Reserve Bank Of India: लाखों लोगों की RBI पर टिकी नजर, क्या होम लोन EMI पर पड़ेगा असर?

Reserve Bank Of India - लाखों लोगों की RBI पर टिकी नजर, क्या होम लोन EMI पर पड़ेगा असर?
| Updated on: 06-Dec-2024 09:38 AM IST
Reserve Bank Of India: महंगाई की मार झेल रहे देशवासियों के लिए आज का दिन बेहद अहम है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद रेपो रेट पर निर्णय की घोषणा की जाएगी। विशेषज्ञों और बाजार के हितधारकों की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं, क्योंकि यह फैसला आम लोगों और रियल एस्टेट सेक्टर पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

रेपो रेट में संभावित बदलाव और इसके मायने

रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंक, RBI से कर्ज लेते हैं। यदि यह दर घटती है, तो बैंकों के लिए लोन सस्ता हो जाता है। इसका सीधा असर होम लोन, कार लोन और अन्य उपभोक्ता कर्जों पर पड़ता है। मौजूदा समय में रेपो रेट 6.50% है, जिसे फरवरी 2023 से स्थिर रखा गया है।

हालांकि, मुद्रास्फीति के दबाव और वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते रेट में बदलाव की संभावना कम है। रॉयटर्स के एक सर्वे के अनुसार, विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार रेपो रेट में कटौती की संभावना कम है।

रियल एस्टेट पर असर

रेपो रेट और रियल एस्टेट का सीधा संबंध है। कम ब्याज दरों पर होम लोन मिलने से घर खरीदने की लागत घटती है, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिलता है। अगर RBI इस बार दरों में कटौती करता है, तो:

  1. होम लोन की लागत कम होगी: इससे घर खरीदने वालों को राहत मिलेगी और डिमांड बढ़ेगी।
  2. सेक्टर में निवेश बढ़ेगा: डेवलपर्स और निवेशकों के बीच विश्वास मजबूत होगा।
  3. किफायती हाउसिंग पर जोर: विशेष रूप से टियर-2 और टियर-3 शहरों में रियल एस्टेट गतिविधियों में तेजी आएगी।

डेवलपर्स और विशेषज्ञों की राय

  • मनोज गौड़ (गौड़ ग्रुप): रेपो रेट स्थिर रहने से बाजार में स्थिरता बनी रहेगी और खरीदारों व डेवलपर्स के बीच विश्वास बढ़ेगा।
  • अमित मोदी (काउंटी ग्रुप): यदि दरों में कटौती होती है, तो यह न केवल लग्जरी हाउसिंग बल्कि किफायती हाउसिंग को भी बढ़ावा देगा।
  • हर्ष गुप्ता (सनड्रीम ग्रुप): रेपो रेट में कटौती रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सकारात्मक साबित होगी, जिससे घर खरीदारों को सस्ती ब्याज दरों का लाभ मिलेगा।

छोटे शहरों में संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि रेपो रेट में संभावित कटौती से छोटे शहरों में रियल एस्टेट गतिविधियां तेज होंगी। गोवा, लखनऊ, देहरादून और चंडीगढ़ जैसे टियर-2 और टियर-3 शहरों में निवेशकों की रुचि बढ़ेगी।

आर्थिक स्थिरता और उपभोक्ता विश्वास

RBI की लगातार स्थिर नीतियों ने उपभोक्ता विश्वास को मजबूत किया है। यदि दरों में कटौती की जाती है, तो यह न केवल रियल एस्टेट बल्कि संपूर्ण अर्थव्यवस्था के लिए उत्साहजनक होगा।

भविष्य की उम्मीदें

हालांकि मुद्रास्फीति और वैश्विक अनिश्चितताओं को देखते हुए इस बार दरों में बदलाव की संभावना कम है, लेकिन विशेषज्ञ उम्मीद करते हैं कि 2024 के अंत तक कटौती देखने को मिल सकती है। यह कदम न केवल रियल एस्टेट बल्कि पूरे वित्तीय बाजार के लिए सकारात्मक साबित होगा।

निष्कर्ष

RBI का आज का फैसला रियल एस्टेट, निवेशकों और आम नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। चाहे रेपो रेट स्थिर रहे या कटौती हो, यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था और रियल एस्टेट सेक्टर की दिशा को परिभाषित करेगा।

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