IND vs ENG: भारत के लिए नंबर-3 बना सबसे बड़ी समस्या, नहीं मिल पा रहा द्रविड़ और पुजारा जैसा बल्लेबाज

IND vs ENG - भारत के लिए नंबर-3 बना सबसे बड़ी समस्या, नहीं मिल पा रहा द्रविड़ और पुजारा जैसा बल्लेबाज
| Updated on: 18-Jul-2025 11:20 AM IST

IND vs ENG: भारतीय टेस्ट क्रिकेट में नंबर-3 की पोजीशन लंबे समय से स्थिरता और भरोसे का प्रतीक रही है। राहुल द्रविड़ और चेतेश्वर पुजारा जैसे दिग्गजों ने इस पोजीशन पर बल्लेबाजी करते हुए न केवल रनों का अंबार लगाया, बल्कि मुश्किल परिस्थितियों में टीम को संकट से उबारा भी। द्रविड़ ने नंबर-3 पर 135 टेस्ट मुकाबलों में 10,000 से ज्यादा रन बनाए, जबकि पुजारा ने 95 टेस्ट मैचों में इस पोजीशन पर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। लेकिन इन दोनों के बाद भारतीय टीम इस महत्वपूर्ण स्थान के लिए एक भरोसेमंद बल्लेबाज की तलाश में जूझ रही है। जून 2023 के बाद से इस पोजीशन पर छह बल्लेबाजों को आजमाया गया, लेकिन कोई भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।

शुभमन गिल: नंबर-3 पर असहज, नंबर-4 पर चमके

शुभमन गिल ने नंबर-3 पर 16 टेस्ट मुकाबले खेले और 972 रन बनाए। हालांकि, इस पोजीशन पर वह कभी सहज नहीं दिखे। कप्तानी संभालने के बाद उन्होंने नंबर-3 को छोड़कर नंबर-4 पर बल्लेबाजी शुरू की, जिसके बाद उनके प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार देखने को मिला। इस बदलाव ने उनके बल्ले से रनों की बरसात शुरू कर दी, लेकिन नंबर-3 की समस्या अनसुलझी रह गई।

केएल राहुल, विराट कोहली और देवदत्त पड्डीक्कल: प्रभावहीन प्रयास

जून 2023 के बाद केएल राहुल, विराट कोहली और देवदत्त पड्डीक्कल ने नंबर-3 पर एक-एक टेस्ट मुकाबला खेला, लेकिन कोई भी प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहा। विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, देवदत्त पड्डीक्कल भारतीय टेस्ट टीम से बाहर हैं, और केएल राहुल अब ओपनिंग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इन तीनों के असफल प्रयोगों ने नंबर-3 की समस्या को और गहरा दिया है।

करुण नायर और साई सुदर्शन: इंग्लैंड दौरे पर निराशा

हाल के इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम ने करुण नायर और साई सुदर्शन को नंबर-3 पर आजमाया, लेकिन दोनों ही नाकाम रहे। करुण नायर, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के दम पर सीनियर टीम में वापसी की थी, उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। उन्होंने नंबर-3 पर दो टेस्ट मुकाबलों में चार पारियों में केवल 111 रन बनाए, जिसमें एक भी अर्धशतक शामिल नहीं है। दूसरी ओर, साई सुदर्शन ने अपने डेब्यू टेस्ट में नंबर-3 पर बल्लेबाजी की। पहली पारी में वह खाता तक नहीं खोल सके, जबकि दूसरी पारी में 30 रन बनाए। उनका प्रदर्शन भी कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ सका।

आगे की राह: क्या है समाधान?

नंबर-3 की पोजीशन टेस्ट क्रिकेट में रीढ़ की हड्डी की तरह होती है। यह बल्लेबाज न तो पूरी तरह ओपनर होता है और न ही मध्यक्रम का हिस्सा, बल्कि दोनों के बीच का सेतु होता है। भारतीय टीम को इस पोजीशन के लिए एक ऐसे बल्लेबाज की जरूरत है, जो तकनीकी रूप से मजबूत हो, धैर्य के साथ लंबी पारियां खेल सके, और दबाव में रन बना सके। मौजूदा समय में शुभमन गिल नंबर-4 पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, और केएल राहुल ओपनिंग में व्यस्त हैं। ऐसे में घरेलू क्रिकेट से उभरते हुए युवा बल्लेबाजों को मौका देना या किसी अनुभवी खिलाड़ी को इस भूमिका के लिए तैयार करना जरूरी है।

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