India Russia Relations: रूस के साथ मुश्किल वक्त में दोस्ती निभा रहा भारत, दोनों के बीच दोस्ती की कड़ी बना ये मुस्लिम देश

India Russia Relations - रूस के साथ मुश्किल वक्त में दोस्ती निभा रहा भारत, दोनों के बीच दोस्ती की कड़ी बना ये मुस्लिम देश
| Updated on: 15-Mar-2023 10:38 AM IST
India Russia Relations: यूक्रेन पर हमला करने के बाद दुनिया भर के प्रतिबंध झेल रहे रूस के साथ भारत मजबूती से खड़ा है. भारत और रूस के बीच दशकों पुराने संबंध रहे हैं. इसलिए इस मुश्किल वक्त में भारत मॉस्को के साथ अपनी दोस्ती निभा रहा है. इस बीच एक यूएई भारत-रूस के बीच अहम कड़ी बना हुआ है. दरअसल भारत ने यूक्रेन युद्ध के बाद से मॉस्को के साथ व्यापार बढ़ा दिया है.  भारत ने अरबों डॉलर का तेल रूस से मंगाया है. हालांकि यूएस प्रतिबंधों के बाद भारत और रूस का व्यापार डॉलर में नहीं हो पा रहा है. इस मुश्किल को दूर करने के लिए रूस जहां चीनी मुद्रा युआन में बिजनेस को बढ़ावा दे रहा है. हालांकि भारत को युआन के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति है. भारत के संकट का हल यूएई की मुद्रा दिरहम से निकला है. 

भारत ने बैंकों, अधिकारियों दिए ये निर्देश

गल्फ न्यूज के मुताबिक नीति निर्माण में शामिल तीन सरकारी अधिकारियों और दो बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि भारत ने बैंकों और व्यापारियों से रूसी आयात के भुगतान के लिए चीनी युआन का उपयोग करने से बचने के लिए कहा था.

तीन सरकारी अधिकारियों ने कहा कि भारत, जो रूसी तेल और कम कीमत वाले कोयले का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है, व्यापार सौदों को निपटाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात दिरहम का उपयोग करना पसंद करता है.

इस मामले में सीधे तौर पर शामिल एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि नई दिल्ली युआन में विदेशी व्यापार के निपटान के साथ "सहज नहीं" थी, लेकिन कहा कि दिरहम में समझौता ‘ठीक है.‘

दूसरे अधिकारी ने कहा कि जब तक दोनों देशों के बीच संबंध नहीं सुधरते, तब तक भारत व्यापार आदान-प्रदान को युआन में निपटाने की इजाजत नहीं दे सकता. रिपोर्ट के मुताबिक पांचों अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि क्या युआन में समझौता स्वीकार करने में भारत की अनिच्छा के पीछे कोई आर्थिक कारण थे.

आरबीई नहीं युआन के पक्ष में

दो बैंकिंग अधिकारियों ने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक (केंद्रीय एक) युआन में विदेशी व्यापार के निपटारे के पक्ष में नहीं है, और पुष्टि की कि सरकार उन्हें उस मुद्रा का उपयोग करने से हतोत्साहित करती है.‘  उन्होंने यह भी कहा, ‘रूस युआन में समझौता करना पसंद करता है, क्योंकि यह चीन से सामान खरीदने में मदद करता है.’

रॉयटर्स के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों में, भारतीय रिफाइनरों ने रूसी तेल की कुछ खरीद को रूबल में निपटाना शुरू कर दिया है. लेकिन अधिकांश व्यापार अभी भी अन्य मुद्राओं में है; रूबल आंशिक रूप से परिवर्तनीय है और दोनों देशों ने अभी तक रूपरेखा को अंतिम रूप नहीं दिया है.

पांच में से पहले अधिकारी ने कहा कि भारत सरकार आने वाले महीनों में रूस को अधिकांश भुगतान दिरहम में होने की उम्मीद करती है.

गौरतलब है कि भारत के रूस के साथ लंबे समय से राजनीतिक और सुरक्षा संबंध हैं, और उसने यूक्रेनी युद्ध की निंदा करने से परहेज किया है. वहीं भारत और यूएई के संबंध काफी मजबूत है. पीएम मोदी ने पिछले दिनों यूएई का दौरा किया था. पीएम मोदी ने इस दौरान दोनों देशों के बीच दोस्‍ती की जमकर तारीफ की थी. यूएई कश्‍मीर में भी निवेश करने जा रहा है.

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