IND vs AUS: कुलदीप यादव बने टी20 इंटरनेशनल में नंबर-1 भारतीय गेंदबाज, ऑस्ट्रेलिया से मिली हार

IND vs AUS - कुलदीप यादव बने टी20 इंटरनेशनल में नंबर-1 भारतीय गेंदबाज, ऑस्ट्रेलिया से मिली हार
| Updated on: 31-Oct-2025 06:03 PM IST
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही पांच मैचों की टी20 सीरीज का दूसरा मुकाबला मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया, जिसमें भारतीय टीम को 4 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 18. 4 ओवर में 125 रन बनाकर अपनी पूरी पारी समेट ली और वहीं, ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इस लक्ष्य को 13. 2 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर हासिल कर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। टीम इंडिया को भले ही इस मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन स्पिन गेंदबाज कुलदीप यादव ने एक बड़ा कारनामा कर दिखाया। वह अब भारत की तरफ से घर से बाहर टी20। इंटरनेशनल में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं।

कुलदीप यादव का ऐतिहासिक कीर्तिमान

कुलदीप यादव ने टी20 इंटरनेशनल में अपनी गेंदबाजी से एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने घर से बाहर टी20 इंटरनेशनल मैचों में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज का गौरव हासिल किया है। इस उपलब्धि के साथ, उन्होंने इससे पहले इस सूची में शीर्ष पर काबिज युजवेंद्र चहल को पीछे छोड़ दिया है और कुलदीप ने यह कमाल सिर्फ 18 पारियों में किया है, जो उनकी प्रभावशाली प्रदर्शन और निरंतरता को दर्शाता है। यह रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, खासकर जब टीम विदेशी धरती पर टी20 प्रारूप में अपनी छाप छोड़ना चाहती है।

आंकड़ों में कुलदीप का दबदबा

कुलदीप यादव ने घर से बाहर विरोधी टीम के मैदान पर टी20 इंटरनेशनल की 18 पारियों में गेंदबाजी करते हुए 11. 02 के बेहतरीन औसत से कुल 39 विकेट हासिल किए हैं। यह आंकड़ा उनकी असाधारण विकेट लेने की क्षमता और किफायती गेंदबाजी को दर्शाता है। इसके विपरीत, युजवेंद्र चहल ने 32 पारियों में 27. 62 के औसत से 37 विकेट लिए थे और कुलदीप ने चहल से काफी कम पारियों में यह उपलब्धि हासिल की है, जो उनके प्रदर्शन की विशिष्टता को और भी बढ़ाता है। इस सूची में हार्दिक पांड्या 36 विकेट के साथ तीसरे स्थान पर हैं, जबकि जसप्रीत बुमराह। 34 विकेट के साथ चौथे और अर्शदीप सिंह 32 विकेट के साथ पांचवें स्थान पर हैं। यह आंकड़े कुलदीप की मौजूदा फॉर्म और टी20 प्रारूप में उनकी बढ़ती महत्ता को रेखांकित करते हैं। दूसरे टी20 मुकाबले में भारतीय टीम की बल्लेबाजी पूरी तरह से लड़खड़ा गई। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड की पिच पर भारतीय बल्लेबाज बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रहे और पूरी टीम 18. 4 ओवर में सिर्फ 125 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। यह एक ऐसा स्कोर था जिसे बचाने के लिए गेंदबाजों को असाधारण प्रदर्शन करना पड़ता। भारतीय बल्लेबाजी क्रम में साझेदारियों की कमी और नियमित अंतराल पर विकेट गिरने से टीम एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने में विफल रही। इस प्रदर्शन ने टीम पर दबाव बढ़ा दिया और ऑस्ट्रेलिया। को एक आसान लक्ष्य का पीछा करने का मौका मिल गया।

ऑस्ट्रेलिया की तेज तर्रार जीत

ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत द्वारा दिए गए 125 रनों के लक्ष्य को बड़ी आसानी से हासिल कर लिया। उन्होंने यह लक्ष्य सिर्फ 13. 2 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि भारतीय गेंदबाजों के पास बचाव के लिए पर्याप्त रन नहीं थे। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने आक्रामक रुख अपनाया और तेजी से रन बटोरे, जिससे भारतीय गेंदबाजों को दबाव में आने का मौका नहीं मिला। इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की टी20 सीरीज में 1-0 की बढ़त बना। ली है, जिससे भारतीय टीम पर अगले मैचों में बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव बढ़ गया है।

गेंदों के मामले में दूसरी सबसे बड़ी हार

यह हार भारतीय टीम के लिए एक और निराशाजनक आंकड़ा लेकर आई। ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में लक्ष्य का पीछा 40 गेंदें शेष रहते ही कर लिया, जो भारतीय टीम की टी20 इंटरनेशनल में गेंदों के मामले में दूसरी सबसे बड़ी हार है। इससे पहले, साल 2008 में मेलबर्न के मैदान पर ही ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 52 गेंदें पहले हराकर सबसे बड़ी हार दी थी। यह आंकड़ा भारतीय टीम के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि यह दर्शाता है कि टीम बड़े। अंतर से मैच हार रही है, जो उनके प्रदर्शन में सुधार की तत्काल आवश्यकता को इंगित करता है।

टी20 इंटरनेशनल में घर से बाहर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज

कुलदीप यादव - 39 विकेट युजवेंद्र चहल - 37 विकेट हार्दिक पांड्या - 36 विकेट जसप्रीत बुमराह - 34 विकेट अर्शदीप सिंह - 32 विकेट कुलदीप यादव का यह व्यक्तिगत प्रदर्शन भारतीय टीम के लिए एक उज्ज्वल बिंदु है, खासकर ऐसे समय में जब टीम को हार का सामना करना पड़ा है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय स्पिन गेंदबाजी की गहराई और प्रतिभा को भी दर्शाती है। टीम को अब इस हार से उबरकर अगले मैचों में वापसी करनी होगी ताकि सीरीज में अपनी पकड़ मजबूत कर सके।

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