Pehalgam Terrorist Attack: 'भारत पानी रोकने की जुर्रत ना करे, नहीं तो', बिलावल के बाद अब पीएम शहबाज ने दी खुली चुनौती

Pehalgam Terrorist Attack - 'भारत पानी रोकने की जुर्रत ना करे, नहीं तो', बिलावल के बाद अब पीएम शहबाज ने दी खुली चुनौती
| Updated on: 26-Apr-2025 03:15 PM IST

Pehalgam Terrorist Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जो कठोर कदम उठाया, उसने पाकिस्तान में खलबली मचा दी है। भारत ने सिंधु जल संधि को रद्द करने का ऐलान करते हुए पाकिस्तान की जीवनरेखा मानी जाने वाली नदियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इस 'वॉटर स्ट्राइक' के बाद पाकिस्तान में गहरी बेचैनी फैल गई है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भारत को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, "भारत अगर हमारे हिस्से के पानी को रोकने की हिमाकत करेगा तो हमारी सेना उसका मुंहतोड़ जवाब देगी।" शहबाज ने यह भी कहा कि पाकिस्तान 240 मिलियन लोगों का देश है और वह अपनी सशस्त्र सेनाओं के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है।

"शांति हमारी प्राथमिकता है," शहबाज शरीफ ने दोहराया, "लेकिन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा पर हम कभी समझौता नहीं करेंगे। किसी को इस मामले में कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए।"

सिंधु किनारे से आई ललकार: बिलावल भुट्टो का उग्र भाषण

इस मुद्दे पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो भी खुलकर सामने आए। सिंधु नदी के किनारे एक जनसभा को संबोधित करते हुए बिलावल ने आक्रामक तेवर दिखाए। उन्होंने कहा,
"या तो सिंधु दरिया में पानी बहेगा, या फिर उनका खून जो हमारी हिस्सेदारी छीनना चाहता है।"
बिलावल ने यह भी दावा किया कि सिंधु दरिया पाकिस्तान की साझा विरासत है और कोई भी इसे पाकिस्तान से छीन नहीं सकता।

बिलावल ने पाकिस्तान के हर नागरिक से अपील करते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब हर पाकिस्तानी दुनिया को बताए कि सिंधु नदी पर डाका बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, "दुश्मन की नजरें अब हमारे पानी पर हैं और पूरे मुल्क को एकजुट होकर इसका जवाब देना होगा।"

भारत की रणनीति: पानी के मोर्चे पर दबाव

भारत का सिंधु जल संधि को खत्म करने का फैसला सिर्फ एक कूटनीतिक कदम नहीं, बल्कि पाकिस्तान के अस्तित्व से जुड़ी नाड़ी पर दबाव बनाने की रणनीति मानी जा रही है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही चरमराई हुई है और अब पानी जैसे महत्वपूर्ण संसाधन पर संकट बढ़ता है तो हालात और भी बदतर हो सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह कदम पाकिस्तान को आर्थिक, सामाजिक और सामरिक तीनों मोर्चों पर घुटने टेकने के लिए मजबूर कर सकता है।

पहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत ने जो कठोर रुख अपनाया है, उससे पाकिस्तान को न केवल आतंकवाद का, बल्कि उसके 'पानी के हथियार' का भी माकूल जवाब मिल रहा है। आने वाले समय में यह संकट भारत-पाक रिश्तों में और तनाव बढ़ा सकता है। अब देखना यह है कि पाकिस्तान इस चुनौती का किस तरह सामना करता है – पानी बचाने के लिए कूटनीति का रास्ता चुनेगा या जंग की राह पर बढ़ेगा।

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