ISRO Mission: इसरो ने लॉन्च किया XPoSAT सैटेलाइट- ब्लैक होल के खुलेंगे रहस्य!

ISRO Mission - इसरो ने लॉन्च किया XPoSAT सैटेलाइट- ब्लैक होल के खुलेंगे रहस्य!
| Updated on: 01-Jan-2024 09:52 AM IST
ISRO Mission: साल के पहले दिन आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने XPoSAT सैटेलाइट लॉन्च कर इतिहास रच दिया. श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर लॉन्चिंग का समय निर्धारित किया गया था. भारत ऐसा करने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है. XPoSAT ब्लैक होल के रहस्य का पता लगाएगा. दरअसल, वेधशाला को XPoSAT या एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट कहा जाता है.

ब्रह्मांड की खोज में एक साल से भी कम समय में यह भारत का तीसरा मिशन है. बीते साल चंद्रमा पर पहुंच चुका भारत 2024 की शुरुआत ब्रह्मांड और इसके सबसे स्थाई रहस्यों में से एक यानी ब्लैक होल के बारे में जानकारी जुटाने में महत्वाकांक्षी प्रयास करने की कोशिश में है. देश एक उन्नत खगोल विज्ञान वेधशाला लॉन्च करने वाला दुनिया का दूसरा देश बना है, जो विशेष रूप से ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों के अध्ययन के लिए तैयार है.

POLIX और XSPECT दो पेलोड

जब सबसे बड़े तारों की उर्जा खत्म हो जाती है और वे ‘खत्म हो जाते हैं’ तब वे अपने गुरुत्वाकर्षण के कारण ढह जाते हैं. अपने पीछे ब्लैक होल या न्यूट्रॉन तारे छोड़ जाते हैं. बताया गया है कि एक्स-रे फोटॉन और उनके पोलराइजेशन का इस्तेमाल करके XPoSAT ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों के पास से रेडिएशन का अध्ययन करने में मदद करेगा. इसमें POLIX (एक्स-रे में पोलारिमीटर इंस्ट्रूमेंट) और XSPECT (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) नामक दो पेलोड हैं.

सैटेलाइट POLIX पेलोड द्वारा थॉमसन स्कैटरिंग के जरिए लगभग 50 संभावित ब्रह्मांडीय सोर्स से निकलने वाली एनर्जी बैंड 8-30keV में एक्स-रे के पोलराइजेशन को मापेगा. ये ब्रह्मांडीय एक्स-रे सोर्स का लंबे समय तक स्पेक्ट्रल और अस्थायी अध्ययन करेगा. साथ ही साथ POLIX और XSPECT पेलोड के जरिए से ब्रह्मांडीय सोर्स से एक्स-रे उत्सर्जन का पोलराइजेशन और स्पेक्ट्रोस्कोपिक माप भी करेगा.

नासा कम पैसों में बनाया सैटेलाइट

ब्रह्मांड में ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण बल सबसे अधिक है और न्यूट्रॉन सितारों का घनत्व सबसे अधिक है. इस बारे में अधिक जानकारी मिशन के जरिए जुटाई जाएगी. साथ ही साथ अंतरिक्ष में अति-चरम वातावरण के रहस्यों को जानने में भी मदद मिलेगी. XPoSat सैटेलाइट बनाने में लगभग 250 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जबकि इसी तरह के मिशन को NASA ने IXPE को साल 2021 में लॉन्च किया था. उनसे 188 मिलियन डॉलर खर्च किए थे.

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