क्रिकेट: इंग्लैंड की मदद ना भूलें भारतीय, मुंबई हमले के बाद आई थी वापस-सुनील गावस्कर

क्रिकेट - इंग्लैंड की मदद ना भूलें भारतीय, मुंबई हमले के बाद आई थी वापस-सुनील गावस्कर
| Updated on: 11-Sep-2021 05:25 PM IST
सुनील गावस्कर ने कहा कि यह कभी नहीं भूलना चाहिये कि केविन पीटरसन ने उस टीम का नेतृत्व किया और वह इस फैसले के मामले में मुख्य व्यक्ति थे. अगर पीटरसन ने उस समय भारत आने से मना कर दिया होता तो दौरा वही खत्म हो जाता.

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज ओपनर सुनील गावस्कर ने रद्द किए गए मैनचेस्टर टेस्ट को फिर से आयोजित करने की बीसीसीआई की पेशकश की सराहना की है. उन्‍होंने कहा कि भारत को दौरे को पूरा करने के लिए वापस लौटने की इंग्लैंड की उस मदद को कभी नहीं भूलना चाहिए, जिसे 2008 में 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के कारण बीच में ही रोक दिया गया था.

भारतीय टीम के सहायक फिजियो योगेश परमार भी पॉजिटिव पाये गए जिसके बाद भारतीय टीम ने टेस्ट श्रृंखला का पांचवां मैच नहीं खेलने का फैसला किया. बीसीसीआई और इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने बाद में कहा है कि मैच बाद की किसी तारीख को फिर से खेला जाएगा. यह मुकाबला हालांकि इस सीरीज का हिस्सा नहीं होगा, लेकिन इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है.

गावस्कर ने कहा कि हां, मुझे लगता है कि यह सही (रद्द किए गए टेस्ट को फिर से खेलने की योजना बनना) कदम होगा. देखिए, भारत में हमें इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए कि इंग्लैंड की टीम ने 2008 में 26/11 के आतंकवादी हमले के बाद क्या किया था. वे श्रृंखला पूरी करने वापस आये थे. उन्होंने कहा कि इंग्लैंड की टीम उस समय कह सकती थी कि ‘हम सुरक्षित महसूस नहीं करते. हम वापस नहीं आयेंगे’ लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

टेस्ट सीरीज के लिए वापस आई थी इंग्लैंड टीम

जब आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला किया, तब मेहमान इंग्लैंड की टीम 26 नवंबर को कटक में भारत के खिलाफ वनडे मैच खेल रही थी. जिससे 7 मैचों की श्रृंखला के आखिरी 2 एकदिवसीय मैच रद्द हो गए. इंग्लैंड ने तुरंत स्वदेश जाने का फैसला किया, लेकिन बाद में दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए वापसी की, जिसमें भारत ने 1-0 से जीत हासिल की. गावस्कर ने कहा कि तत्कालीन कप्तान केविन पीटरसन ने टेस्ट मैचों के लिए इंग्लैंड की वापसी के फैसले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

उन्होंने कहा कि यह कभी नहीं भूलना चाहिये कि केविन पीटरसन ने उस टीम का नेतृत्व किया और वह इस फैसले के मामले में मुख्य व्यक्ति थे. अगर पीटरसन ने उस समय भारत आने से मना कर दिया होता तो दौरा वही खत्म हो जाता. गावस्कर ने बीसीसीआई के मैच बाद की तारीख में फिर से खेलने की पेशकश को ‘शानदार खबर’ करार देते हुए कहा कि रद्द किये गये टेस्ट को इंडियन प्रीमियर लीग के बाद अगले साल आयोजित किया जा सकता है


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