India-Russia Relation: भारत बन गया रूस का सबसे जिगरी दोस्त, भरोसा नहीं तो देख लें यह डेटा

India-Russia Relation - भारत बन गया रूस का सबसे जिगरी दोस्त, भरोसा नहीं तो देख लें यह डेटा
| Updated on: 23-Aug-2024 06:00 AM IST
India-Russia Relation: आपको याद होगा कि जब रूस ने यूक्रेन के ऊपर हमला किया था, तो अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देशों मे रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा दिये थे। रूसी बैंकिंग व्यवस्था को दुनिया से अलग-थलग करने के फैसले लिये गये थे। ऐसे समय में भारत अपने पुराने दोस्त की मदद को आगे आया और रूस की इकोनॉमी को सपोर्ट करने के लिए जमकर उससे क्रूड ऑयल खरीदा। भारत पहले नाममात्र का रूसी तेल खरीदता था, लेकिन प्रतिबंधों के बाद सबसे ज्यादा तेल रूस से ही खरीदने लगा। अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के आंखे तरेरने के बावजूद भारत रुका नहीं और रूस से तेल की खरीद बढ़ती गई। अब जुलाई में भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीदने के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। इस तरह भारत रूसी ऑयल (Russian Oil) का दुनिया में सबसे बड़ा आयातक देश बन गया है।

44% तेल रूस से मंगा रहा भारत

चीनी रिफाइनरीज का कम रूसी तेल आयात करने का कारण प्रोड्यूसिंग फ्यूल्स से कम प्रोफिट मार्जिन है। पिछले महीने भारत के कुल तेल आयात में 44 फीसदी हिस्सा रूसी तेल का रहा है। यह एक रिकॉर्ड है। रूसी तेल का आयात बढ़कर रिकॉर्ड 2.07 मिलियन बैरल प्रति दिन पर पहुंच गया है। यह जून की तुलना में 4.2 फीसदी और एक साल पहले की तुलना में 12 फीसदी अधिक है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में ट्रेड एंड इंडस्ट्री सूत्रों से यह जानकारी दी है। वहीं, चीन का जुलाई में रूसी तेल आयात 1.76 मिलियन बैरल प्रति दिन रहा।

ईराक दूसरा बड़ा सप्लायर

भारतीय रिफाइनर्स डिस्काउंट पर मिल रहे रूसी क्रूड ऑयल की बड़ी मात्रा में खरीदारी कर रहे हैं। पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के बाद रूस डिस्काउंट पर क्रूड ऑयल बेच रहा है। एक भारतीय रिफाइनिंग सूत्र ने कहा, "जब तक प्रतिबंधों में और कड़ाई नहीं होती, तब तक रूस से भारत की तेल की आवश्यकता बढ़ने वाली है।" रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन के खिलाफ अपना युद्ध शुरू किया था, तब से भारत का रूस के साथ व्यापार मुख्य रूप से तेल और उर्वरक के आयात के कारण बढ़ा है। यह कदम वैश्विक कीमतों पर नियंत्रण रखने और महंगाई को नियंत्रित करने में मदद कर रहा है। इराक पिछले महीने भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर बना रहा। इसके बाद सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का स्थान था।

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