Israel-Iran Conflict: मिडिल ईस्ट एक बार फिर युद्ध की आग में झुलस रहा है। इजरायल और ईरान के बीच जारी टकराव अब बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। बीते कुछ दिनों में दोनों देशों ने न केवल एक-दूसरे पर तीव्र मिसाइल और ड्रोन हमले किए, बल्कि राजनीतिक बयानबाजी और रणनीतिक साजिशों ने हालात को और विस्फोटक बना दिया है।
इजरायल और ईरान के बीच जंग चौथे दिन भी लगातार जारी है। सोमवार को यरुशलम और तेल अवीव में मिसाइल हमलों की वजह से जोरदार धमाके हुए। इजरायली इमरजेंसी सर्विस MDA के अनुसार, अब तक 12 लोग घायल हुए हैं जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। शहरों में लगातार सायरन बज रहे हैं और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों में रहने के निर्देश दिए गए हैं।
इस पूरे घटनाक्रम में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बड़ा बयान सामने आया है। फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में उन्होंने दावा किया कि ईरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मारने की योजना बना रहा है। नेतन्याहू के अनुसार, ईरान ट्रंप को अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है।
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को मारने की गुप्त योजना बनाई थी, लेकिन अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप ने इसका विरोध किया। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों का मानना है कि इजरायल के पास यह कार्रवाई करने का अवसर था, लेकिन इस पर अंतिम मुहर नहीं लग पाई।
कतर और ओमान द्वारा मध्यस्थता की कोशिशों के बावजूद ईरान ने संघर्षविराम की किसी भी बातचीत से साफ इनकार कर दिया है। इस इनकार के बाद इजरायल ने हमले और तेज कर दिए हैं, जिससे व्यापक क्षेत्रीय युद्ध की आशंका बढ़ गई है।
रविवार रात को हुए इजरायली हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के खुफिया प्रमुख मोहम्मद काज़म की मौत हो गई। यह हमला ऐसे वक्त में हुआ जब दोनों देश एक-दूसरे के रिहायशी इलाकों को निशाना बना रहे हैं। इससे आम नागरिकों की जान-माल को भारी नुकसान हो रहा है।
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इजरायली पीएम नेतन्याहू से बातचीत कर कूटनीतिक रास्ता अपनाने की अपील की है। उन्होंने कहा, "ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए, लेकिन समाधान युद्ध नहीं, वार्ता होनी चाहिए।"