Benjamin Netanyahu: नेतन्याहू को अदालत से बड़ा झटका, मुकदमों की सुनवाई टालने से इनकार

Benjamin Netanyahu - नेतन्याहू को अदालत से बड़ा झटका, मुकदमों की सुनवाई टालने से इनकार
| Updated on: 27-Jun-2025 10:20 PM IST

Benjamin Netanyahu: ईरान के साथ गहराते तनाव और सुरक्षा चुनौतियों के बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को जेरूसलम की एक अदालत से बड़ा झटका लगा है। भ्रष्टाचार के तीन मामलों में उनके खिलाफ चल रही सुनवाई को दो सप्ताह के लिए स्थगित करने की उनकी याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। अदालत का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब नेतन्याहू अंतरराष्ट्रीय और आंतरिक सुरक्षा मामलों में व्यस्त हैं।

अदालत ने नहीं माना नेतन्याहू का तर्क

जिला न्यायालय की न्यायाधीश रिव्का फ्राइडमैन-फेल्डमैन ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री के वकील अमित हदद द्वारा दाखिल की गई याचिका में ऐसा कोई ठोस आधार नहीं था, जिससे यह साबित हो सके कि सुनवाई को टालना जरूरी है। अदालत ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया को टालना तब तक उचित नहीं जब तक इसके पीछे कोई असाधारण कारण न हो।

हालांकि अदालत के फैसले के कुछ घंटे बाद, नेतन्याहू की ओर से एक नई याचिका दायर की गई जिसमें उन्होंने अपने अगले सप्ताह के व्यस्त कार्यक्रम की जानकारी दी। उनका दावा था कि ईरान के साथ हालिया सैन्य संघर्ष और उसके बाद के संघर्षविराम ने उन्हें कई द्विपक्षीय और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में उलझा दिया है, इसलिए उन्हें दो सप्ताह का समय मिलना चाहिए।

गाजा संघर्ष और मध्यस्थता की भूमिका

इस बीच, कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इजराइल और संयुक्त राज्य अमेरिका मिलकर गाजा युद्ध को समाप्त करने और क्षेत्रीय स्थिरता लाने के लिए एक व्यापक योजना पर काम कर रहे हैं। यह योजना अरब देशों के साथ संबंध सामान्य करने की दिशा में एक अहम कदम हो सकती है, हालांकि अभी तक किसी आधिकारिक स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरे हैं नेतन्याहू

नेतन्याहू पर तीन अलग-अलग मामलों में रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और जन विश्वास के उल्लंघन के आरोप लगे हैं। वे लगातार इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते आए हैं और दावा करते हैं कि पुलिस और अभियोजन पक्ष उन्हें सत्ता से हटाने के लिए साजिश रच रहे हैं।

सरकारी सहयोगियों ने जताई नाराजगी

अदालत के इस फैसले पर नेतन्याहू के सहयोगियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। वित्त मंत्री बेजालेल स्मोत्रिच ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि अदालत और अभियोजन पक्ष राष्ट्रीय हितों को नजरअंदाज कर रहे हैं। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बेन गवीर ने इसे ‘वास्तविकता से दूर’ बताया और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस अपील को दोहराया जिसमें उन्होंने नेतन्याहू के मुकदमे को बंद करने की मांग की थी।

लिकुड पार्टी ने जताया समर्थन

लिकुड पार्टी की सांसद टैली गोटलिव ने भी इस मामले पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने ट्विटर (अब X) पर लिखा कि “प्रधानमंत्री के साथ हो रहा अपमान अब असहनीय है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि नेतन्याहू अपने संघर्ष, साहस और नेतृत्व क्षमता से इस चुनौती से भी पार पाएंगे।

राजनीतिक और कानूनी मोर्चों पर घिरते नेतन्याहू

यह फैसला नेतन्याहू के लिए एक बड़ी कानूनी बाधा बनकर सामने आया है, खासकर तब जब वे पहले से ही कई मोर्चों पर राजनीतिक दबाव झेल रहे हैं। अब यह देखना होगा कि क्या नेतन्याहू इन आरोपों और आलोचनाओं से उबरकर अपनी राजनीतिक स्थिति को बनाए रख पाते हैं, या यह संकट उनके नेतृत्व के लिए एक निर्णायक मोड़ बन जाएगा।

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