विशेष: आ रहा है 1 लाख का नोट, लेकिन होगा रद्दी के बराबर, जानिए वजह

विशेष - आ रहा है 1 लाख का नोट, लेकिन होगा रद्दी के बराबर, जानिए वजह
| Updated on: 07-Oct-2020 07:57 PM IST
वेनेजुएला कभी बेहद अमीर देश हुआ करता था लेकिन आज इस देश की करेंसी की कीमत रद्दी के बराबर रह गई है। महंगाई की दर इतनी ज्यादा है कि लोग एक कप चाय या कॉफी के लिए बैग भरकर नोट ले जा रहे हैं। अब इस दिक्कत को दूर करने के लिए वेनेजुएला की सरकार एक बार फिर बड़ा नोट जारी करने जा रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कैश की किल्लत के चलते वेनेजुएला बैंकनोट पेपर भी बाहर से मंगा रहा है।

वेनेजुएला अब तक एक इटालियन कंपनी से 71 टन सिक्योरिटी पेपर खरीद चुका है। वेनेजुएला का केंद्रीय बैक अब 1,00000 बोलिवर का नोट जारी करने जा रहा है। ये अब तक का सबसे बड़े मूल्य का नोट होगा। हालांकि, एक लाख बोलिवर के नोट की कीमत सिर्फ 0।23 डॉलर ही रहेगी। यानी इससे भी केवल दो किलो आलू ही खरीद सकेंगे।

वेनेजुएला में पिछले साल महंगाई दर एक अनुमान के मुताबिक 2400 फीसदी थी। इससे पहले भी, वेनेजुएला की सरकार ने 50,000 बोलिवर के नोट छापे थे। अब वेनेजुएला इससे भी बड़े नोट लाने की तैयारी कर रहा है।

वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था लगातार सातवें वर्ष मंदी का सामना कर रही है। इस साल कोरोना महामारी और तेल से होने वाले राजस्व में कमी की वजह से वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था का आकार 20 फीसदी तक सिकुड़ सकता है। करेंसी को स्थिर करने के लिए सरकार ने अपने नोटों से जीरो कम कर दिए थे लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं।

 साल 2017 से ही वेनेजुएला में मंहगाई लगातार बढ़ रही है। अधिकतर लोग जरूरत की सामान भी नहीं खरीद पा रहे हैं। शाम होते ही दुकानों में लूटपाट भी शुरू हो जाती है।

4 अंकों की मुद्रास्फीति की वजह से वेनेजुएला की मुद्रा का अब कोई मोल नहीं रह गया है। उपभोक्ता या तो प्लास्टिक या इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर करने को मजबूर हैं या फिर डॉलर का रुख कर रहे हैं। लेकिन बसों समेत कई सुविधाओं के लिए बोलिवर्स में ही भुगतान जरूरी है।

वेनेजुएला में महंगाई का आलम यह है कि एक किलो मीट के लिए लाखों बोलिवर चुकाने पड़ रहे हैं। गरीबी और भुखमरी से बचने के लिए करीब 30 लाख लोग वेनेजुएला छोड़कर ब्राजील, चिली, कोलंबिया, एक्वाडोर और पेरू जैसे देशों में जाकर बस गए हैं।

33 वर्षीय रिनाल्डो रिवेरा भी अपनी पत्नी और 18 महीने के बेटे को लेकर वेनेजुएला छोड़कर चले गए हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया, वेनेजुएला में आप पूरे महीने काम करके सिर्फ दो दिन खा सकते हैं। यह जीने और मरने का सवाल था, या तो हम देश छोड़ते या फिर भूख से मर जाते।'

2014 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत घटने के बाद वेनेजुएला समेत कई देश प्रभावित हुए। वेनेजुएला के कुल निर्यात में 96% हिस्सेदारी अकेले तेल की है। चार साल पहले तेल की कीमत पिछले 30 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गई थी। वित्तीय संकट की वजह से सरकार लगातार नोट छापती रही जिससे हाइपर मुद्रास्फीति की स्थिति पैदा हो गई और वहां की मुद्रा बोलिवर की कीमत लगातार घटती रही।

वेनेजुएला के राष्ट्रपति मदुरो अपने देश की आर्थिक खस्ताहाली के लिए ओपेक (तेल उत्पादक देशों का समूह) देशों के प्रतिबंधों को जिम्मेदार ठहराते हैं। यूएस भी वेनेजुएला की सत्ता से मदुरो को बाहर निकालने के लिए आर्थिक प्रतिबंधों के जरिए दबाव बनाने की कोशिश करता रहा है। हालांकि, मदुरो के आलोचकों का कहना है कि दो दशकों तक मदुरो के शासनकाल में फैली अव्यवस्था और भ्रष्टाचार की वजह से देश की ऐसी हालत हुई है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।