Ashok Gehlot: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदगी में अशोक गहलोत ने ली चुटकी, कहा- ममता पर ऐसा क्या जादू किया?

Ashok Gehlot - उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदगी में अशोक गहलोत ने ली चुटकी, कहा- ममता पर ऐसा क्या जादू किया?
| Updated on: 21-Sep-2022 08:29 AM IST
Ashok Gehlot: पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी और पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच की तल्खी से हर कोई वाकिफ है. एक दौर था जब ममता के हर फैसले पर जगदीप धनखड़ ने सवाल उठाए थे और हिंसा के लिए सरकार को जमकर फटकार लगाई थी, लेकिन जब उन्होंने उपराष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा तो ममता ने उनके खिलाफ जाने की बजाय चुनाव प्रक्रिया से किनारा करना ही ठीक समझा. अब इसी बात को लेकर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने जगदीप धनखड़ से चुटकी ली. गहलोत ने धनखड़ की मौजूदगी में पूछा कि, आपने ममता पर क्या जादू किया? 

गहलोत ने किया धनखड़ से सवाल

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, 50 साल से मेरा आपसे रिश्ता है. एनएसयूआई के दौर से मेरा आपसे रिश्ता है. आपसे एक बात मैं समझना चाहता हूं. जब तक आप पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे तब तक मुख्यमंत्री और आपकी खूब चर्चा रही. तीन साल में ऐसा कोई दिन नहीं रहा जब आप दोनों की चर्चा नहीं हुई हो. इसके बाद भी आपने ऐसा कौन सा जादू किया कि ममता बनर्जी ने आपको चुनाव जितवाने के लिए अपनी पार्टी के सांसदों को ही एब्सेंट करवा दिया. जादूगर तो मैं हूं, क्या कोई मुझसे बड़ा जादूगर भी हिंदुस्तान में है. ममता बनर्जी के सांसदों को एब्सेंट रखने की बात पर पूरे देश को अचंभा हुआ. सारी हदें पार करने के बाद भी आपके सियासी संबंध अच्छे रहे और आप आराम से चुनाव जीत गए. केवल यही राज बता दीजिए. 

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने दिया ये जवाब

ममता बनर्जी को लेकर गहलोत की इस चुटकी का जवाब देते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि, गहलोत जी ने पूछा है कि वह कौन सा जादू है, जिसकी वजह से ममता बनर्जी ने वह निर्णय लिया. मैं राजनीति से परे हूं. राजनीतिक निर्णय कैसे और किस आधार पर लिए जाते हैं, इस पर अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे ही प्रकाश डाल सकते हैं. उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के बाद मैंने ममता बनर्जी से कहा, अब मैं आपके राज्य का राज्यपाल नहीं हूं. आप दिल पर हाथ रखकर सोचिए क्या कभी भी मैंने कोई भी काम कानून और संविधान के दायरे के खिलाफ किया है. हम दोनों (जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी) ने चाहे कुछ भी कहा हो, कैसे भी हालात रहे हों, पर क्या एक भी शब्द उनकी मर्यादा पर कटाक्ष करते हुए कहा है.  

हालांकि अभिनंदन समारोह में हुई ये पूरी बातचीत मजाकिया लहजे में की गई, लेकिन इस दौरान अशोक गहलोत ने जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी के बीच हुई खींचतान का जिक्र कर माहौल को दिलचस्प बना दिया. 

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