India Forex Reserve: भारत को 2 हफ्तों में 53000 करोड़ का नुकसान, क्यों उछल रहा इस्लामाबाद

India Forex Reserve - भारत को 2 हफ्तों में 53000 करोड़ का नुकसान, क्यों उछल रहा इस्लामाबाद
| Updated on: 19-Jul-2025 04:40 PM IST

India Forex Reserve: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट दर्ज की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, 11 जुलाई 2025 को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.06 अरब डॉलर घटकर 696.67 अरब डॉलर रह गया। इससे पिछले सप्ताह में यह 3.05 अरब डॉलर की कमी के साथ 699.74 अरब डॉलर था। इस तरह, दो हफ्तों में कुल 6.11 बिलियन डॉलर, यानी करीब 53 हजार करोड़ रुपये की गिरावट देखने को मिली है। यह गिरावट सितंबर 2024 में 704.88 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर से एक उल्लेखनीय कमी है।

इस गिरावट का प्रमुख कारण डॉलर इंडेक्स में तेजी और भारतीय रुपये में कमजोरी को माना जा रहा है। मौजूदा समय में रुपये का मूल्य डॉलर के मुकाबले 86 के स्तर को पार कर गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह रुझान जारी रहा, तो आने वाले दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार में और कमी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील के अभी तक फाइनल न होने और अमेरिका द्वारा ब्रिक्स देशों पर टैरिफ की धमकी ने भी रुपये पर दबाव बढ़ाया है। भारतीय रिजर्व बैंक रुपये को स्थिर करने के लिए लगातार डॉलर खर्च कर रहा है, जिससे भंडार पर और असर पड़ रहा है।

गोल्ड और अन्य रिजर्व में भी कमी

विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख हिस्सा, फॉरेन करेंसी असेट्स (एफसीए), 11 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 2.48 अरब डॉलर घटकर 588.81 अरब डॉलर रह गया। इसमें यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव का प्रभाव शामिल है। इसके साथ ही, स्वर्ण भंडार का मूल्य 49.8 करोड़ डॉलर घटकर 84.35 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 6.6 करोड़ डॉलर की कमी के साथ 18.80 अरब डॉलर रहा, जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार 2.4 करोड़ डॉलर घटकर 4.71 अरब डॉलर रह गया।

पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि

दूसरी ओर, पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी देखने को मिली है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने बताया कि 11 जुलाई को समाप्त सप्ताह में उसके विदेशी मुद्रा भंडार में 2.3 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई, जिससे कुल भंडार 14.53 अरब डॉलर हो गया। वाणिज्यिक बैंकों के पास 5.43 अरब डॉलर का शुद्ध विदेशी मुद्रा भंडार है, जिससे देश का कुल तरल विदेशी मुद्रा भंडार 19.96 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया है। यह वृद्धि पाकिस्तान के लिए सकारात्मक संकेत है, खासकर तब जब क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाएं दबाव का सामना कर रही हैं।

तुलनात्मक विश्लेषण और भविष्य के परिदृश्य

भारत और पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में विपरीत रुझान कई आर्थिक और भू-राजनीतिक कारकों को दर्शाते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक व्यापार और मुद्रा बाजारों में अस्थिरता के प्रति अधिक संवेदनशील है, जिसका असर रुपये और भंडार पर पड़ रहा है। दूसरी ओर, पाकिस्तान की हालिया वृद्धि संभवतः अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता या निर्यात में मामूली सुधार से प्रेरित हो सकती है।

हालांकि, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अभी भी पाकिस्तान की तुलना में काफी बड़ा है, लेकिन लगातार गिरावट चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि रुपये को स्थिर करने के लिए आरबीआई को और हस्तक्षेप करना पड़ सकता है, जिससे भंडार पर और दबाव पड़ सकता है। दूसरी ओर, पाकिस्तान को अपने भंडार को और मजबूत करने के लिए दीर्घकालिक आर्थिक सुधारों पर ध्यान देना होगा।

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