बड़ी खबर: रेलवे ट्रैक किनारे बसीं 48 हजार झुग्‍गीवालों को पक्‍का मकान देगी केजरीवाल सरकार

बड़ी खबर - रेलवे ट्रैक किनारे बसीं 48 हजार झुग्‍गीवालों को पक्‍का मकान देगी केजरीवाल सरकार
| Updated on: 15-Sep-2020 07:58 AM IST
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) ने दिल्ली में रेल पटरियों के किनारे रहने वाले झुग्गीवालों (Slum Dwellers) को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार दिल्ली में रेलवे लाइन (Railway Line) और पटरियों के आसपास रहने वाले 48000 झुग्गीवालों के लिए पक्के मकान की व्यवस्था करेगी। इन सभी झुग्गीवालों को 5 किलोमीटर के अंदर ही पक्‍का मकान मुहैया कराया जाएगा।

दरअसल, दिल्ली में रेलवे लाइन के आसपास बनी झुग्गी बस्तियों को सोमवार को उस समय बड़ी राहत मिली जब केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय को यह आश्वासन दिया कि सरकार द्वारा इस मामले में अंतिम निर्णय लिये जाने तक इन झुग्गियों को नहीं हटाया जायेगा। बता दें कि शीर्ष अदालत ने 31 अगस्त को एक फैसले में दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बसीं 48,000 झुग्गियों को तीन महीने के अंदर हटाने का निर्देश दिया था। इस मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय सत्र के दौरान बहस हुई और आम आदमी पार्टी और विपक्षी दल भाजपा ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए।


विधानसभा में बहस

नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारेबाजी करते हुए 2022 तक सभी को घर उपलब्ध कराने के उनके अभियान की प्रशंसा की। केजरीवाल ने कहा, 'मेरा मानना है कि महामारी के इस दौर में 48,000 झुग्गियों को हटाना सही नहीं है। यदि वह स्थान कोरोना वायरस हॉटस्पॉट बन गया तो क्या होगा? कानून कहता है कि पुनर्वास से पहले उन्हें हटाया नहीं जाना चाहिए। हर झुग्गी वाले का यह कानूनी अधिकार है कि उसका एक घर हो।'


500 से ज्यादा झुग्गियों को खादर इलाके में तोड़ा गया

वहीं, रविवार को खबर सामने आई थी कि दिल्ली के यमुना बैंक मेट्रो के पास यमुना खादर इलाके में प्रशासन ने सैकड़ों झुग्गियां तोड़ दीं। वन विभाग की तरफ से कहा गया था कि डीडीए ने यह ज़मीन वन विभाग को दी है। यहां पेड़ पौधे लगाए जाएंगे। यमुना खादर में रहने वाले स्थानीय लोगों के मुताबिक 500 से ज्यादा झुग्गियों को खादर इलाके में तोड़ा गया। प्रशासन शनिवार सुबह यहां जेसीबी, अर्धसैनिक बल और पुलिस के साथ पंहुचा, जिसके बाद यहां झुग्गियों को तोड़ा गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिना नोटिस के यहां से झुग्गियों को तोड़ा गया है।


मामला अभी कोर्ट में

स्थानीय लोगों का कहना है कि मामला अभी कोर्ट में है। बावजूद इसके यहां झुग्गियां तोड़ी जा रही हैं। यहां के लोगों का कहना है कि करीब 30-40 साल से यहां रह रहे हैं अब झुग्गियां तोड़ दी गयी है, अब कहां जाएंगे। झुग्गियों के तोड़ने से यहां रह रहे हजारों लोग फिलहाल बेघर हो गए हैं।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।