क्रिकेट : क्रिकेट का नया नियम -गेंदबाज को गेंदबाजी करते समय पहनना पड़ेगा हेलमेट

क्रिकेट - क्रिकेट का नया नियम -गेंदबाज को गेंदबाजी करते समय पहनना पड़ेगा हेलमेट
| Updated on: 22-Dec-2020 10:43 AM IST
खेल में सुरक्षा को लेकर लगातार कई तरह के प्रयोग हो रहे हैं। टी20 क्रिकेट में अगले सीजन से गेंदबाज हेलमेट पहनकर गेंदबाजी करते दिखेंगे। इंग्लिश काउंटी टीम यॉर्कशायर के तेज गेंदबाज बेन कोड हेलमेट का डिजाइन तैयार रहे हैं। पिछले दिनों भारत ए के खिलाफ अभ्यास मैच में जसप्रीत बुमराह के शॉट पर तेज गेंदबाज कैमरून ग्रीन चोटिल हो गए थे। न्यूजीलैंड के घरेलू टूर्नामेंट में कई गेंदबाज पहले से हेलमेट का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि यह गेंदबाजों के लिए अधिक उपयोगी नहीं है।
चोट के कारण फ्लेचर महीने तक गाड़ी नहीं चला सके थेघटना को लेकर किताब भी लिखी
2017 में इंग्लिश काउंटी के मुकाबले में वॉर्कशायर के खिलाफ नॉटिंघमशायर के गेंदबाज ल्यूक फ्लेचर के सिर पर सैम हेन का शॉट लगा था। वे छह महीने तक गाड़ी नहीं चला सके थे। उन्होंने इस पर किताब भी लिखी है। उन्होंने कहा कि जब आप गेंदबाजी करते हुए पिच पर छह यार्ड तक आ जाते हैं, तब आप बल्लेबाज से सिर्फ 10 यार्ड दूर रह जाते हैं। 12 साल से काउंटी खेल रहे 32 साल के फ्लेचर ने कहा, ‘आज बल्लेबाज और मजबूत हो गए हैं। आज बल्लेबाज जितनी ताकत के साथ शॉट खेलते हैं वो पहले से कहीं अधिक है। अगले एक साल में यह कहां जाएगा, आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते।’
खिलाड़ी अब नेट़्स में गेंदबाजी करने से डरते हैं
कोड ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान मैंने हेलमेट बनाने पर काम शुरू किया। मैं चोटिल होने की बजाए सुरक्षा के इंतजाम के साथ मैच खेलना चाहूंगा। हॉकी का हेलमेट बचाव के लिए ठीक है, लेकिन यह पूरी तरह से नहीं बचाता। कोड और फ्लेचर की तरह कई गेंदबाज टी20के दौरान नेट्स पर गेंदबाजी नहीं करते हैं। ताकि वे जोखिम से बच सकें।
ऑन फील्ड सेफ्टी नियम की समीक्षा होनी चाहिएचैपल
खिलाड़ियों के चोटिल होने पर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने कहा, ‘अब समय आ गया है कि ऑन फील्ड सेफ्टी नियम को लेकर समीक्षा होनी चाहिए। इसमें बल्लेबाजी तकनीक के साथ बल्लेबाज, गेंदबाज और अंपायर को भी प्रमुखता से रखा जाए।’
टी20और वनडे दोनों में छक्के दोगुना तक बढ़े
टी20 के आने से लिमिटेड ओवर क्रिकेट में खिलाड़ी बड़े शॉट या अधिक छक्के लगा रहे हैं। 2000 से 2010 के बीच वनडे के हर मैच में औसतन 5 छक्के लगे थे। यह औसत 2011 से 2020 के बढ़कर 8 हो गया। वहीं टी20 की बात की जाए तो 2011 से 2015 के बीच हर टी20 में 9 छक्के लगे, जो 2016 से 2020 के बीच बढ़कर 13 हो गए।

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