Rakshabandhan 2022: अगर आप राखी 11 या 12 अगस्त को चाहते हैं बांधना तो जानें दोनों दिन के शुभ मुहूर्त

Rakshabandhan 2022 - अगर आप राखी 11 या 12 अगस्त को चाहते हैं बांधना तो जानें दोनों दिन के शुभ मुहूर्त
| Updated on: 10-Aug-2022 10:10 AM IST
Raksha Bandhan 2022: रक्षा बंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है. यह त्योहार हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि (Sawan Purnima) को मनाया जाता है. इस साल सावन पूर्णिमा को दो दिन 11-12 अगस्त को मनाई जाएगी. पूर्णिमा 2 दिन पड़ने के कारण रक्षा बंधन की सही तिथि (Raksha Bandhan Exact Date) को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है. लोग इस बात की जानकारी स्पष्ट करना चाहते हैं कि आखिर राखी (Rakhi 2022) का त्योहार कब मनाया जाएगा और राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त (Rasha Bandhan Shubh Muhurat) क्या है. आइए जानते हैं कि 11 या 12 अगस्त में से किस दिन राखी बांधना शुभ रहेगा. साथ ही राखी बांधने के लिए उत्तम मुहूर्त क्या है. 

11 या 12 कब है रक्षा बंधन

पंचांग के अनुसार, सावन मास की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से शुरू हो रही है, जो कि 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 05 मिनट तक रहेगी. पूर्णिमा तिथि दोनों दिन होने का कारण लोग असमंजस की स्थिति में हैं कि रक्षा बंधन 11 अगस्त को मनाया जाए या 12 अगस्त को. इस संबंध में ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि 11 अगस्त को भद्रा की साया होने के कारण 12 अगस्त को राखी बांधना शुभ होगा.

राखी बांधने के लिए 11 और 12 अगस्त के शुभ मुहूर्त

पंचांग के मुताबिक 11 अगस्त को भद्रा काल (Bhadra Kaal) सुबह से लेकर रात 8 बजकर 51 मिनट तक है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक रक्षा बंधन (Raksha Banshan) जैसे शुभ कार्य सूर्यास्त के बाद नहीं किए जाते हैं. ऐसे में इस दिन बहनें ना तो भद्राकाल में भाई को राखी बांध सकती हैं और ना ही रात के वक्त, इसलिए कुछ ज्योतिष शास्त्र और कर्मकांड के पंडित 12 अगस्त को ही रखी बांधना शुभ मान रहे हैं. हालांकि इस दिन सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक ही पूर्णिमा तिथि है, इसलिए सुबह 07:05 बजे से पहले ही राखी बांधना या बंधवाना शुभ रहेगा. 

राखी बांधने की सही विधि

रक्षा बंधन के दिन बहन के राखी बंधवाते समय भाई को पूरब दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए. साथ ही राखी बांधने के क्रम में बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए. इसके बाद राखी की थाली में अक्षत, चंदन, रोली, घी का दीया रखें. सबसे पहले भाई के मस्तक पर रोली और अक्षत का टीका लगाएं. इसके बाद उनकी आरती उतारें. फिर भाई की कलाई पर राखी बांधे और मिठाई से उनका मुह मीठा कराएं. ध्यान रहे कि ऱाखी बांधते वक्त भाई के सिर खाली नहीं रहना चाहिए.

राखी बांधने का मंत्र 

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:

तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल

राखी बांधते समय उपरोक्त मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए.  इस मंत्र का भावार्थ है कि जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी रक्षासूत्र से मैं तुम्हें बांधती हूं. यह तुम्हारी रक्षा करेगा. हे रक्षे! (रक्षासूत्र) तुम चलायमान न हो. चलायमान न हो.

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