Naresh Meena News: नरेश मीणा का बड़ा आरोप: 'धारीवाल ने पायलट को CM बनने से रोका', चुनाव में धांधली का भी दावा
Naresh Meena News - नरेश मीणा का बड़ा आरोप: 'धारीवाल ने पायलट को CM बनने से रोका', चुनाव में धांधली का भी दावा
किसान नेता और भगत सिंह सेना के अध्यक्ष नरेश मीणा ने बूंदी में एक बड़ा राजनीतिक बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि उन्हें हाल के चुनावों में वोटों से। नहीं, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) को हैक करके हराया गया है। मीणा ने इस गंभीर आरोप के लिए सीधे तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रमोद जैन भाया जैसे कद्दावर नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है, उन पर मिलीभगत से उन्हें हराने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है और यह बयान राजस्थान की राजनीति में एक नई बहस छेड़ सकता है, खासकर चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर।
चुनाव में धांधली के गंभीर आरोप
नरेश मीणा ने अपने आरोपों को पुख्ता करने के लिए भीलवाड़ा से एक कार्यकर्ता के फोन कॉल का हवाला दिया। कार्यकर्ता ने उन्हें बताया कि उनकी हार वोटों से नहीं, बल्कि मशीन के माध्यम से हुई है। मीणा ने इस बात पर जोर दिया कि वह यह दिखाना चाहते हैं कि कैसे ओम बिरला, अमित शाह और प्रमोद जैन भाया ने मिलकर मशीनों को हैक करके उन्हें चुनाव हरवाया। यह आरोप न केवल चुनाव परिणामों पर सवाल उठाता है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निष्पक्षता पर भी गंभीर संदेह पैदा करता है। मीणा का यह दावा राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा सकता है और चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर सकता है।कोलाहेड़ा गांव में भव्य स्वागत
नरेश मीणा रविवार दोपहर करीब 2 बजे हेलिकॉप्टर से हिंडोली-नैनवां विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कोलाहेड़ा में भगवान देवनारायण के मेले में पहुंचे और उनके आगमन पर हजारों समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। समर्थकों ने उन्हें कंधे पर बैठाकर मंच तक पहुंचाया, जो उनकी लोकप्रियता और जनसमर्थन का प्रमाण है और यह भव्य स्वागत इस बात का संकेत देता है कि मीणा अभी भी अपने क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखते हैं और उनके समर्थक उनके राजनीतिक संघर्ष में उनके साथ खड़े हैं। इस तरह का जनसमूह राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान आकर्षित करता है, खासकर अंता विधानसभा उपचुनाव के बाद।किसान और समाज की एकता के लिए प्रतिबद्धता
मीणा ने अपने संबोधन में कहा कि यह पहली बार है जब उनका हेलिकॉप्टर हिंडोली विधानसभा क्षेत्र में उतरा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंता विधानसभा का उपचुनाव देखने वाले सभी राजनीतिक जानकार आज इस जनसमुदाय पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग चाहते थे कि वह चुनाव हार जाएं और समाज का भाईचारा टूट जाए और मीणा ने दृढ़ता से कहा कि राजनीति में आने के बाद से उन्होंने हमेशा किसान और समाज की एकता का झंडा उठाया है। उन्होंने अपनी पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि वह किसान के घर में पैदा हुए और खेत-खलिहानों में पले-बढ़े हैं, और यदि वह राजनीति में कुछ बन पाए तो अपना सब कुछ किसान कौम के लिए न्योछावर कर देंगे। यह बयान उनकी किसान हितैषी छवि को और मजबूत करता है।किसान एकता के खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र
नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि जब भी किसान कौम। को एकजुट करने का प्रयास हुआ, तब-तब राजनीतिक षड्यंत्र रचे गए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते थे कि किसान कौम एक जाजम पर बैठे, क्योंकि इससे उनकी गिनती की वोटों वाली राजनीति खत्म हो जाती। मीणा ने राजस्थान की राजनीति में सचिन पायलट, प्रहलाद गुंजल और हनुमान बेनीवाल के साथ किसान हित में काम करने का जिक्र किया और उनके अनुसार, ये षड्यंत्रकारी तत्व किसानों की एकजुटता से डरते हैं क्योंकि यह उनके पारंपरिक वोट बैंक की राजनीति को चुनौती देता है। यह आरोप राजनीतिक दलों के भीतर और बाहर के उन तत्वों पर निशाना साधता है जो किसानों की संगठित शक्ति को अपने लिए खतरा मानते हैं।कोलाहेड़ा गांव: गुर्जर-मीणा एकता की मिसाल
