बिहार की राजनीति में एक नया इतिहास रचा गया जब जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार ने आज पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में आयोजित इस भव्य समारोह में नीतीश कुमार ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से हिंदी में शपथ ली।
नीतीश कुमार के साथ भाजपा के दो दिग्गज नेता सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने लगातार दूसरी बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद कुल 26 अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण की, जिसमें पुराने चेहरों के साथ-साथ कई नए नाम भी शामिल हैं। इस नई कैबिनेट में विविधता का ख्याल रखा गया है – एकमात्र मुस्लिम चेहरा जदयू के मो. जमा खान हैं, जबकि हम (सेक्युलर) के संतोष कुमार सुमन और रालोम के दीपक प्रकाश जैसे युवा चेहरे भी मंत्री बने।
जदयू ने पुराने और विश्वसनीय चेहरों पर भरोसा जताया, जबकि भाजपा ने कई नए नामों को मौका देकर युवा और महिला प्रतिनिधित्व बढ़ाया। निशानेबाज श्रेयसी सिंह और रामा निषाद जैसी महिलाओं का शामिल होना कैबिनेट में नई ऊर्जा का संकेत है।
शपथ से एक दिन पहले कई नेताओं के फोन आए कि वे मंत्री बनने जा रहे हैं। जदयू कोटे से विजय चौधरी, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लेशी सिंह जैसे पुराने योद्धाओं के नाम लगभग पक्के थे। भाजपा की ओर से सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा के अलावा दिलीप जायसवाल, श्रेयसी सिंह, नितिन नवीन जैसे नाम चर्चा में थे।
सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट में विभागों का बंटवारा जल्द होगा, लेकिन गृह विभाग नीतीश कुमार अपने पास रख सकते हैं – यह उनकी पुरानी परंपरा है।
2010 के बाद पहली बार गांधी मैदान में इतने बड़े स्तर पर शपथ ग्रहण हुआ। लाखों कार्यकर्ता, NDA के शीर्ष नेता और प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी ने इसे चुनावी जीत का जश्न बना दिया। नीतीश कुमार ने शपथ लेते ही बिहार को "विकसित राज्य" बनाने का संकल्प दोहराया।