बिहार: नीतीश सरकार ने बकरीद में सामूहिक नमाज और श्रावणी मेले पर लगाई रोक

बिहार - नीतीश सरकार ने बकरीद में सामूहिक नमाज और श्रावणी मेले पर लगाई रोक
| Updated on: 20-Jul-2021 10:45 AM IST
पटना। बिहार में कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच सरकार ने एक बार फिर से सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। नीतीश सरकार (Nitish Government) ने सावन और बकरीद जैसे मौकों पर लोगों की भीड़ न हो इसके लिए सख्त नियम बनाए हैं। इन नियमों के तहत बकरीद (Bakrid 2021) के मौके पर जहां लोग सामूहिक रूप से नमाज नहीं पढ़ सकेंगे तो वही सावन (Shrawan 2021) के महीने में शिवालयों में होने वाली पूजा पर भी रोक लगाने का फैसला किया गया है। दरअसल, बिहार में कोरोना के मामले कम जरूर हुए हैं, लेकिन सरकार की पूरी कोशिश है कि इसे फिर से सामूहिक रूप से फैलने से रोका जा सके।


बकरीद को लेकर पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक और तमाम पदाधिकारियों के साथ बड़ी बैठक की। बैठक के बाद निर्देश जारी करते हुए डीएम ने बताया कि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए बकरीद की नमाज सिर्फ घरों में ही पढ़ी जा सकती है। किसी भी ईदगाह या मस्जिद में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं होगी। बकरीद के मौके पर किसी भी सार्वजानिक समारोह पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। सभी SDO, BDO और CO को निर्देश जारी करते हुए थाना और अनुमंडल स्तर पर शांति समिति की बैठक कर तमाम दिशा निर्देशों को बताने का निर्देश दिया।

बकरीद के साथ सावन में लगने वाले श्रावणी मेला पर भी पाबंदी लगा दी गई है। कोविड नियमों के तहत किसी भी सार्वजनिक मेला या समारोह पर पाबंदी रहेगी। साथ ही मंदिरों में कांवर ले जाने पर भी रोक लगाई गई है। मंदिरों में पहली सोमवारी से ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया गया है। बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने जानकारी दी है कि बिहार सरकार ने एक सीडी जारी की है, जिसमें अगस्त महीने तक किसी भी तरह के धार्मिक कार्यक्रम और उसके आयोजन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। लोगों की सुरक्षा और कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इस बार श्रावणी मेला का आयोजन नहीं होगा और सावन महोत्सव से जुड़े किसी भी कार्यक्रम पर पूरी तरीके से प्रतिबंध रहेगा।

अखिलेश कुमार जैन ने लोगों से अपील की है कि लोग अपने घरों में ही पूजा-अर्चना करें। मंदिर आम जनों के लिए पूरी तरीके से बंद रहेंगे। मंदिर के पुजारी सिर्फ सुबह और शाम पूजा अर्चना और आरती करेंगे। सावन महीने में जो उत्सव और मेले का आयोजन किया जाता है, उसे भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। लोगों को सुल्तानगंज और भागलपुर से जल भी नहीं लेने दिया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि लोग जिस तरीके से हर बार सरकार का समर्थन करते हैं, इस बार भी फैसले का लोग समर्थन करेंगे और सभी की सुरक्षा का ख्याल रखेंगे।

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