्या है?

इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) एक प्रकार का बम या अन्य विस्फोटक उपकरण होता है जिसे अनौपचारिक या गैर-पारंपरिक तरीके से बनाया और इस्तेमाल किया जाता है। इसकी मुख्य विशेषता यह है कि इसे अक्सर आसानी से उपलब्ध सामग्री का उपयोग करके बनाया जाता है, जो विशेष रूप से विस्फोटक के रूप में उपयोग के लिए डिज़ाइन नहीं की गई होती है और iED का निर्माण और उपयोग आमतौर पर आतंकवादी समूहों, सैन्य बलों या अन्य व्यक्तियों या समूहों द्वारा किया जाता है। इनका प्राथमिक उद्देश्य लोगों या बुनियादी ढांचे को विनाश, क्षति या चोट पहुंचाना होता है। ये उपकरण अप्रत्याशित होते हैं और इन्हें विभिन्न तरीकों से ट्रिगर। किया जा सकता है, जिससे ये अत्यधिक खतरनाक बन जाते हैं।

आतंकी साजिश का पर्दाफाश और आगे की जांच

श्रीनगर-बारामूला हाईवे पर IED की बरामदगी और उसे नष्ट करना जम्मू-कश्मीर में एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम करने के समान है। यदि यह IED फट जाता, तो इससे न केवल जान-माल का भारी नुकसान हो सकता था, बल्कि घाटी में दहशत का माहौल भी पैदा हो सकता था और पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि IED को यहां किसने रखा था, इसकी गहन जांच की जा रही है। पूरे इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया है ताकि उन। व्यक्तियों या समूहों का पता लगाया जा सके जो इस साजिश के पीछे थे। सुरक्षा एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि क्या यह। IED किसी बड़े हमले का हिस्सा था या इसका उद्देश्य केवल दहशत फैलाना था।

सुरक्षाबलों की सतर्कता और भविष्य की चुनौतियाँ

यह घटना जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की निरंतर सतर्कता और चुनौतियों का सामना करने की उनकी क्षमता को दर्शाती है और घाटी में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सुरक्षाबल लगातार प्रयासरत हैं और ऐसी घटनाओं को नाकाम करना उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हालांकि, यह घटना यह भी याद दिलाती है कि आतंकवादी तत्व अभी भी सक्रिय हैं और वे लगातार नए तरीकों से सुरक्षा को भेदने की कोशिश कर रहे हैं। सुरक्षाबलों को भविष्य में भी ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा और अपनी खुफिया जानकारी तथा ऑपरेशनल क्षमताओं को और मजबूत करना होगा। इस प्रकार की सफल कार्रवाइयां न केवल नागरिकों में विश्वास पैदा। करती हैं, बल्कि आतंकवादियों के हौसलों को भी पस्त करती हैं।

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