India-China Trade: इतना बढ़ गया है भारत-चीन का व्यापार, क्या ट्रंप इसलिए कर रहे 'टैरिफ का वार'?

India-China Trade - इतना बढ़ गया है भारत-चीन का व्यापार, क्या ट्रंप इसलिए कर रहे 'टैरिफ का वार'?
| Updated on: 16-Mar-2025 06:00 AM IST

India-China Trade: भारत और चीन दुनिया की दो बड़ी आर्थिक शक्तियाँ हैं, जिनकी आबादी भी वैश्विक जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा है। ऐसे में दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में वृद्धि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है। हाल ही में यूनाइटेड नेशंस की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि भारत और चीन के बीच व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस बढ़ते व्यापार ने अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है, और इसे देखते हुए यह सवाल उठता है कि क्या अमेरिका का टैरिफ वॉर इसी के कारण है?

भारत-चीन व्यापार में कितनी वृद्धि?

यूनाइटेड नेशंस ट्रेड एंड डेवलपमेंट (UNCTAD) की ग्लोबल ट्रेड अपडेट रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में वैश्विक व्यापार 1,200 अरब डॉलर यानी 9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 33,000 अरब डॉलर तक पहुंच गया। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत और चीन जैसे विकासशील देशों ने औसत से बेहतर व्यापार वृद्धि दर्ज की है, जबकि विकसित देशों में व्यापार में संकुचन देखा गया।

भारत और चीन के बीच व्यापार विशेष रूप से 2024 की चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में मजबूत रहा। भारत से वस्तुओं के निर्यात में इस अवधि में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि 2023 की तुलना में वार्षिक वृद्धि 2 प्रतिशत रही। इसके विपरीत, दक्षिण कोरिया के निर्यात में नरमी देखी गई, फिर भी यह दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक रहा।

अमेरिका और टैरिफ वॉर

2024 की चौथी तिमाही में अमेरिका का आयात दर सकारात्मक रहा, जबकि निर्यात में गिरावट दर्ज की गई। जापान, रूस, दक्षिण अफ्रीका और यूरोपीय यूनियन में तिमाही और वार्षिक दोनों आधार पर आयात में कमी आई। जनवरी 2025 में अमेरिका में सत्ता परिवर्तन हुआ, और डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही चीन पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए टैरिफ वॉर छेड़ दिया। उनका उद्देश्य अमेरिका में विनिर्माण को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना है, जिसे वे 'मेक इन अमेरिका' अभियान के तहत आगे बढ़ा रहे हैं।

अमेरिका की चिंता वाजिब?

यूएन की रिपोर्ट अमेरिका की चिंता को सही ठहराती है, क्योंकि उसका घटता निर्यात उसके लिए एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। ट्रंप द्वारा टैरिफ वॉर शुरू करना इस गिरावट को रोकने और चीन जैसी शक्तियों को नियंत्रित करने की रणनीति का हिस्सा माना जा सकता है।

निष्कर्ष

भारत और चीन के बीच बढ़ता व्यापार वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है और अमेरिका जैसे देशों की आर्थिक नीतियों को भी बदलने के लिए मजबूर कर रहा है। आने वाले वर्षों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत और चीन की व्यापारिक रणनीतियाँ अमेरिका की नीतियों को कैसे प्रभावित करती हैं और वैश्विक आर्थिक संतुलन में क्या बदलाव लाती हैं।

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