मीणा ने कोलाहेड़ा गांव की प्रशंसा करते हुए इसे गुर्जर-मीणा एकता की मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि भगवान देवनारायण की पूजा विशेष रूप से गुर्जर समाज करता है, लेकिन यह पहला उदाहरण है कि जिस गांव में भगवान देवनारायण का मंदिर है और मेला लगता है, वह पूरा गांव मीणा समाज का है और उन्होंने कहा कि कोलाहेड़ा गांव ने गुर्जर-मीणा एकता और सामाजिक भाईचारे को मजबूत करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया है। यह बयान सामाजिक सद्भाव और अंतर-समुदाय संबंधों को मजबूत करने के उनके प्रयासों को दर्शाता है, जो उनके राजनीतिक एजेंडे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।शांति धारीवाल पर पायलट को CM बनने से रोकने का आरोप
अंता विधानसभा उपचुनाव का उल्लेख करते हुए नरेश मीणा ने कहा कि जब वह चुनाव लड़ रहे थे, तब सर्व समाज, विशेषकर गुर्जर समाज ने उन्हें समर्थन दिया और सर्वसमाज उन्हें विधानसभा भेजना चाहता था, जिससे किसानों की आवाज मजबूत हो सके। उन्होंने एक सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि यदि वह विधानसभा पहुंचते तो शांति धारीवाल का। राजनीतिक इलाज कर देते, क्योंकि शांति धारीवाल ने ही सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने से रोका था। मीणा ने यह भी कहा कि वह ओम बिरला और शांति धारीवाल जैसे नेताओं की राजनीति का अंत करने का काम भी करते। यह आरोप राजस्थान कांग्रेस के भीतर की पुरानी खींचतान को फिर से उजागर करता है।बिना नाम लिए अशोक चांदना पर 'जयचंद' का हमला
नरेश मीणा ने बिना नाम लिए हिंडोली विधायक अशोक चांदना पर तीखा हमला बोला। उन्होंने उन्हें 'जयचंद' बताया और कहा कि मेरे समाज के लोगों ने उन्हें 3 बार वोट देकर विधायक बनाया। मीणा ने आरोप लगाया कि उस व्यक्ति ने सचिन पायलट को कमजोर करने का काम किया, कोटा में प्रहलाद गुंजल को कमजोर किया और बाद में अपने स्वार्थ के लिए अपने पिता के दुश्मनों से जा मिला। उन्होंने कहा कि ऐसा व्यक्ति न सचिन पायलट का हुआ, न प्रहलाद गुंजल का और न ही अपने समाज का। यह बयान राजनीतिक निष्ठा और व्यक्तिगत स्वार्थ पर सवाल उठाता है, और एक प्रमुख नेता पर विश्वासघात का आरोप लगाता है।'मेरी राजनीतिक हत्या की कोशिश की गई'
मीणा ने दावा किया कि अभी 2028 के चुनाव में 3 साल का समय है, लेकिन उन्हें हराने के लिए एक नहीं बल्कि कई लोग एकजुट हो गए हैं। उन्होंने अपनी स्थिति की तुलना अभिमन्यु से की, जिसे हराने के लिए कौरवों ने मिलकर षड्यंत्र किया था। मीणा ने स्पष्ट रूप से कहा कि नरेश मीणा की राजनीतिक हत्या का प्रयास किया गया और यह आरोप उनके खिलाफ एक बड़े और सुनियोजित राजनीतिक अभियान की ओर इशारा करता है, जिसका उद्देश्य उन्हें राजनीतिक परिदृश्य से हटाना है।षड्यंत्र में शामिल नेताओं के नाम
नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि केशोरायपाटन विधायक सीएल प्रेमी, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मिलकर षड्यंत्र किया और उन्हें हराया और उन्होंने फिर से दोहराया कि ये लोग किसान कौम की एकता नहीं देखना चाहते थे। इन प्रमुख राजनीतिक हस्तियों पर सीधे आरोप लगाकर, मीणा ने अपने खिलाफ रची गई कथित साजिश के दायरे को और बढ़ा दिया है। यह आरोप कांग्रेस पार्टी के भीतर भीतरी कलह और गुटबाजी को दर्शाता है।जानलेवा हमला और झूठे मुकदमे का आरोप
मीणा ने यह भी खुलासा किया कि उन पर जानलेवा हमला किया गया था, इसके बावजूद उन्हें ही आरोपी बनाकर धारा 307 (हत्या के प्रयास) का मुकदमा दर्ज किया गया। उन्होंने सामान्य मामलों में 3 दिन में जमानत मिलने की बात कहते हुए। बताया कि समरावता कांड के बाद उन्हें 8 महीने तक जेल में रखा गया। यह आरोप न्याय प्रणाली के दुरुपयोग और राजनीतिक दबाव में काम करने का संकेत देता है, जहां एक पीड़ित को ही आरोपी बना दिया जाता है।जेल से न डरने का संकल्प और भविष्य की रणनीति
नरेश मीणा ने ओम बिरला का नाम लेते हुए कहा कि राजनीतिक दबाव में उन्हें आठ महीने तक जेल में रखवाया गया, लेकिन वह जेल से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे उन्हें जेल में डाल सकते हैं, लेकिन जनता और उनके समर्थकों की भावनाओं को नहीं रोक सकते और मीणा ने घोषणा की कि भगत सिंह की सेना घर-घर और सड़क-सड़क जाकर जनविरोधी राजनीति करने वालों को जवाब देगी। उन्होंने यह भी कहा कि हिंडोली में वह अपने किसी मजबूत भाई को आगे करेंगे, और जिन्होंने उनके बेटे और भाई को कमजोर किया है, उन्हें चुनाव में सबक सिखाया जाएगा। अंत में, उन्होंने भगवान देवनारायण के चरणों में शीश झुकाकर जनता से भाईचारा बनाए रखने, व्यक्तिगत प्रतिक्रिया से बचने और आने वाले चुनाव में जवाब देने की अपील की, जिससे उनके राजनीतिक संघर्ष की निरंतरता का संकेत मिलता है।