Nitish Cabinet: नीतीश कैबिनेट में राजपूत, दलित और भूमिहार का दबदबा: जानें किस जाति को मिली कितनी जगह?

Nitish Cabinet - नीतीश कैबिनेट में राजपूत, दलित और भूमिहार का दबदबा: जानें किस जाति को मिली कितनी जगह?
| Updated on: 20-Nov-2025 12:34 PM IST
प्रचंड जीत के बाद नई सरकार का गठन बिहार चुनाव 2025 में मिली प्रचंड जीत के उपरांत नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हो गया है और मुख्यमंत्री सहित कुल 27 सदस्यों को कैबिनेट में शामिल किया गया है, जो राज्य के शासन की बागडोर संभालेंगे। इस कैबिनेट के गठन में जातिगत समीकरणों का विशेष ध्यान रखा। गया है, ताकि राज्य के विभिन्न समुदायों को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके। सरकार ने दलित, राजपूत, भूमिहार, कुशवाहा, वैश्य, यादव और अल्पसंख्यक समुदायों के साथ-साथ महिला प्रतिनिधित्व को भी सुनिश्चित किया है, जो एक समावेशी शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मंत्रिमंडल बिहार की सामाजिक विविधता को दर्शाता है और। विभिन्न वर्गों की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करता है।

राजपूत और दलित समुदाय का सर्वाधिक प्रतिनिधित्व

नीतीश कैबिनेट में राजपूत और दलित समुदाय को सबसे अधिक संख्या में मंत्री पद दिए गए हैं। दोनों ही समुदायों से 4-4 मंत्री बनाए गए हैं, जो उनकी राजनीतिक ताकत और चुनावी महत्व को दर्शाता है। राजपूत समुदाय से जमुई की विधायक श्रेयसी सिंह, महुआ विधायक संजय कुमार सिंह, आरा विधायक संजय सिंह टाइगर और धमदाहा विधायक लेसी सिंह को कैबिनेट में शामिल किया गया है और इस बार 32 राजपूत विधायक चुनकर सदन पहुंचे हैं, जिनमें से अधिकांश एनडीए कोटे से हैं, जो इस समुदाय के मजबूत समर्थन को दर्शाता है। इसी प्रकार, दलित कोटे से भोरे विधायक सुनील कुमार, एमएलसी अशोक चौधरी, लखेंद्र रौशन और बखरी विधायक संजय पासवान को मंत्री बनाया गया है। इस चुनाव में 36 दलित विधायक सदन पहुंचे हैं, जो उनके मजबूत जनाधार और राजनीतिक प्रभाव को रेखांकित करता है। यह प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है कि इन महत्वपूर्ण समुदायों की आवाज सरकार में सुनी जाए।

कुशवाहा और कुर्मी समुदाय की अहम भूमिका

कैबिनेट में कुशवाहा और कुर्मी समुदाय का भी विशेष ख्याल रखा गया है, जिनके कुल 6 सदस्य मंत्री पद पर आसीन हैं। स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुर्मी समुदाय से आते हैं, जो इस समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक है और कुशवाहा समुदाय से सम्राट चौधरी, सुरेंद्र मेहता और दीपक प्रकाश को कैबिनेट में जगह मिली है, जबकि कुर्मी समुदाय से श्रवण कुमार को मंत्री बनाया गया है। यह प्रतिनिधित्व इन समुदायों के राजनीतिक महत्व को रेखांकित करता है और दर्शाता है कि सरकार इन वर्गों को अपने साथ लेकर चलना चाहती है। इन समुदायों का मजबूत प्रतिनिधित्व सरकार की स्थिरता और व्यापक जनाधार के लिए आवश्यक माना जाता है।

वैश्य समुदाय का मजबूत प्रतिनिधित्व

वैश्य समुदाय को भी कैबिनेट में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिला है, जिससे इस समुदाय के 4 सदस्य मंत्री बने हैं। दिलीप जायसवाल, नारायण प्रसाद, प्रमोद कुमार और अरुण शंकर प्रसाद (सूड़ी समुदाय) को मंत्री पद दिया गया है। यह उल्लेखनीय है कि वैश्य समुदाय से सभी मंत्री बीजेपी कोटे से बने हैं, जो इस समुदाय को बीजेपी का कोर वोटर्स माने जाने की बात को पुष्ट करता है। यह प्रतिनिधित्व व्यापारिक और उद्यमी वर्ग की चिंताओं और हितों को सरकार में उठाने में मदद करेगा, जिससे राज्य के आर्थिक विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित होगी।

भूमिहार, ब्राह्मण और कायस्थ समुदाय की भागीदारी

भूमिहार और ब्राह्मण समुदाय से कुल 3 मंत्री बनाए गए हैं। इनमें विजय कुमार चौधरी, मंगल पांडे और विजय सिन्हा शामिल हैं, जो इन समुदायों के प्रमुख चेहरों में से हैं और राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इसके अतिरिक्त, कायस्थ समुदाय से नितिन नबीन को कैबिनेट में शामिल किया गया है, जो विभिन्न सामाजिक वर्गों को साधने के सरकार के प्रयास को दर्शाता है। जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन को भी कैबिनेट में जगह मिली है, जो मुसहर समुदाय से आते हैं और यह समावेशी दृष्टिकोण सरकार की व्यापक स्वीकार्यता सुनिश्चित करने में सहायक है।

यादव, निषाद और अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व

नीतीश कैबिनेट में यादव और निषाद समुदाय से 2-2 मंत्री बनाए गए हैं। निषाद समुदाय से मदन सहनी और रमा निषाद को मंत्री बनाया गया है, जबकि यादव समुदाय से रामकृपाल यादव और विजेंद्र यादव को कैबिनेट में शामिल किया गया है और राज्य की 14 प्रतिशत आबादी वाले यादव समुदाय को 2 मंत्री पद दिए गए हैं, जो उनके जनसंख्या अनुपात के अनुरूप प्रतिनिधित्व प्रदान करने का प्रयास है। जेडीयू कोटे से एक अल्पसंख्यक मंत्री, चैनपुर विधायक जमा खान को भी कैबिनेट में जगह मिली है, जो सभी वर्गों। को साथ लेकर चलने की सरकार की नीति को दर्शाता है और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा का संदेश देता है।

महिला प्रतिनिधित्व को भी मिला महत्व

नई सरकार में महिला प्रतिनिधित्व का भी विशेष ध्यान रखा गया है। कैबिनेट में 3 महिला मंत्रियों को शामिल किया गया है, जिनमें श्रेयसी सिंह, लेसी सिंह और रमा निषाद शामिल हैं। यह कदम महिलाओं को सशक्त बनाने और शासन में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है और यह दर्शाता है कि सरकार लैंगिक समानता और महिलाओं की सक्रिय भूमिका को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे राज्य के विकास में महिलाओं का योगदान बढ़ सके।

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