धमतरी: नक्सली मुठभेड़ में लगी थीं 3 गोलियां, 13 साल बाद इलाज के दौरान शहीद

धमतरी - नक्सली मुठभेड़ में लगी थीं 3 गोलियां, 13 साल बाद इलाज के दौरान शहीद
| Updated on: 11-Oct-2019 02:51 PM IST
धमतरी | नक्सलियों से लड़ते हुए जान की बाजी लगाने वाला जाबांज सिपाही 13 साल बाद अपनी जिंदगी की जंग हार गया। मुठभेड़ में घायल हुआ जवान बसंत नेताम इलाज के दौरान गुरुवार को शहीद हो गए। मुठभेड़ के दौरान शहीद बसंत नेताम के पेट में 3 गोलियां लगी थी। इसके बाद से ही उनका लगातार उपचार चल रहा था। इसके बाद धमतरी एसपी बालाजी राव सहित अन्य पुलिस अधिकारी शहीद बसंत के घर पहुंचे और वहां परिजनों से मिलकर 50 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की। 

गोली लगने से आंत और किडनी में आई थी चोट, खून नहीं बन रहा था

दंतेवाड़ा के तारला मुड़ा नालापल्ली तिराहा के पास वर्ष 2006 में नक्सलियों और जवानों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में आरक्षक बसंत नेताम को पेट में तीन गोलियां लगीं। जिससे उनकी आंत और किडनी में चोट आई। इसके चलते उनके शरीर में खून नहीं बन रहा था। साल में दो बार उन्हें अपना खून बदलवाना पड़ता था। सलोनी निवासी आरक्षक बसंत को करीब एक सप्ताह पहले हालत ज्यादा बिगड़ने पर जिला अस्पताल लाया गया। हालत गंभीर हाेने के कारण उन्हें रायपुर के नारायणा अस्पताल में भर्ती किया गया था।

दोस्तों ने कहा- बचपन से थी देश सेवा का ललक 

शहीद जवान के दोस्तों टानू नागेश, चेतन नेताम, हजारी लाल ध्रुव ने बताया कि बसंत को बचपन से ही देश सेवा का जुनून था। वे 1992 में पुलिस में भर्ती हुआ। पहली पोस्टिंग दंतेवाड़ा में हुई। 13 साल पहले वे गोलापल्ली थाना में पदस्थ थे। गश्त के दौरान पुलिस पार्टी के इंचार्ज एपीसी रामगोपाल के साथ थाने लौट रहे थे, तभी तारला मुड़ा नालापल्ली तिराहा में घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने फायरिंग कर दी। बसंत को इस घटना में घायल हो गए, लेकिन 3 नक्सलियों को मार गिराया। उनकी बहादुरी पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 2007 में सम्मान कर बजरंग बली की मूर्ति भेंट की थी। 

परिजन ने कहा- बेटे को सरकार दे नौकरी 

शहीद आरक्षक बसंत नेताम अकेले ही परिवार में कमाने वाले थे। उनकी आय से ही परिवार का भरण-पोषण चल रहा था। बसंत की शहीद होने के बाद अब उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट आ गया है। बसंत के अलावा पत्नी जानकी नेताम, पुत्र डिकेश नेताम, बेटी ज्योति नेताम और मनीषा नेताम है। डिकेश एमए, ज्योति बीए और मनीषा 8वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है। परिजनों ने परिवार की आर्थिक दशा सुधारने डिकेश को सरकारी नौकरी देने की मांग सरकार से की है। 

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।