ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज में भारत को 1-2 से हार का सामना करना पड़ा। पहले दो मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को पूरी तरह पछाड़ दिया, लेकिन आखिरी वनडे में रोहित शर्मा और विराट कोहली की शानदार पारियों ने भारत को हार के सूपड़े साफ होने से बचा लिया। रोहित शर्मा 202 रनों के साथ प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे, जबकि हर्षित राणा ने 6 विकेट लेकर टॉप विकेट टेकर का खिताब हासिल किया। आइए, भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन का रिपोर्ट कार्ड देखें:
शुभमन गिल के लिए यह सीरीज भूलने लायक रही। बतौर बल्लेबाज और कप्तान दोनों ही भूमिकाओं में वे नाकाम रहे। तीनों मैचों में ओपनिंग करने के बावजूद वे 50 रन भी नहीं बना सके। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 24 रन रहा, और 14.33 की औसत से रन बनाना ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी भारतीय कप्तान का सबसे खराब प्रदर्शन रहा।
पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने सीरीज में शानदार वापसी की। पहले वनडे में 8 रन की निराशाजनक शुरुआत के बाद, उन्होंने दूसरे मैच में 73 रनों की संयमित पारी खेली, जिससे भारत सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचा। तीसरे वनडे में उनकी 121 रनों की आतिशी पारी ने भारत को जीत दिलाई और सीरीज को 3-0 से हारने से बचाया। प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब उनके नाम रहा, लेकिन पहले मैच की नाकामी ने उनके अंक थोड़े कम किए।
ऑस्ट्रेलिया में अपनी पसंदीदा पिचों पर शायद आखिरी वनडे सीरीज खेल रहे विराट कोहली का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। पहले और दूसरे वनडे में वे खाता भी नहीं खोल सके, जो उनके लिए बड़ा झटका था। तीसरे वनडे में जोश हेजलवुड के खिलाफ सिंगल लेने पर उत्साह दिखाने वाले कोहली ने 74 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारत को जीत दिलाई। इस एक पारी ने उन्हें मुश्किल से पास होने लायक अंक दिलाए।
भारत के भरोसेमंद नंबर-4 बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने पहले वनडे में 11 रन बनाए, लेकिन बारिश के कारण ओवर कम होने से उन्हें तेजी से रन बनाने पड़े। दूसरे वनडे में उनकी 61 रनों की पारी ने भारत को अच्छा स्कोर दिलाया। तीसरे मैच में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला, लेकिन उनकी फील्डिंग ने शानदार कैच के जरिए टीम को अहम सफलताएं दिलाईं।
विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल ने दो पारियों में बल्लेबाजी की। पहले वनडे में उनकी 38 रनों की तेज पारी ने भारत को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया, लेकिन दूसरे मैच में वे 11 रन ही बना सके, जिससे टीम बड़ा स्कोर नहीं बना पाई। उनकी विकेटकीपिंग भी इस सीरीज में औसत रही।
लेफ्ट-आर्म स्पिन ऑलराउंडर अक्षर पटेल ने बल्ले और गेंद दोनों से प्रभावित किया। पहले वनडे में 31 और दूसरे में 44 रनों की उपयोगी पारियों ने भारत को 250 के पार पहुंचाया। उनकी कसी हुई गेंदबाजी ने रनों पर अंकुश लगाया, हालांकि वे 3 मैचों में केवल 3 विकेट ही ले सके।
बैटिंग ऑलराउंडर नीतीश रेड्डी को दो मैचों में मौका मिला, लेकिन वे प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे। पहले वनडे में 19 और दूसरे में 8 रन बनाकर वे नंबर-8 पर तेज रन बनाने की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। गेंदबाजी का मौका न मिलने से उनका योगदान और सीमित रहा।
स्पिन ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर ने 3 मैचों में 5 विकेट लिए। दूसरे और तीसरे वनडे में 2-2 विकेट लेकर उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर दबाव बनाया। हालांकि, बल्ले से वे केवल 22 रन ही बना सके, जो उनकी परफॉर्मेंस का कमजोर पहलू रहा।
तेज गेंदबाज हर्षित राणा सीरीज के स्टार गेंदबाज रहे। 3 मैचों में 6 विकेट लेकर वे टॉप विकेट टेकर बने। तीसरे वनडे में उनकी 4 विकेट की शानदार गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलिया को 250 रन के अंदर समेटा। दूसरे वनडे में 24 रनों की छोटी लेकिन उपयोगी पारी भी उनके खाते में रही। हालांकि, उनकी गेंदबाजी थोड़ी महंगी रही।
तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ऑस्ट्रेलिया की पेस फ्रेंडली पिचों पर प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे। 3 मैचों में केवल 2 विकेट (ट्रैविस हेड और मिचेल स्टार्क) ले सके। पहले वनडे में वे विकेटविहीन रहे, जिसने उनके अंकों को और प्रभावित किया।
लेफ्ट-आर्म पेसर अर्शदीप सिंह ने 2 मैचों में 5.40 की इकोनॉमी से 3 विकेट लिए। दोनों मैचों में उन्होंने नई गेंद से ऑस्ट्रेलियाई ओपनर्स को पवेलियन भेजा, लेकिन मिडिल और डेथ ओवर्स में वे प्रभावी नहीं रहे।
चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव को केवल तीसरा वनडे खेलने का मौका मिला। सिडनी की स्पिन फ्रेंडली पिच पर उन्होंने 10 ओवर में 50 रन देकर 1 विकेट लिया। शुरुआती 7 ओवर में वे महंगे साबित हुए, लेकिन आखिरी 3 ओवर में कसी हुई गेंदबाजी कर ऑस्ट्रेलिया को रन बनाने से रोका।
तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा को एकमात्र मैच में मौका मिला, लेकिन वे 7.42 की इकोनॉमी से रन लुटाकर केवल 1 विकेट ले सके। फील्डिंग में एलेक्स कैरी का आसान कैच छोड़ने ने उनकी परफॉर्मेंस को और कमजोर किया।