देश: मेनका गांधी का बड़ा बयान, ‘केरल के मंदिरों में पैर तोड़कर मारे जा रहे हैं हाथी’

देश - मेनका गांधी का बड़ा बयान, ‘केरल के मंदिरों में पैर तोड़कर मारे जा रहे हैं हाथी’
| Updated on: 05-Jun-2020 10:48 AM IST
नई दिल्ली। केरल (Kerala) में हुए हथिनी कांड पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पशु-पक्षियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वालीं बीजेपी (BJP) सांसद मेनका गांधी (Maneka Gandhi) ने बड़ा बयान दिया है। न्यूज़18 को एक ईमेल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा “केरल के मंदिरों में हाथियों की टांगें तोड़ दी जाती हैं, उन्हें मारा-पीटा जाता है और भूखे रखा जाता है जिसकी वजह से इन मंदिरों (Temple) में हाथी दम तोड़ देते हैं। अब तक 600 हाथी दम तोड़ चुके हैं। वहाँ के मंदिरों में हाथी (Elephant) के निजी मालिक उनका बीमा कराते हैं और इसके बाद उन्हें पानी में डुबाकर मार देते हैं या फिर इन पर जंग लगे कील ठोके जाते हैं।

जिसकी वजह से इन्हें घाव हो जाता है। केरल की सरकार और वहाँ के वन्यजीव विभाग भगवान भरोसे है। वे कोई कार्रवाई नहीं करते। उन्होंने आरोप लगाया कि केरल में वन्य जीवों का अवैध रूप से शिकार करनेवालों के ख़िलाफ़ सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती”। गौरतलब है केरल के पलक्कड में एक गर्भवती हथिनी की विस्फोटक भरा अनानास खाने से मौत हो गई है।


अभी भी एक हाथी को रस्सी से बांधकर दी जा रही हैं यातना

सख़्त नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए सांसद मेनका गांधी ने यह भी आरोप लगाया है, “इस समय एक कम उम्र का हाथी है जिसे मंदिर में मारा-पीटा जाता है, उसकी टांगें बाहर खींची हुई हैं और उसे ज़मीन पर लिटाकर और उसकी टांगों को चारों दिशाओं में फैलाकर बांध दिया गया है। इसके बारे में मैंने एक महीना पहले शिकायत की पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

वह भी शीघ्र ही मर जाएगा”। उनका यह भी कहना है कि मैं अमूमन हर सप्ताह केरल के वन विभाग के अधिकारियों से किसी न किसी हाथी के बारे में बात करती हूँ पर वे कोई कार्रवाई नहीं करते। केरल का मल्लपुरम आपराधिक गतिविधियों का केंद्र है विशेषकर जानवरों के बारे में। वहाँ पर ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से जानवरों का शिकार करनेवालों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और यही कारण है कि उनका मनोबल बढ़ा हुआ है।


यह बोले हेरिटिज ऐनिमल टास्क फ़ोर्स के सचिव

इस मामले पर हेरिटिज ऐनिमल टास्क फ़ोर्स के सचिव वीके वेंकटचलम ने एक विशेष बातचीत में न्यूज़18 को बताया, “पिछले 25 सालों में क़रीब 1000 हाथियों की मौत हो गई है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को नवंबर 2018 में बताया कि ज़बरन पकड़ कर रखे गए 528 हाथियों में से सिर्फ़ 19 के पास ही लाइसेन्स है। इससे यह साबित होता है कि इनमें से अधिकांश हाथी अन्य राज्यों से चुराकर लाए गए हैं। उन्होंने बताया कि 30 युवा हाथी जिनकी उम्र 10 से 50 साल है, मारे गए हैं”।


यह कहना है केरल के सीएम विजयन का

केरल के मुख्यमंत्री पिनराय विजयन ने ट्विट करते हुए कहा है कि इस मामले की जाँच की जा रही है और तीन दोषियों पर मुख्य रूप से फ़ोकस किया जा रहा है। हाथी की मौत के लिए ज़िम्मेदार व्यक्तियों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस और वन विभाग संयुक्त रूप से इस मामले की जाँच करेगा। पर हमें यह देखकर दुःख हुआ है कि कुछ लोग इस दुखद घटना की आड़ में घृणा का अभियान चला रहे हैं। ग़लत तथ्यों और झूठ के आधार पर सच को मिटाने की कोशिश की जा रही है। कुछ ने तो धर्मांधता को भी इसमें घसीट लिया है।


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