Amit Shah News: कश्यप के नाम से कश्मीर का नाम हो सकता है... अमित शाह का बड़ा ऐलान

Amit Shah News - कश्यप के नाम से कश्मीर का नाम हो सकता है... अमित शाह का बड़ा ऐलान
| Updated on: 02-Jan-2025 09:05 PM IST
Amit Shah News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नई दिल्ली में ‘J&K and Ladakh Through the Ages’ पुस्तक का विमोचन किया और कश्मीर के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कश्मीर के नाम और संस्कृति की ऐतिहासिक गहराईयों को उजागर करते हुए इसे भारतीय संस्कृति की नींव बताया।

कश्मीर: भारतीय संस्कृति की जड़

अमित शाह ने कहा कि कश्मीर का नाम ऋषि कश्यप से जुड़ा हो सकता है। उन्होंने ऐतिहासिक प्रमाणों जैसे शंकराचार्य, सिल्क रूट और हेमिष मठ का उल्लेख करते हुए इसे भारतीय संस्कृति का आधार बताया। सूफी, बौद्ध और शैल मठों ने कश्मीर की संस्कृति को समृद्ध किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कश्मीर ने हमेशा भारत के सांस्कृतिक उत्थान में अहम भूमिका निभाई।

स्थानीय भाषाओं को संरक्षण

शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि कश्मीरी, डोगरी, बालटी और झंस्कारी जैसी भाषाओं को शासन की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि यह पीएम मोदी के उस दृष्टिकोण को दर्शाता है जिसमें स्थानीय भाषाओं और संस्कृतियों को संरक्षित करना प्राथमिकता है।

धारा 370 और 35ए: एक ऐतिहासिक निर्णय

अमित शाह ने धारा 370 और 35ए को भारत और कश्मीर के बीच की दीवार बताया। उन्होंने कहा कि इन धाराओं ने युवाओं के बीच अलगाववाद का बीज बोया और कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दिया। लेकिन, मोदी सरकार ने इस कलंकित अध्याय को समाप्त कर कश्मीर में विकास का मार्ग प्रशस्त किया।

भारत की सांस्कृतिक सीमाएं

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसकी सीमाएं सांस्कृतिक परंपराओं के आधार पर निर्धारित होती हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी और गांधार से ओडिशा तक, भारत की विविधता उसकी सांस्कृतिक एकता का प्रमाण है।

इतिहास और लद्दाख का योगदान

शाह ने पुस्तक में लद्दाख और कश्मीर में तोड़े गए मंदिरों, संस्कृत भाषा के उपयोग, और आजादी के बाद की गलतियों और सुधार की प्रक्रिया का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास लुटियन दिल्ली से नहीं, बल्कि प्रमाणों और सच्चाई के आधार पर लिखा जाना चाहिए।

कश्मीर का गौरव और भविष्य

अमित शाह ने कहा कि कश्मीर न केवल भारत का हिस्सा है बल्कि उसकी आत्मा का अभिन्न अंग है। उन्होंने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नारे को दोहराते हुए कहा कि कश्मीर का सांस्कृतिक गौरव पुनः स्थापित किया जाएगा।

समृद्ध इतिहास का संरक्षण

अंत में, उन्होंने देश के इतिहासकारों से आग्रह किया कि वे भारत के इतिहास को प्रमाणों के आधार पर पुनः लिखें। उन्होंने कहा कि कश्मीर का इतिहास और संस्कृति भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।

यह पुस्तक न केवल कश्मीर और लद्दाख के ऐतिहासिक तथ्यों को सामने लाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कश्मीर भारत के दिल में कितनी गहराई से बसा हुआ है। अमित शाह का संदेश स्पष्ट था: कश्मीर का सांस्कृतिक गौरव भारत के अतीत, वर्तमान और भविष्य का अभिन्न हिस्सा है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।