India-Iran Relations: पश्चिम एशिया में ईरान ने बताया भारत कैसे कम कर सकता है तनाव? जानें

India-Iran Relations - पश्चिम एशिया में ईरान ने बताया भारत कैसे कम कर सकता है तनाव? जानें
| Updated on: 05-Oct-2024 03:40 PM IST
India-Iran Relations: यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बाद, अब ईरान भी यह मानने लगा है कि भारत वैश्विक स्तर पर किसी भी तनाव को कम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने हाल ही में बयान दिया कि भारत एक बड़ी शक्ति है और यह ग्लोबल साउथ की आवाज बनकर मध्य पूर्व में संघर्षों को कम करने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है।

यह बयान उस समय आया है, जब हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान और इजराइल के बीच सीधे युद्ध की संभावनाएं बढ़ गई हैं। विश्व नेताओं ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन तनाव का स्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इलाही ने कहा कि ईरान ने भारत और अन्य प्रभावशाली देशों से संघर्ष के बीच शांति की अपील की है।

भारत-ईरान के ऐतिहासिक संबंध

भारत के इजराइल और ईरान दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं, और इसी कारण विश्व शक्तियां भारत को मध्यस्थ के रूप में देख रही हैं। इलाही ने इस बात पर जोर दिया कि "भारत के इजराइल के साथ भी अच्छे रिश्ते हैं, लेकिन ये ईरान के साथ के जितने पुराने नहीं हैं। भारत और ईरान के रिश्ते लगभग 2,000 साल पुराने हैं।"

ईरान की अपेक्षा है कि भारत अपने प्रभाव का इस्तेमाल मध्य पूर्व में तनाव को कम करने के लिए करेगा।

ईरान का सुरक्षा आश्वासन

जब इजराइल के संभावित जवाबी हमलों के बारे में सवाल किया गया, तो राजदूत ने कहा कि ईरान भारतीयों और अन्य देशों के नागरिकों के लिए एक सुरक्षित देश है। उन्होंने यह भी बताया कि ईरान का चाबहार पोर्ट और अन्य कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट सुरक्षित हैं, जो भारत-ईरान रिश्तों की रीढ़ हैं। इलाही ने आश्वासन दिया कि ईरान का क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार और संबंधों के लिए सुरक्षित है।

चीन और रूस के साथ सहयोग

ईरान के राजदूत ने यह भी बताया कि तनाव के बीच ईरान चीन और रूस के साथ करीबी बातचीत कर रहा है, जिसमें तीनों देशों के बीच सुरक्षा जानकारियों का आदान-प्रदान हो रहा है। उन्होंने कहा कि ईरान ने भारत और अन्य देशों से भी तनाव कम करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए आग्रह किया है।

निष्कर्ष

भारत का मध्यस्थ के रूप में उभरना एक महत्वपूर्ण विकास है, जो न केवल भारतीय कूटनीति के लिए बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है। ईरान का यह विश्वास कि भारत इस क्षेत्र में शांति स्थापित कर सकता है, इसे एक महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करता है, जिससे न केवल भारत के हितों को बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता को भी लाभ होगा। यदि भारत इस अवसर का सही तरीके से उपयोग करता है, तो यह न केवल क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा दे सकता है, बल्कि अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी मजबूत कर सकता है।

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