Delhi Air Pollution: वायु प्रदूषण के खिलाफ इंडिया गेट पर प्रदर्शन, पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया
Delhi Air Pollution - वायु प्रदूषण के खिलाफ इंडिया गेट पर प्रदर्शन, पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया
देश की राजधानी दिल्ली इस वक्त सांस की सबसे बड़ी इमरजेंसी। से जूझ रही है, जहां हवा में ज़हर घुला हुआ है। इस गंभीर स्थिति के खिलाफ जनता का गुस्सा आज सड़कों पर फूट पड़ा। दिल्ली के प्रतिष्ठित इंडिया गेट पर सैकड़ों लोगों ने इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया और सीधे तौर पर दिल्ली सरकार को घेरा। इस विरोध प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी बड़ी संख्या में शामिल थे, जो स्वच्छ हवा के अपने बुनियादी अधिकार की मांग कर रहे थे।
प्रदूषण के खिलाफ जन आक्रोश
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे स्वच्छ वायु सुनिश्चित करने के लिए सरकार। से तत्काल कार्रवाई की मांग करने के लिए इंडिया गेट पर जमा हुए हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार पर प्रदूषण के आंकड़े (AQI data) छिपाने का गंभीर आरोप लगाया और उनका दावा था कि सरकारी आंकड़े वास्तविक प्रदूषण स्तर से काफी कम दिखाए जा रहे हैं, जिससे समस्या की गंभीरता को कम करके आंका जा रहा है। इसके साथ ही, प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर प्रदूषण को खत्म करने के लिए कोई ठोस नीति। न बनाने का भी आरोप लगाया, जिससे राजधानी के निवासियों का जीवन खतरे में पड़ गया है।सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस कार्रवाई
प्रदर्शन के दौरान, दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनज़र इंडिया गेट और कर्तव्य पथ के पूरे इलाके को बंद कर दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया और पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इंडिया गेट पर विरोध-प्रदर्शन की कोई अनुमति नहीं थी, और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाना आवश्यक था।महिलाओं और बच्चों की भागीदारी
इस प्रदर्शन में महिलाओं और बच्चों की सक्रिय भागीदारी ने स्थिति की गंभीरता को और उजागर किया। उन्होंने कहा कि वे अपने बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित हैं और सरकार से तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। इन प्रदर्शनकारियों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि दिल्ली के नागरिक स्वच्छ हवा में सांस ले सकें, जो उनका मौलिक अधिकार है।पर्यावरणविद् की चिंताएं
पर्यावरणविद् भावरीन खंडारी भी इस प्रदर्शन में शामिल थीं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम अपने निर्वाचित पदाधिकारियों से मिलना चाहते हैं। हमने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन हमें मना कर दिया गया। ” खंडारी ने बच्चों के स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के भयावह प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बहुत से माता-पिता यहां इसलिए आए हैं, क्योंकि उनके बच्चे कष्ट झेल रहे हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि हर तीसरे बच्चे के फेफड़े को नुकसान पहुंच चुका है और वे स्वच्छ हवा में पले-बढ़े बच्चों की तुलना में लगभग 10 साल कम जी पाएंगे, जो एक गंभीर चेतावनी है।स्वच्छ हवा का मौलिक अधिकार
एक अन्य प्रदर्शनकारी अभिषेक ने सरकार की विफलता पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार स्वच्छ हवा में सांस लेने का बुनियादी अधिकार भी देने में विफल रही है। अभिषेक ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि उस समय दिल्ली को हरित राजधानी के रूप में जाना जाता था, लेकिन आज यह दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बन गई है। उन्होंने नेताओं पर जिम्मेदारी लेने के बजाय एक-दूसरे पर आरोप लगाने। का आरोप लगाया, जिससे समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।विरोध प्रदर्शन की अनुमति का मुद्दा
पुलिस के अनुसार, बिना अनुमति के इकट्ठा होने के कारण कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने स्पष्ट किया, “इंडिया गेट पर विरोध-प्रदर्शन की कोई अनुमति नहीं थी। कानून-व्यवस्था बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई बाधा न आए, कुछ लोगों को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया था। ” डीसीपी (नयी दिल्ली) देवेश कुमार महला ने भी इस बात की पुष्टि की कि कुछ लोगों को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया था। उन्होंने बताया कि केवल जंतर-मंतर को ही विरोध स्थल के रूप में नामित किया गया है, जहां उचित प्रक्रिया का पालन करके प्रदर्शन की अनुमति ली जा सकती है। यह घटना दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ बढ़ती जन। चेतना और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग को दर्शाती है।