IND vs SA: कोलकाता में टीम इंडिया की हार पर भड़के चेतेश्वर पुजारा, कहा- ये बहाना नहीं चलेगा
IND vs SA - कोलकाता में टीम इंडिया की हार पर भड़के चेतेश्वर पुजारा, कहा- ये बहाना नहीं चलेगा
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 14 नवंबर को कोलकाता में शुरू हुए। पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया को अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा। शुरुआती दो दिनों तक भारतीय टीम ने मैच में अपना दबदबा बनाए। रखा, जिससे लग रहा था कि वे आसानी से जीत हासिल कर लेंगे। हालांकि, तीसरे दिन भारतीय बल्लेबाजी बुरी तरह लड़खड़ा गई और टीम इंडिया 124 रनों के मामूली लक्ष्य का पीछा करने में भी विफल रही, सिर्फ 93 रनों पर ढेर हो गई। साउथ अफ्रीका ने 30 रनों से यह मैच जीतकर भारतीय सरजमीं पर 15 साल बाद टेस्ट मैच जीतने का बड़ा कारनामा किया और इस हार से न केवल क्रिकेट फैंस बल्कि क्रिकेट के जानकार भी हैरान हैं, क्योंकि घरेलू मैदान पर भारत का प्रदर्शन आमतौर पर बेहद मजबूत रहता है।
चेतेश्वर पुजारा का कड़ा बयान
टीम इंडिया की इस हार से पूर्व भारतीय क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा भी काफी हैरान और निराश हैं। वे इस हार को बिल्कुल भी पचा नहीं पा रहे हैं और उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को जमकर लताड़ लगाई है और पुजारा ने हार के बाद अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि घरेलू मैदान पर इस तरह की हार स्वीकार्य नहीं है, खासकर जब टीम में इतनी प्रतिभा मौजूद हो। उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों के रवैये और पिच की परिस्थितियों पर भी सवाल उठाए, जो उनके अनुसार टीम के प्रदर्शन में गिरावट का कारण बनीं और पुजारा का यह बयान भारतीय क्रिकेट हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।'बदलाव' का बहाना अस्वीकार्य
पुजारा ने इस बात पर जोर दिया कि इसमें कोई शक नहीं है कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट बदलाव के दौर से गुजर रहा है, लेकिन इसे घरेलू मैदान पर टेस्ट हारने का बहाना नहीं माना जा सकता। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर आप इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में बदलाव के कारण हारते हैं, तो यह स्वीकार्य हो सकता है, क्योंकि वहां की परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण होती हैं और लेकिन भारत में, जहां टीम को घरेलू परिस्थितियों का लाभ मिलता है, ऐसी हार के लिए 'बदलाव' को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। यह दर्शाता है कि पुजारा घरेलू परिस्थितियों में भारतीय टीम से उच्च प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं और किसी भी बहाने को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।टीम में 'कुछ गड़बड़' होने का संकेत
कोलकाता में भारत की 30 रनों से हार के बाद पुजारा ने जियोस्टार पर अपनी बात रखते हुए कहा कि उन्हें यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आ रही कि भारत घरेलू मैदान पर बदलाव के कारण हार रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस टीम में प्रतिभा और काबिलियत की कोई कमी नहीं है। उन्होंने भारतीय टीम के युवा और स्थापित खिलाड़ियों के फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड का हवाला दिया, जैसे यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, शुभमन गिल। उन्होंने वाशिंगटन सुंदर का भी जिक्र किया, जिन्होंने इस मैच में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की और जिनके रिकॉर्ड भी बहुत अच्छे हैं और पुजारा ने तर्क दिया कि अगर इतने प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के बावजूद आप घरेलू मैदान पर हारते हैं, तो इसका मतलब है कि 'कुछ गड़बड़' है। यह बयान टीम के प्रदर्शन, चयन और रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े करता है।पिच की भूमिका और बल्लेबाजों का रवैया
पुजारा ने मैच के पहले दिन से ही असमान उछाल और टर्न वाली पिच पर भारतीय बल्लेबाजों के रवैये पर सवाल उठाए। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ बल्लेबाज ही इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं, लेकिन पिच की प्रकृति को देखते हुए बल्लेबाजों को अधिक सतर्क और अनुकूल रवैया अपनाना चाहिए था। उन्होंने तर्क दिया कि ऐसे ट्रैक पर, जहां पिच अप्रत्याशित व्यवहार करती है, भारत की जीतने की संभावनाएं कम हो जाती हैं और विरोधी टीम आपके बराबर आ जाती है। इससे घरेलू टीम का पारंपरिक लाभ कम हो जाता है, और मैच का परिणाम किसी भी टीम के पक्ष में जा सकता है, जैसा कि इस टेस्ट में हुआ।घरेलू मैदान पर जीत की रणनीति
पुजारा ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर यही मैच किसी अच्छे विकेट पर खेला जाता, तो भारत के जीतने की संभावना ज्यादा होती। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को परिभाषित करते हुए पूछा कि किस तरह के विकेट पर आपके जीतने की संभावना ज्यादा होती है। उनका मानना है कि भारत में इतनी प्रतिभा है कि भारत-ए की टीम भी साउथ अफ्रीका को हरा सकती है। इसलिए, उनके अनुसार, घरेलू मैदान पर हुई इस हार को 'बदलाव' की वजह से हुई हार कहना स्वीकार्य नहीं है और यह बयान भारतीय क्रिकेट के लिए एक आत्मनिरीक्षण का आह्वान है, जिसमें घरेलू परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन और रणनीति की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, ताकि भविष्य में ऐसी अप्रत्याशित हार से बचा जा सके और घरेलू मैदान पर भारत की बादशाहत बरकरार रहे।