Messi Kolkata Chaos: मेसी के कोलकाता दौरे पर बवाल: असम CM ने ममता बनर्जी की गिरफ्तारी की मांग की
Messi Kolkata Chaos - मेसी के कोलकाता दौरे पर बवाल: असम CM ने ममता बनर्जी की गिरफ्तारी की मांग की
लियोनेल मेसी के कोलकाता दौरे के दौरान हुई अफरा-तफरी ने पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पश्चिम बंगाल सरकार पर कड़ा प्रहार किया है, जिसमें उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था के चरमराने और वीआईपी कल्चर को इसका मुख्य जिम्मेदार ठहराया है और यह घटना शनिवार को मेसी के 'GOAT टूर 2025' के तहत कोलकाता आगमन के दौरान हुई, जिसने बड़े आयोजनों में भीड़ प्रबंधन की राज्य सरकार की क्षमता पर बहस छेड़ दी है।
कानून-व्यवस्था और वीआईपी कल्चर पर गंभीर आरोप
सरमा ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उन्होंने इस स्थिति के लिए राज्य में व्याप्त वीआईपी कल्चर को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया और उनके अनुसार, यह वीआईपी कल्चर अक्सर आम जनता की सुरक्षा और सुविधा को दरकिनार कर देता है, जिससे बड़े सार्वजनिक आयोजनों में अव्यवस्था और अराजकता की स्थिति उत्पन्न होती है। मेसी जैसे वैश्विक आइकन के दौरे पर इस तरह की गड़बड़ी होना राज्य की प्रशासनिक क्षमता पर एक बड़ा धब्बा है, जो यह दर्शाता है कि सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर पर्याप्त उपाय नहीं किए गए थे। इस तरह की घटनाएं न केवल राज्य की छवि को धूमिल करती हैं, बल्कि नागरिकों के बीच असुरक्षा की भावना भी पैदा करती हैं।जवाबदेही की मांग: मुख्यमंत्री और पुलिस कमिश्नर की गिरफ्तारी की बात
असम के मुख्यमंत्री ने इस घटना की जवाबदेही तय करने की मांग करते हुए कहा कि इसकी शुरुआत शीर्ष स्तर से होनी चाहिए। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि राज्य के गृह मंत्री, जो स्वयं मुख्यमंत्री भी हैं, और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को इस घटना के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। सरमा ने जोर देकर कहा कि प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य के गृह मंत्री और पुलिस कमिश्नर की होती है, क्योंकि वे राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीधे तौर पर उत्तरदायी होते हैं और उन्होंने इवेंट ऑर्गनाइजर की गिरफ्तारी पर कोई सीधा रुख नहीं अपनाया, लेकिन शीर्ष अधिकारियों की जवाबदेही पर विशेष बल दिया, यह इंगित करते हुए कि प्रशासनिक विफलता के लिए उच्च पदस्थ अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। यह मांग एक पड़ोसी राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा की गई। है, जो इस मामले की गंभीरता को और बढ़ा देती है।भीड़ प्रबंधन में ममता सरकार की विफलता
सरमा ने पश्चिम बंगाल सरकार की भीड़ प्रबंधन में स्पष्ट विफलता को उजागर करने के लिए अन्य राज्यों में हुए बड़े सार्वजनिक आयोजनों का उदाहरण दिया। उन्होंने ज़ुबीन गर्ग की मृत्यु के बाद गुवाहाटी की सड़कों पर तीन दिनों तक लगभग 10 लाख लोगों की भीड़ का जिक्र किया, जहां कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और इसी तरह, उन्होंने गुवाहाटी में पोस्ट मेलोन के सफल संगीत समारोह का भी उल्लेख किया, जिसमें लगभग 50 हजार लोग शामिल हुए थे और कोई घटना नहीं हुई। मुंबई में महिला विश्व कप के फाइनल का भी हवाला देते हुए, सरमा ने कहा कि इन आयोजनों में प्रभावी भीड़ प्रबंधन देखा गया, जबकि पश्चिम बंगाल में स्थिति अप्रत्याशित और अनियंत्रित रही, जो राज्य में वीआईपी कल्चर के चरम पर होने का संकेत देती है। यह तुलना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि उचित योजना और क्रियान्वयन के साथ बड़े। आयोजनों को सुरक्षित रूप से संभाला जा सकता है, लेकिन कोलकाता में ऐसा नहीं हो पाया।आत्ममंथन और व्यापक चिंताएं
असम के मुख्यमंत्री ने इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल के नेतृत्व को आत्ममंथन करने की सलाह दी और उन्होंने कहा कि लियोनेल मेसी पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श हैं, और उनके दौरे पर हुई इस तरह की अव्यवस्था ममता बनर्जी के लिए चिंतन का विषय होनी चाहिए। सरमा ने आगे कहा कि बंगाल में हर दिन निर्दोष लोगों पर अत्याचार होते हैं, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। यह टिप्पणी केवल मेसी की घटना तक सीमित नहीं थी, बल्कि राज्य में कानून-व्यवस्था की समग्र स्थिति और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर एक व्यापक चिंता को दर्शाती है। उन्होंने राज्य सरकार से अपनी प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करने और जनता की सुरक्षा को सर्वोपरि रखने का आग्रह किया।