नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने कहा- राफेल के आने से वायुसेना की युद्धनीति और बेहतर हो जाएगी

नई दिल्ली - रक्षा मंत्रालय ने कहा- राफेल के आने से वायुसेना की युद्धनीति और बेहतर हो जाएगी
| Updated on: 18-Jul-2019 11:11 PM IST
14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद ने सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला करवाया, जिसमें 40 जवान शहीद हुए

जवाबी कार्रवाई में 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी

नई दिल्ली. रक्षा मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट गुरुवार को जारी की गई। इसके मुताबिक राफेल एयरक्राफ्ट के आने के बाद भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता तो बढ़ेगी ही मगर साथ ही युद्धनीति के स्तर पर भी कई चीजें बेहतर हो जाएगी। फ्रांस एयरफोर्स के मार्गदर्शन में अधिकारियों और टेक्नीशियंस की पहली बैच की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है।

रिपोर्ट में कहा गया कि राफेल के वायुसेना में शामिल होने के बाद हथियार पक्ष और मजबूत होगा। मिसाइल लंबी दूरी तक लक्ष्य को मार गिराने में सक्षम होगी। भारत अपने विरोधियों को और भी ज्यादा मजबूती के साथ जवाब दे पाएगा। 

पाक सेना घुसपैठ को बढ़ावा दे रही- मंत्रालय

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक- पाकिस्तानी सेना सीमा पार आतंकी गतिविधियों को लगातार प्रोत्साहन दे रही है। उनका उद्देश्य भारत की जम्मू-कश्मीर सीमा में घुसपैठ को बढ़ाना है। हालांकि भारतीय सेनाएं ऐसी तमाम कोशिशों का मुंहतोड़ जवाब दे रही है।

आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की: रिपोर्ट

रिपोर्ट के मुताबिक- जैश-ए-मोहम्मद के द्वारा किए गए पुलवामा हमले के बाद यह बात स्पष्ट हो गई थी कि सीमापार आतंकवाद को पाकिस्तान ही बढ़ावा देता है। उसकी मंशा भारत को निशाना बनाने की है। वैसे इस घटना के बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी, जिसमें आतंकी गतिविधियों के कई प्रमाण भी मिले थे।

राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाते रहेंगे: मंत्रालय

रक्षा मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि पाकिस्तान जब तक टेरर फंडिंग को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक भारत भी राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर सख्त कदम उठाता रहेगा। मंत्रालय के मुताबिक पाकिस्तान ने आतंकी समूह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जो पड़ोसी मुल्कों में आतंक फैलाने का काम करते हैं।

चीनी सेना ने अतिक्रमण के प्रयास कम किए- सेना

रक्षा मंत्रालय के अनुसार- पिछले साल की तुलना में इस साल चीनऔर भारत की सेना का आमना-सामना कम हुआ है। चीनी सेना के द्वारा भारतीय सीमाओं में अतिक्रमण करने के मामलों में भी कमी आई है।

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