1984 Sikh Riots: ‘हमारी मां की हत्या की, सिखों को मार डालो’- टाइटलर पर गवाह का दावा

1984 Sikh Riots - ‘हमारी मां की हत्या की, सिखों को मार डालो’- टाइटलर पर गवाह का दावा
| Updated on: 06-Aug-2023 08:53 AM IST
1984 Sikh Riots: 1984 सिख दंगों के आरोपी कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टाइटलर को लेकर एक गवाह ने बड़ा दावा किया है. गवाह का दावा है कि दंगों के दौरान जगदीश टाइटलर ने भीड़ को सिखों की हत्या करने के लिए उकसाया था. गवाह ने बताया कि गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने कार से उतरे जगदीश टाइटलर ने चीखते हुए भीड़ से कहा था कि सिखों को मारो, उन्होंने हमारी मां की हत्या की है.

टाइटलर के खिलाफ दायर आरोप पत्र में गवाह ने दावा किया है कि टाइटल के इस उकसावे के बाद गुरुद्वारा परिसर में तीन सिखों की हत्या कर दी गई थी. टाइटलर शनिवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों से एक मामले में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद के सामने पेश हुए थे.

तुम सिखों की हत्या करो- टाइटलर पर गवाह का दावा

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गवाह ने अपने बयान में दावा किया है कि टाइटलर ने अपने समर्थकों से गुस्से में चीखते हुए कहा, ”मैंने तुमको बताया था कि तुम्हें कोई नुकसान नहीं होगा. तुम सिखों की हत्या करो, बावजूद इसके बहुत कम सिखों की हत्या हुई. मुझे शर्मशार होना पड़ रहा है. पूर्वी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली की तुलना में मेरे निर्वाचन क्षेत्रों नाममात्र हत्याएं हुई हैं.” गवाह ने बताया कि यह कहकर टाइटलर गुस्से में वहां से चले गए.

टाइटलर के बाद हिंसक हो गई भीड़- गवाह

वहीं, कुछ गवाहों ने यह भी दावा किया कि हमने सही से नहीं सुना कि टाइटलर ने सटीक रूप से क्या कहा था, लेकिन उनके कुछ कहने के बाद भीड़ हिंसक हो गई, भगदड़ मच गई और गुरुद्वारा पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया. वहीं, आरोपपत्र में सीबीआई ने कहा कि टाइटलर ने सिखों को मारने के लिए भीड़ को उकसाया था. इसके बाद भीड़ ने पहले गुरुद्वारे में आग लगाई, फिर तीन सिखों की हत्या कर दी. सीबीआई ने यह भी कहा कि टाइटलर ने अलग-अलग धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी को भी बढ़वा दिया.

इंदिरा की हत्या के बाद हुए सिख दंगे

बता दें कि 31 अक्टूबर साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी. हत्या उनके दो सिख बॉडीगार्ड्स ने की थी. इसके अगले ही दिन यानी एक नवंबर को दिल्ली में दंगे भड़क गए, जिसमें कई सिखों की हत्या कर दी गई थी.

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