IND vs NZ: भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ जीती जरूर, पर टीम इंडिया की सामने आईं 2 कमजोरियां

IND vs NZ - भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ जीती जरूर, पर टीम इंडिया की सामने आईं 2 कमजोरियां
| Updated on: 23-Oct-2023 11:00 AM IST
IND vs NZ: जिस मुकाबले को लेकर भारतीय क्रिकेट टीम का हर फैन परेशान था, आखिर वो मैच भी बिना किसी नुकसान के निकल गया. धर्मशाला में टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप में सबसे मुश्किल प्रतिद्वंद्वी न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हरा दिया. कई आईसीसी इवेंट्स में मिली नाकामी के बाद आखिरकार इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने इस रुकावट से भी पार पा लिया. रोहित शर्मा की कप्तानी में लगातार दमदार तरीके से आगे बढ़ते हुए टीम इंडिया ने अभी तक अपने सारे मैच पूरे लगभग दबदबे के साथ जीते हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली जीत में हालांकि टीम इंडिया की एक ऐसी कमजोरी सामने आई है, जिसका हल निकालना जरूरी है.

अपने पिछले मैचों में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान जैसी दो मजबूत टीमों को हराया था. वहीं अफगानिस्तान और बांग्लादेश के रूप में चौंकाने की काबिलियत रखने वाली टीमों से भी पार पाया था. इन चारों मैचों में टीम इंडिया अपनी पूरी ताकत और संतुलित प्लेइंग इलेवन के साथ उतरी थी. न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबले में ऐसा नहीं हो पाया क्योंकि स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या चोट के कारण इस मुकाबले में नहीं खेल पाए थे और यहीं से टीम इंडिया की कमजोरी निकली.

देनी होगी बड़ी कुर्बानी

धर्मशाला में टीम इंडिया को हार्दिक की कमी पूरी करने के लिए सूर्यकुमार यादव के रूप में एक नियमित बल्लेबाज और मोहम्मद शमी के रूप में एक नियमित तेज गेंदबाज लेकर आना पड़ा. इसका असर ये हुआ कि टीम इंडिया सिर्फ 5 गेंदबाजों के साथ इस मैच में उतरी. वहीं टॉप ऑर्डर में कोई बल्लेबाज गेंद से मदद भी नहीं करता, जो कि पिछले कुछ सालों से चली आ रही दिक्कत बनी हुई है. यही कारण है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ काफी देर तक भारतीय टीम बैकफुट पर नजर आई.

न्यूजीलैंड की ओर से रचिन रविंद्र और डेरिल मिचेल ने अटैक किया और भारत के पास छठे गेंदबाज के रूप में कोई विकल्प नहीं था. जब रविंद्र और मिचेल के बीच 159 रनों की साझेदारी हो रही थी और खास तौर पर कुलदीप यादव की पिटाई हो रही थी, तब कप्तान रोहित शर्मा के चेहरे पर शिकन साफ थी. ये अलग बात है कि गेंदबाजों ने आखिरी 10 ओवरों में अच्छी वापसी की और न्यूजीलैंड को 300 तक पहुंचने से रोक दिया, जो अंत में निर्णायक साबित हुआ.

इस वापसी के बावजूद इतना साफ है कि टीम इंडिया को एक अतिरिक्त गेंदबाज खिलाना ही होगा और इसके लिए अगर बल्लेबाजी में कुर्बानी देनी पड़े तो वो भी करना चाहिए. दोबारा ऐसी स्थिति आने पर एक अतिरिक्त ऑलराउंडर को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाना चाहिए.

दूसरी टीमों को भी दिखी कमजोरी

वैसे सिर्फ इतना ही नहीं, न्यूजीलैंड ने बाकी टीमों को भारत को बैकफुट पर धकेलने का एक तरीका भी बता दिया. ये है किसी एक स्पिनर के खिलाफ अटैक. पिछले चारों मैचों में रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव की जोड़ी ने बीच के ओवरों में ही विरोधियों की बैटिंग को ध्वस्त किया था. इस बार ऐसा नहीं हुआ और कुलदीप के खिलाफ खास तौर पर आक्रामक रुख अपनाया गया.

मिचेल और रविंद्र ने मिलकर कुलदीप पर 4 छक्के उड़ाए, जिसमें 3 तो दो ओवरों में ही आए. एक वक्त पर कुलदीप ने सिर्फ 5 ओवरों में 48 रन खर्च कर दिये थे और उनकी झोली खाली थी. हालांकि, कुलदीप ने भी फिर दमदार वापसी की और अगले 5 ओवरों में सिर्फ 25 रन देते हुए 2 विकेट लिये. फिर भी बाकी टीमों को एक रास्ता तो न्यूजीलैंड ने इस हार के बावजूद दिखा ही दिया.

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