देश: बेंगलुरु हिंसा की जांच में आया नया मोड़, आतंकियों और उपद्रवियों से जुड़े 40 आरोपियों के तार
देश - बेंगलुरु हिंसा की जांच में आया नया मोड़, आतंकियों और उपद्रवियों से जुड़े 40 आरोपियों के तार
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Updated on: 22-Aug-2020 03:32 PM IST
बेंगलुरु। कर्नाटक (Karnataka) की राजधानी बेंगलुरु (Bengaluru) में 11 अगस्त को भड़की हिंसा की जांच अब नए मोड़ पर पहुंच गई है। जांच में पता चला है कि जिन लोगों ने बेंगलुरु हिंसा (Bengaluru violence) को अंजाम दिया था, उनकी पहले से आतंकी (terrorist) और सांप्रदायिक हमलों (Communal Attacks ) में शामिल आरोपियों के साथ नजदीकी संबंध हैं। जांच टीम को कुछ ऐसे संदिग्ध भी मिले हैं, जिनके संबंध साल 2014 में बेंगलुरु के चर्च स्ट्रीट बम विस्फोट के आरोपियों से हैं। बता दें कि बेंगलुरु में 11 अगस्त को भड़की हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 60 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। जांच टीम को इस मामले में कुछ ऐसे सबूत भी हाथ लगे हैं जो ऐसे नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं जो दंगा फैलाते हैं और जिन्होंने पिछले कुछ सालों में अपने संगठन को काफी मजबूत कर लिया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि बेंगलुरु के केजी हल्ली इलाके में भड़की हिंसा में अब तक 380 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से कई लोगों के संबंध सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) और अल हिंद आतंकी समूह जैसे संगठनों से भी हैं।पुलिस सूत्रों ने CNN-News18 को बताया कि समीउद्दीन जो खुद को सोशल वर्कर बताता है, उसे बुधवार को गिरफ्तार किया गया है। समीउद्दीन से पूछताछ में पता चला है कि वह अक्टूबर 2016 में आरएसएस कार्यकर्ता रुद्रेश की हत्या के मुख्य आरोपी के संपर्क में था और एक बार उससे मिलने के लिए जेल भी गया था। पकड़े गए 380 लोगों में से 40 अभियुक्त ऐसे हैं जिनके संबंध चर्च स्ट्रीट ब्लास्ट, मल्लेश्वरम बम विस्फोट और सांप्रदायिक तनाव से जुड़े मामलों में आरोपी से हैं। इन मामलों में से कुछ की जांच एनआईए द्वारा की जा चुकी है तो कुछ में जांच जारी है।380 आरोपियों में से 27 लोगों के फोन रिकॉर्ड खंगाल रही पुलिस पुलिस अभी भी एक मुदस्सिर की तलाश में है, जिसने कथित तौर पर दंगों की रात को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की थी और लोगों से पुलिस स्टेशन पर इकट्ठा होने की अपील की थी। पुलिस अब 380 आरोपियों में से उन 27 लोगों के फोन रिकॉर्ड खंगाल रही है जिन्होंने दंगा भड़काने में बड़ी भूमिका निभाई है। जांच में ये भी पता चला है कि 11 अगस्त को डीजे हल्ली और आस-पास के इलाकों में हुई हिंसा को पुलकेशीनगर के कांग्रेस विधायक आर अखंडा श्रीनिवास मूर्ति के एक रिश्तेदार द्वारा कथित रूप से सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने के बाद अंजाम दिया गया था।डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाने की थी तैयारीएक सेवारत IPS अधिकारी ने News18 को बताया कि डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) ज्यादातर मैंगलोर, मैसूर और बेंगलुरु में सक्रिय है। एक दशक पहले जब बेंगलुरु में इसकी स्थापना की गई जब केजी हल्ली से भी इसका संचालन किया जाता था। इस संगठन पर कर्नाटक की पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान भी प्रतिबंध लगाए जाने की तैयार की गई थी लेकिन कानूनी झंझट के कारण इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सका था।
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