Artificial Intelligence: नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने अपनी दूसरी सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल तकनीकों के इस्तेमाल से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में आए क्रांतिकारी बदलावों का ज़िक्र है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे NHAI ने डेटा-संचालित फैसलों, कर्मचारी कल्याण, और पर्यावरणीय स्थिरता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। आइए, इस रिपोर्ट के प्रमुख बिंदुओं पर नज़र डालते हैं।
NHAI ने Data Lake 3.0 नामक एक डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू किया है, जो सभी प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी को एक जगह समेटता है। यह AI-संचालित प्लेटफॉर्म तेज़ और पारदर्शी निर्णय लेने में मदद करता है। इसके ज़रिए प्रोजेक्ट की प्रगति, लागत, और संभावित समस्याओं का रियल-टाइम विश्लेषण संभव हो पाया है। नतीजतन, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट पहले से कहीं ज़्यादा स्मार्ट, कुशल, और जवाबदेह हो गया है।
AI और डिजिटल तकनीकों का सबसे बड़ा प्रभाव विवाद समाधान के क्षेत्र में देखने को मिला। NHAI ने 155 लंबे समय से लटके विवादों को सुलझाया, जिससे सरकारी खजाने को 25,680 करोड़ रुपये की भारी-भरकम बचत हुई। यह उपलब्धि न केवल वित्तीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि तकनीक कैसे जटिल समस्याओं को हल करने में गेम-चेंजर साबित हो सकती है।
NHAI ने कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए Occupational Health and Safety (OHS) Framework लागू किया है। इसके तहत कार्यस्थलों पर सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया गया है। इसके अलावा, विविधता और समानता को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों का नतीजा यह रहा कि पूरे साल में भेदभाव से संबंधित एक भी शिकायत दर्ज नहीं हुई। यह कदम NHAI की समावेशी कार्यसंस्कृति को रेखांकित करता है।
रिपोर्ट में FASTag की सफलता को भी रेखांकित किया गया है। देश में FASTag की पहुंच अब 98.5% तक हो चुकी है। इसका असर टोल प्लाज़ा पर साफ नज़र आता है, जहां लंबी कतारें लगभग खत्म हो गई हैं। वाहन बिना रुके टोल पार कर रहे हैं, जिससे ईंधन की बचत हो रही है और प्रदूषण में कमी आ रही है। यह डिजिटल पहल न केवल समय बचाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रही है।
NHAI ने अपने निर्माण कार्यों में पर्यावरणीय स्थिरता को प्राथमिकता दी है। हरियाली को बढ़ावा देने, सौर ऊर्जा के उपयोग, और कचरा प्रबंधन जैसी टिकाऊ नीतियों को अपनाया गया है। इसका उद्देश्य तेज़ विकास के साथ-साथ पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को न्यूनतम करना है। सोलर पैनल्स और रिसाइक्लिंग जैसी पहलों से NHAI ने यह दिखाया है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण एक साथ चल सकते हैं।