देश: जूते पहनकर बाहर जाने की तरह मास्क पहनने की आदत बनाएं: राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम

देश - जूते पहनकर बाहर जाने की तरह मास्क पहनने की आदत बनाएं: राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम
| Updated on: 22-Oct-2021 12:31 PM IST
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि 100 करोड़ मफ्त टीकाकरण देश के लिए असाधारण उपलब्धि है। यह सभी भारतीयों की सफलता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कल 21 अक्टूबर को भारत ने 100 करोड़ (1 बिलियन) वैक्सीन डोज का कठिन लेकिन असाधारण लक्ष्य प्राप्त किया है। इस उपलब्धि के पीछे 130 करोड़ देशवासियों की कर्तव्य-शक्ति लगी है, इसलिए यह सफलता भारत की सफलता है, हर देशवासी की सफलता है।”

भारत के मुफ्त कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान की तुलना दूसरे देशों से करने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के दूसरे बड़े देशों के लिए वैक्सीन पर रिसर्च करना, वैक्सीन खोजना, इसमें दशकों से उनकी विशेषज्ञता थी। भारत, अधिकतर इन देशों की बनाई वैक्सीन्स पर ही निर्भर रहता था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई थी तो उस समय भारत पर सवाल उठने लगे थे कि क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पाएगा। भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से लाएगा। भारत को वैक्सीन कब मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं। क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके।

उन्होंने कहा कि भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज हर सवाल का जवाब दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि त्योहारों में हमें और सतर्क व सजग होने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगा दी है, लेकिन त्योहार आ रहे हैं इसलिए हमें और भी ज्यादा सजग होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कवच कितना भी आधुनिक हो, कितना भी उत्तम हो। जब तक युद्ध चल रहा है हथियार नहीं डाले जाते। कहा कि जैसे जूते पहनकर बाहर जाने की आदत लग गई है, वैसे ही मास्क को भी आदत बना लें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महामारी के शुरुआत में लोगों को आशंका थी कि भारत जैसे देश में इस महामारी से लड़ना मुश्किल होगा। यह कहा जा रहा था कि इतना संयम, इतना अनुशासन यहां कैसे चलेगा, लेकिन हमारे लिए लोकतंत्र का मतलब है सबका साथ। इसलिए मुफ्त वैक्सीन का अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा कि देश का एक ही मंत्र रहा कि बीमारी भेदभाव नहीं करती इसलिए वैक्सीन में भेदभाव नहीं हो सकता है। वैक्सीनेशन अभियान में वीआईपी कल्चर हावी नहीं होने दिया गया। कोई कितने भी बड़े पद पर न रहा हो। सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीन सामान्य नागरिक की तरह ही मिले।

पीएम ने कहा कि पहले मेड इन ये कंट्री वो कंट्री… इसी का बोलबाला था। आज देशवासी यह साक्षात अनुभव कर रहा है कि मेड इन इंडिया की ताकत बड़ी होती है। हर छोटी से छोटी चीज मेड इन इंडिया हो, जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बना हो, उसे खरीदना चाहिए। भारत में बनी चीज खरीदना, वोकल फॉर लोकल हमें व्यवहार में लाना होगा। सबके प्रयास से हम यह भी करके रहेंगे।

राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली दीपावली में लोगों के मन में कोरोना को लेकर एक तनाव था, लेकिन इस बार 100 करोड़ वैक्सीनेशन से सभी के मन में विश्वास पैदा हुआ है।

पीएम ने कहा कि कोरोना काल में कृषि क्षेत्र ने हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती से संभाले रखा। आज रिकॉर्ड लेवल पर अनाज की खरीद हो रही है। किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे जा रहे हैं। वैक्सीन के बढ़ते कवरेज के साथ हर क्षेत्र में सकारात्मक गतिविधियां तेज हो रही हैं।

कोविड-19 वैक्सीन को लेकर बनाए गए कोविन प्लेटफॉर्म पर पीएम ने कहा कि हमारे देश ने कोविन प्लेटफॉर्म की जो व्यवस्था बनाई है, वो भी विश्व में आकर्षण का केंद्र है। भारत में बने कोविन प्लेटफॉर्म ने न केवल आम लोगों को सहुलियत दी, बल्कि मेडिकल स्टाफ के काम को भी आसान बनाया है।

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