IND vs SA 1st Test: कोलकाता में भारत की शर्मनाक हार, 21 साल बाद देखने को मिला ऐसा दिन
IND vs SA 1st Test - कोलकाता में भारत की शर्मनाक हार, 21 साल बाद देखने को मिला ऐसा दिन
कोलकाता के प्रतिष्ठित ईडन गार्डन में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारतीय क्रिकेट टीम को दक्षिण अफ्रीका के हाथों 30 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा। यह मुकाबला मात्र तीन दिनों के भीतर ही समाप्त हो गया, जिसने क्रिकेट प्रेमियों को हैरान कर दिया। इस हार के साथ, दक्षिण अफ्रीका ने दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 की महत्वपूर्ण बढ़त बना ली है, जिससे भारत पर अगले मैच में वापसी का भारी दबाव आ गया है। भारतीय टीम को जीत के लिए केवल 124 रनों का मामूली लक्ष्य मिला था, लेकिन मुश्किल पिच। पर बल्लेबाज संघर्ष करते रहे और पूरी टीम मात्र 35 ओवरों में 93 रन पर सिमट गई।
ईडन गार्डन में कम स्कोर वाला रोमांचक मुकाबला
यह टेस्ट मैच अपनी कम स्कोरिंग प्रकृति के लिए याद किया जाएगा, जहां दोनों टीमों के बल्लेबाजों को रन बनाने के लिए काफी जूझना पड़ा। पिच पर गेंदबाजों का दबदबा साफ नजर आया, खासकर स्पिनरों को काफी मदद मिली। भारत को चौथी पारी में 124 रनों का लक्ष्य मिला था, जो टेस्ट क्रिकेट में अक्सर हासिल करने योग्य माना जाता है, लेकिन भारतीय बल्लेबाजी क्रम पूरी तरह से बिखर गया। कप्तान शुभमन गिल गर्दन में चोट के कारण दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतर ही नहीं सके, जिससे टीम की मुश्किलें और बढ़ गईं और वाशिंगटन सुंदर ने 31 रन बनाकर भारतीय पारी को कुछ हद तक संभालने की कोशिश की, लेकिन उनका यह प्रयास टीम को जीत दिलाने के लिए काफी नहीं था।साइमन हार्मर का मैच जिताऊ प्रदर्शन
दक्षिण अफ्रीका के ऑफ स्पिनर साइमन हार्मर इस मैच के असली नायक बनकर उभरे। उन्होंने अपनी शानदार गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाजों को खूब परेशान किया और दोनों पारियों में कुल मिलाकर 8 विकेट झटके और उनकी सटीक लाइन और लेंथ ने भारतीय बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। हार्मर के इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' के पुरस्कार से नवाजा गया, जो उनकी मैच जिताऊ भूमिका को दर्शाता है और उनकी गेंदबाजी ने दक्षिण अफ्रीका को मैच में लगातार बनाए रखा और अंततः उन्हें जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।दक्षिण अफ्रीका की महत्वपूर्ण दूसरी पारी
दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी भी काफी चुनौतीपूर्ण रही, लेकिन उनके कप्तान टेम्बा बावुमा ने एक जुझारू पारी खेली और बावुमा ने नाबाद 55 रन बनाकर अपनी टीम को संकट से निकाला और कुल स्कोर को 153 रन तक पहुंचाया। उनकी इस पारी की बदौलत दक्षिण अफ्रीका भारत को 123 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त देने में सफल रहा। गेंदबाजी में, साइमन हार्मर ने एक बार फिर कमाल दिखाया और भारत की उम्मीदों को ध्वस्त करते हुए चार विकेट हासिल किए और भारत की ओर से रवींद्र जडेजा ने भी शानदार गेंदबाजी करते हुए चार विकेट चटकाए, लेकिन उनकी यह कोशिश टीम को जीत दिलाने में नाकाम रही।भारत की पहली पारी की बढ़त व्यर्थ
मैच की शुरुआत में, भारतीय टीम ने पहली पारी में कुछ हद तक बेहतर प्रदर्शन किया था और दक्षिण अफ्रीका अपनी पहली पारी में मात्र 159 रन पर सिमट गई थी, जिसके जवाब में भारत ने 189 रन बनाकर 30 रनों की शुरुआती बढ़त हासिल की थी। ऐसा लग रहा था कि भारत इस बढ़त का फायदा उठाकर मैच पर अपनी पकड़ मजबूत करेगा, लेकिन दूसरी पारी में बल्लेबाजी के निराशाजनक प्रदर्शन ने इस बढ़त को पूरी तरह से व्यर्थ कर दिया। यह दर्शाता है कि टेस्ट क्रिकेट में हर सत्र और हर पारी कितनी महत्वपूर्ण होती है।21 साल बाद बना अनोखा रिकॉर्ड
इस टेस्ट मैच में एक अनोखा रिकॉर्ड भी बना। इस मुकाबले में कुल मिलाकर 594 रन बने, जो भारत में किसी भी ऐसे टेस्ट मैच का सबसे कम संयुक्त स्कोर है, जिसमें चारों पारियों में परिणाम निकला हो। इससे पहले यह रिकॉर्ड 2004 में वानखेड़े टेस्ट के नाम था, जिसमें भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच कुल 604 रन बने थे। उस मैच का नतीजा भी तीसरे दिन ही आ गया था, जिसमें भारत ने 13 रनों से जीत हासिल की थी। यह आंकड़ा इस बात पर प्रकाश डालता है कि कोलकाता टेस्ट कितना कम स्कोर वाला और गेंदबाजों के अनुकूल रहा।भारत के लिए चुनौतियां और आगे की राह
इस हार के बाद भारतीय टीम पर काफी दबाव है। शुभमन गिल की चोट भी टीम के लिए चिंता का विषय है। अब भारतीय टीम को दो मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला गुवाहाटी के बरसपारा क्रिकेट स्टेडियम में खेलना है। यह मैच 22 नवंबर से शुरू होगा। भारत की कोशिश होगी कि वह इस मैच में जीत दर्ज करके सीरीज को 1-1 से बराबर करे और अपनी प्रतिष्ठा को बचाए और टीम को अपनी बल्लेबाजी और रणनीति पर गंभीरता से विचार करना होगा ताकि अगले मुकाबले में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।