बिज़नेस: क्या गेहूं के बाद चावल का निर्यात भी बैन करेगी मोदी सरकार? ये बोले फूड सेक्रेटरी

बिज़नेस - क्या गेहूं के बाद चावल का निर्यात भी बैन करेगी मोदी सरकार? ये बोले फूड सेक्रेटरी
| Updated on: 13-Jun-2022 09:47 PM IST
Rice Ban: पिछले महीने भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था. चालू वित्त वर्ष में सामान्य से कम उपज और फसल के अपर्याप्त स्टॉक के चलते यह फैसला लिया गया था.  रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण मुद्रास्फीति के दबाव ने भी सरकार को प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर किया है. रूस और यूक्रेन दुनिया में फसल के सबसे बड़े सप्लायर हैं. फरवरी में युद्ध छिड़ने के बाद से सप्लाई पर गहरा असर पड़ा है. 

क्या भारत भी लगाएगा चावल के एक्सपोर्ट पर बैन

गेहूं के बाद अब कुछ लोग यह अनुमान लगा रहे हैं कि इस तरह का बैन चावल पर भी लगाया जा सकता है. क्या भारत सरकार भी चावल का निर्यात रोक देगी? फूड सेक्रेटरी सुधांशु पांडे ने इस पर सफाई दी है. 

द मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक पांडे ने कहा, 'हमारे पास चावल का पर्याप्त स्टॉक है इसलिए ऐसा कोई प्लान नहीं है.' बता दें कि भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है. कई देश पूरी तरह से भारतीय चावल पर निर्भर हैं. अगर भविष्य में किन्हीं कारणों से बैन लगाया जाता है तो इन देशों पर काफी दबाव पड़ेगा क्योंकि युद्ध के कारण ये देश पहले ही बढ़ती महंगाई से जूझ रहे हैं. 

इस साल कैसी रहेगी चावल की पैदावार?

मौसम विभाग ने इस साल सामान्य मॉनसून का अनुमान जताया है. इसका मतलब है कि चावल की पैदावार भी सामान्य रहेगी. यानी बाजार में भारत का दबदबा बरकरार रहेगा. 

भारत का चावल बाजार कितना बड़ा है?

रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में भारत का चावल निर्यात 21.5 मिलिटन टन था. यह अगले चार निर्यातकों थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और अमेरिका के निर्यात से ज्यादा था. भारत दुनिया में चावल का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है, जो चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. साल 2007 में जब भारत ने चावल के निर्यात को बैन कर दिया था, तब दुनिया भर में कीमतें तेजी से बढ़ गई थीं.  भारत दुनिया में 150 से ज्यादा देशों को चावल का निर्यात करता है.  

बता दें कि खाने के सामानों की कीमतें पिछले कुछ महीनों में तेजी से बढ़ी हैं. गेहूं से लेकर मांस, तेल और अनाज की कीमतों में इजाफा हुआ है. बीते दिनों भारत ने गेहूं पर, यूक्रेन ने गेहूं, ओट्स, चीनी और इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया था. 

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।