Bangladesh Violence: मुसलमानों ने उठाई हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ आवाज, बांग्लादेश को दे दी बड़ी चेतावनी

Bangladesh Violence - मुसलमानों ने उठाई हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ आवाज, बांग्लादेश को दे दी बड़ी चेतावनी
| Updated on: 07-Dec-2024 06:31 PM IST
Bangladesh Violence: बांग्लादेश इन दिनों अपने हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को लेकर चर्चा में है। इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा लगातार अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। बांग्लादेश से नियमित रूप से आ रही खबरों में हिंदुओं पर हमले और मंदिरों को तोड़े जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो न केवल वहां की धार्मिक स्थिति को लेकर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि एक समग्र मानवाधिकार संकट की ओर भी इशारा करती हैं।

भारत के उलेमाओं का गुस्सा और प्रतिक्रिया

बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही इस ज्यादती को लेकर भारत के मुस्लिम उलेमाओं में गहरा गुस्सा है। इस संदर्भ में, मुंबई की हांडी वाली मस्जिद में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें आल इंडिया सुन्नी जमीयत उल्मा, रजा अकादमी और जमीयत उल्मा ए अहले सुन्नत ने संयुक्त रूप से उलेमाओं की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में स्थानीय उलेमा और शेखों ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता और गुस्सा व्यक्त किया।

‘हम सड़कों पर उतरने के लिए तैयार’

बैठक की अध्यक्षता करते हुए रजा अकादमी के संस्थापक और प्रमुख हाजी मुहम्मद सईद नूरी ने बांग्लादेश में हो रहे हमलों को न केवल निंदनीय बल्कि इस्लामी शिक्षाओं और मानवाधिकारों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा, "अत्याचार और ज़्यादती किसी भी देश में हो, वह न केवल दुखद, बल्कि निंदनीय है।" हाजी नूरी ने बांग्लादेश सरकार से अपील की कि वह हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को तुरंत रोकने के लिए कड़े कदम उठाए और उनके मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। अगर बांग्लादेश सरकार ने इस पर कार्रवाई नहीं की, तो रजा अकादमी और अन्य संगठनों के सहयोग से भारतभर में कड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

बांग्लादेश सरकार से कड़ी चेतावनी

हाजी नूरी ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना के शासन में उत्पन्न हो रही अशांति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "शेख हसीना के शासन में, पहले बंगाली मुस्लिम युवाओं को मंदिरों की सुरक्षा करते देखा गया था। अब ऐसा क्या हुआ कि हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं?" उन्होंने बांग्लादेश के interim सरकार के मुखिया मुहम्मद यूसुफ से अपील की कि वह दंगाइयों पर कड़ी नजर रखें और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय करें।

बांग्लादेश की छवि पर असर

इस बैठक में शामिल शहज़ादा शेर मिल्लत मौलाना इज्ज़ाज़ अहमद कश्मीरी ने कहा, "अगर बांग्लादेश में हो रहे हमलों को जल्द नहीं रोका गया, तो इसका असर दुनिया भर में बांग्लादेश की छवि पर पड़ेगा।" उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हमले नहीं रुकते हैं, तो भारत में बंग्लादेशी दूतावास का घेराव किया जाएगा।

हमेशा अत्याचार के खिलाफ खड़ा रहेगा इस्लाम

मौलाना खलीलुर्रहमान नूरी ने कहा, "अत्याचार किसी भी रूप में अस्वीकार्य है, चाहे वह हमारे देश में हो, बांग्लादेश में हो या फिलिस्तीन में।" उनका मानना था कि इस्लाम का सशक्त संदेश यही है कि हमें हमेशा ज़ुल्म के खिलाफ खड़ा रहना चाहिए और पीड़ितों की मदद करनी चाहिए।

भारत सरकार से अपील

मौलाना अमानुल्ला रजा ने भारत सरकार से अपील की कि वह बांग्लादेश में हो रही घटनाओं की जांच कराए, ताकि वहां की स्थिति का फायदा भारत में शरपसंद तत्व न उठा सकें। उन्होंने कहा, "भारत के सभी मुसलमान बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों के साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे।"

निष्कर्ष

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की घटनाएं न केवल वहां के धार्मिक माहौल को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को गंभीर बना रही हैं। भारत के उलेमाओं का यह स्पष्ट संदेश है कि वे हमेशा अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े रहेंगे। बांग्लादेश सरकार को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि वहां की स्थिति और खराब न हो और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बांग्लादेश की छवि पर प्रतिकूल असर न पड़े।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।