Duleep Trophy: इंडिया-A ने जीती दलीप ट्रॉफी, इंडिया-C को साई का शतक भी नहीं बचा सका

Duleep Trophy - इंडिया-A ने जीती दलीप ट्रॉफी, इंडिया-C को साई का शतक भी नहीं बचा सका
| Updated on: 22-Sep-2024 08:01 PM IST
Duleep Trophy: इंडिया ए ने दलीप ट्रॉफी का खिताब अपने नाम कर लिया है। मयंक अग्रवाल की कप्तानी में टीम ने आखिरी मुकाबले में इंडिया सी को 132 रन से हराकर यह उपलब्धि हासिल की। यह मैच इतना रोमांचक था कि अंतिम दिन के आखिरी सेशन में साई सुदर्शन (111) की शानदार शतकीय पारी भी इंडिया सी को हार से नहीं बचा सकी।

निर्णायक क्षण

इंडिया ए को जीत के लिए आखिरी 9 ओवर में 4 विकेट की आवश्यकता थी। इस समय साई सुदर्शन क्रीज पर डटे हुए थे, लेकिन तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा ने एक ही ओवर में तीन विकेट लेकर इंडिया ए को जीत दिलाई। कप्तान ऋतुराज गायकवाड़, ईशान किशन और रजत पाटीदार जैसे प्रमुख बल्लेबाजों की नाकामी ने इंडिया सी पर भारी पड़ते हुए उन्हें खिताब से दूर कर दिया।

मुकाबले का सिलसिला

रविवार, 22 सितंबर को, इंडिया ए ने अपनी दूसरी पारी 286 रन पर घोषित की, जिसमें रियान पराग ने सबसे ज्यादा 73 रन बनाए। पहली पारी में मिली 63 रन की बढ़त के साथ, इंडिया ए ने इंडिया सी को जीत के लिए 351 रन का लक्ष्य दिया। हालांकि, इंडिया सी के पास इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगभग ढाई सत्र का समय था, लेकिन टीम कभी भी जीत की स्थिति में नजर नहीं आई।

गायकवाड़ और सुदर्शन का प्रयास

इंडिया सी की शुरुआत अच्छी रही जब कप्तान गायकवाड़ (44) और साई सुदर्शन ने दूसरे विकेट के लिए 77 रन की मजबूत साझेदारी की। लेकिन जब गायकवाड़ का विकेट गिरा, तो टीम की स्थिति कमजोर होने लगी। इसके बाद पाटीदार, किशन, और अभिषेक पोरेल जैसे प्रमुख बल्लेबाज जल्दी-जल्दी आउट हो गए।

सुदर्शन का संघर्ष

साई सुदर्शन ने शानदार बल्लेबाजी की, लेकिन उनके साथी बल्लेबाजों के आउट होने से दबाव बढ़ने लगा। उन्होंने अकेले दम पर शतक बनाया, लेकिन यह सबकुछ उनके प्रयासों के बावजूद टीम को ड्रॉ की ओर ले जाने में नाकाम रहा।

प्रसिद्ध का शानदार स्पेल

इंडिया सी को ड्रॉ के लिए केवल 9 ओवर निकालने थे। इस मौके पर प्रसिद्ध कृष्णा ने अपनी शानदार गेंदबाजी से काम किया। पहले शम्स मुलानी ने सुथार को आउट किया, और फिर प्रसिद्ध ने लगातार दो ओवर में सुदर्शन और अंशुल कंबोज को आउट कर दिया। इस तरह, इंडिया ए ने चैंपियन बनकर दलीप ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया।

निष्कर्ष

इस मुकाबले ने साबित कर दिया कि क्रिकेट में कुछ भी संभव है। इंडिया ए की टीम ने संघर्ष और सामर्थ्य का प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम किया। मयंक अग्रवाल की कप्तानी में टीम ने जो रणनीति अपनाई, वह सफल रही। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अगले सीजन में इंडिया सी अपनी गलतियों से सीखकर कैसे वापसी करती है।

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