Upcoming IPO in India: 2025 में 90 से ज्यादा IPO आएंगे, 1 लाख करोड़ से ज्यादा होगा साइज

Upcoming IPO in India - 2025 में 90 से ज्यादा IPO आएंगे, 1 लाख करोड़ से ज्यादा होगा साइज
| Updated on: 11-Jan-2025 10:30 PM IST

Upcoming IPO in India: भारतीय शेयर बाजार में हाल के वर्षों में आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) का दौर लगातार जारी है। 2025 में भी यह सिलसिला थमता हुआ नहीं दिख रहा है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के सीईओ सुंदररामन राममूर्ति के मुताबिक, इस साल 90 से ज्यादा कंपनियों ने आईपीओ के लिए आवेदन किया है। इन कंपनियों के जरिए 1 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की योजना है।

2025 में 1 लाख करोड़ से अधिक की पूंजी जुटाने की उम्मीद

फिलहाल दाखिल किए गए ड्राफ्ट पेपर्स के आधार पर अनुमान है कि 1 लाख करोड़ रुपये की राशि आईपीओ के जरिए जुटाई जा सकती है। साथ ही संभावना है कि साल के अंत तक और भी कई कंपनियां अपने आईपीओ लॉन्च करेंगी। इससे यह स्पष्ट होता है कि 2025 में भी भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों की रुचि बनी रहेगी।

2024 में आईपीओ से जुटी रिकॉर्ड पूंजी

पिछले साल यानी 2024 में बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर कुल 91 कंपनियों ने आईपीओ लॉन्च किया। इन कंपनियों ने करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था। प्राइम डेटाबेस के अनुसार, 2024 में कुल पब्लिक इक्विटी फंड डबल होकर 3.73 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इस रिकॉर्ड स्तर की पूंजी जुटाने से यह साफ है कि भारतीय बाजार में आईपीओ की मांग तेजी से बढ़ रही है।

आईपीओ में बढ़ते ऑफर फॉर सेल (OFS) का ट्रेंड

BSE के सीईओ सुंदररामन राममूर्ति ने बताया कि हाल के आईपीओ में ऑफर फॉर सेल (OFS) का प्रतिशत काफी बढ़ा है। OFS में कंपनियां मौजूदा शेयरहोल्डर्स के शेयर बेचती हैं और नए शेयर जारी नहीं करतीं। राममूर्ति चाहते हैं कि कंपनियां आईपीओ के जरिए नए शेयर जारी करके अधिक पूंजी जुटाएं, जिससे बाजार में तरलता बनी रहे।

BSE की बंपर कमाई

बीएसई को लिस्टिंग फीस से भी भारी कमाई हो रही है। ईस्ट इंडिया सिक्योरिटीज के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में बीएसई ने लिस्टिंग फीस के जरिए 1.57 अरब रुपये कमाए। यह आंकड़ा पिछले साल की 1.3 अरब रुपये की तुलना में काफी अधिक है।

नए नियमों का असर

हालांकि, भारतीय शेयर बाजार में डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए लागू किए गए नए नियमों की वजह से आईपीओ से होने वाली कमाई में कुछ गिरावट देखने को मिल सकती है। सितंबर 2024 से इन कड़े नियमों के कारण डेरिवेटिव ट्रेडिंग में 40 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि प्रीमियम में 15-20 फीसदी की कमी हुई है।

BSE के नए प्लान: कैसे बढ़ेगी आय?

BSE अपनी आय के स्रोतों को बढ़ाने के लिए कई नए प्लान्स पर काम कर रहा है। इनमें इंडेक्स सर्विसेज का विस्तार शामिल है। बीएसई ने हाल ही में 15 नए इंडेक्स लॉन्च किए हैं। इसके अलावा, हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग और एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग को बढ़ावा देने के लिए को-लोकेशन सर्विस का विस्तार करने की योजना है। इससे बीएसई की आय में और वृद्धि हो सकती है।

निष्कर्ष

भारतीय शेयर बाजार में आईपीओ का दौर 2025 में भी जारी रहने की उम्मीद है। निवेशकों की बढ़ती रुचि और कंपनियों द्वारा नई पूंजी जुटाने की योजनाओं के चलते बाजार में सकारात्मक माहौल बना हुआ है। हालांकि, डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए लागू किए गए नए नियमों का कुछ असर जरूर दिख सकता है, लेकिन BSE अपनी आय बढ़ाने के लिए नए कदम उठा रहा है। आने वाले समय में भारतीय शेयर बाजार में और भी बड़े अवसर खुल सकते हैं, जिससे बाजार की मजबूती बनी रहेगी।

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