देश: खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने का फैसला ऐतिहासिक: पीएम मोदी

देश - खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने का फैसला ऐतिहासिक: पीएम मोदी
| Updated on: 03-Jul-2021 06:42 PM IST
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुदरा और थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के दायरे में लाने के निर्णय को 'ऐतिहासिक' कदम बताया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार इस समुदाय को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। खुदरा एवं थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने के फैसले के कारण खुदरा और थोक व्यापारियों को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी में ऋण उपलब्ध हो सकेगा।

एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने की थी घोषणा

केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने की घोषणा की थी। इससे ये क्षेत्र रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुरूप बैंकों की प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी के तहत ऋण का लाभ उठा सकेंगे।

करोड़ों व्यापारियों को आसानी से मिलेगा ऋण

इस संदर्भ में पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि, 'हमारी सरकार ने खुदरा एवं थोक व्यापार को एमएसएमई में शामिल करने का ऐतिहासिक कदम उठाया है। इससे हमारे करोड़ों व्यापारियों को आसानी से ऋण मिलने में मदद मिलेगी। उन्हें कई अन्य लाभ मिलेंगे और उनके कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा। हम हमारे व्यापारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'

250 करोड़ तक का कारोबार करने वाले विक्रेता होंगे प्रभावित

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार के इस फैसले ने 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे खुदरा एवं थोक विक्रेताओं पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा और उन्हें आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत घोषित विभिन्न योजनाओं के तहत तत्काल ऋण मिल सकेगा।

उद्योग संगठनों ने भी किया इस कदम का स्वागत

खुदरा एवं व्यापार संघों ने भी इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि इससे कोविड-19 के कारण बुरी तरह प्रभावित कारोबारियों को पूंजी मिल सकेगी, जिसकी उन्हें बहुत आवश्यकता है। रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने कहा कि इससे खुदरा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को अपने बचाव, पुनरुद्धार तथा आगे बढ़ने के लिए जरूरी समर्थन मिल सकेगा। आरएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कुमार राजगोपालन ने कहा, 'इस ऐतिहासिक फैसले का क्षेत्र पर संरचनात्मक असर पड़ेगा। इससे क्षेत्र को बेहतर वित्त विकल्प उपलब्ध हो सकेंगे जिससे यह संगठित हो सकेगा।'

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि इस फैसले के बाद व्यापारी एमएसएमई की श्रेणी में आएंगे और उन्हें बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत कर्ज जुटाने में मदद मिलेगी। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया तथा महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि इसके अलावा व्यापारियों को विभिन्न अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ मिल सकेंगे, जो एमएसएमई श्रेणी को मिलते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे महामारी से प्रभावित व्यापारी बैंकों से आवश्यक धन जुटाकर अपने कारोबार को बहाल कर सकेंगे।

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