It Stock Analysis: आने वाली है मंदी? इन 6 कारणों से 10 आईटी कंपनियों के डूबे 88000

It Stock Analysis - आने वाली है मंदी? इन 6 कारणों से 10 आईटी कंपनियों के डूबे 88000
| Updated on: 14-Mar-2025 02:20 PM IST

It Stock Analysis: शेयर बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। आंकड़ों को देखें तो निवेशकों के चेहरों पर मंदी का खौफ साफ नजर आ रहा है। खासकर आईटी स्टॉक्स की बात करें तो ये अपने पीक से 16% से 33% तक टूट चुके हैं। इस गिरावट के कारण देश की टॉप 10 आईटी कंपनियों की कुल वैल्यूएशन में 88,000 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। टॉप 10 आईटी शेयरों में से आठ मंदी की गिरफ्त में हैं, जिनमें इंफोसिस, एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा शामिल हैं। एलटीआईमाइंडट्री को सबसे ज्यादा झटका लगा है, जो 34% गिरा है, जबकि विप्रो ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन यह भी 16% नीचे है।

गुरुवार को शेयर बाजार में लगातार 5वें दिन गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी अपने पीक से करीब 15% नीचे है, जबकि सेंसेक्स भी 13% से अधिक गिर चुका है। हालांकि, मार्च महीने में सेंसेक्स में 630.81 अंकों की बढ़ोतरी देखी गई थी, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए लगता है कि लगातार छठे महीने भी सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट का माहौल देखने को मिल सकता है।

आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट के प्रमुख कारण

  1. अमेरिका में मंदी की आशंका: अमेरिका में संभावित मंदी का प्रभाव वैश्विक बाजारों पर पड़ रहा है। अमेरिकी प्रशासन की टैरिफ नीतियों और आर्थिक अस्थिरता ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है। जेपी मॉर्गन के अनुसार, अमेरिका में मंदी की संभावना लगभग 40% तक बढ़ चुकी है, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

  2. राजस्व वृद्धि का कमजोर अनुमान: वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने भारतीय आईटी कंपनियों के लिए अमेरिकी डॉलर में राजस्व वृद्धि का अनुमान घटा दिया है। वित्त वर्ष 2026 में यह केवल 4.5% और वित्त वर्ष 2027 में 6% रहने की संभावना जताई गई है। इसके कारण निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ गई है।

  3. एआई का खतरा: जनरेटिव एआई (GenAI) का विकास आईटी सर्विस इंडस्ट्री के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर रहा है। निवेशकों को इस बात की चिंता है कि एआई के बढ़ते उपयोग से पारंपरिक आईटी सेवाओं की मांग घट सकती है, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों की वृद्धि धीमी हो सकती है।

  4. वैल्यूएशन को लेकर चिंता: निफ्टी आईटी का पी/ई अनुपात अभी भी निफ्टी के औसत से 37% अधिक है। मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, हालिया गिरावट के बावजूद आईटी कंपनियों के मूल्यांकन अभी भी महंगे बने हुए हैं, जिससे निवेशक सतर्क हो गए हैं।

  5. फेडरल रिजर्व की ब्याज दरें: अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम होने से भारतीय आईटी कंपनियों की परेशानी बढ़ गई है। उच्च ब्याज दरों के कारण निवेशकों का झुकाव सुरक्षित संपत्तियों की ओर बढ़ रहा है, जिससे इक्विटी बाजार प्रभावित हो रहा है।

क्या निवेशकों के लिए यह सही समय है?

आईटी सेक्टर में मंदी का मौजूदा दौर निवेशकों के लिए चिंता का विषय है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से यह सेक्टर अभी भी मजबूत बना हुआ है। जो निवेशक दीर्घकालिक लाभ की सोच रहे हैं, उनके लिए यह एक अवसर हो सकता है। हालांकि, अल्पकालिक निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है।

निष्कर्ष

आईटी सेक्टर में मौजूदा गिरावट का प्रमुख कारण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं, अमेरिकी मंदी की आशंका, और तकनीकी नवाचारों का प्रभाव है। हालांकि, यह सेक्टर लंबी अवधि में फिर से मजबूती पकड़ सकता है। निवेशकों को सतर्क रहकर सोच-समझकर निर्णय लेने की जरूरत है ताकि वे इस अस्थिरता में भी मुनाफा कमा सकें।

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