Madhya Pradesh: कूनो का किस्मत वाला बकरा, अब चीतों की रफ्तार से होगा सामना

Madhya Pradesh - कूनो का किस्मत वाला बकरा, अब चीतों की रफ्तार से होगा सामना
| Updated on: 17-Sep-2022 04:51 PM IST
मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आठ चीते आ गए हैं। जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने अपने हाथों से छोड़ा है। इन लाए गए चीतों में पांच मादा और तीन नर को लाया गया है। इनसे ही भारत में चीतों का कुनबा बढ़ाने की तैयारी है। इन चीतों के भोजन के लिए चीतल को भी छोड़ा गया है। लेकिन कूनो से एक ऐसा शिकार चर्चा में है जो हर बार बच जाता है। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या ये चीतों का शिकार बन पाएगा ?

जानकारी के अनुसार कूनो में एक किस्मत वाला बकरा है जिसे चारे के तौर पर इस्तेमाल किया गया है लेकिन अब तक उसे कोई भी अपना शिकार नही बना सका। जानकारी मिली है कि इस बकरे को लगभग 20 बार शिकार के लिए बांधा गया है लेकिन हर बार वह बच गया। कूनो में इन चीतों से पहले 6 में तेंदुएं लाए गए थे। 

लेकिन इन तेंदुओं ने भी ने उस बकरे को अपना शिकार नहीं बनाया। यह बकरा आज भी इसे मजे से जंगल में घास चरते देखा जा रहा है कूनो नेशनल पार्क के कर्मचारी इसे भाग्यशाली बकरा कहते है क्योंकि बलि का बकरा बनाने के बाद भी हर बार बच जाता है। वन विभाग के कर्मचारियों के अनुसार यह 12 वर्ग किमी का क्षेत्र पूरी तरह से तेंदुआ मुक्त कर दिया गया है। तो ऐसा मन जा रहा है कि अब इस वजह से यह बकरा अब चीतों का आहार बन सकता है।

बता दें कि चीतों को 12 वर्ग किमी के बाड़े में रखा गया है। और इस बाड़े में तेंदुओं की मौजूदगी ने वन विभाग के अफसरों की चिंताओं को बढ़ा दिया था। 2  महीने पहले तक तो ऐसा लग रहा था कि इन तेंदुओं की वजह से प्रोजेक्ट चीता खटाई में पड़ सकता है। 15 अगस्त को चीतों को आना था, लेकिन उनके आगमन को टाल दिया गया। इस दौरान तेंदुओं को पकड़ने का वक्त मिल गया।

वहीं वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कूनो पार्क में 6 तेंदुएं थे। और इन्हें एक-एक कर पकड़ लिया गया है। अलग-अलग जगहों पर लगाए गए पिंजरों में चारे के तौर पर बकरा समेत अन्य जानवरों को बांधा गया। और उसके बाद उन्हें दूसरे जंगलों में छोड़ा गया।

इधर जानकारों की माने तो चीतल को चीते का पसंदीदा शिकार बताया जाता है। और इसलिए अब चीते इन्हीं चीतलों का शिकार करेंगे और अपनी तादाद बढ़ा सकेंगे। फिलहाल चीतों की भूख मिटाने के लिए कूनो नेशनल पार्क में करीब 181 चीतल छोड़े गए हैं। ये चीतल प्रदेश के राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ स्थित चिड़ीखो अभयारण्य से लाए गए हैं। 

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