No-Confidence Motion: मणिपुर पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मंजूर

No-Confidence Motion - मणिपुर पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मंजूर
| Updated on: 26-Jul-2023 01:44 PM IST
No-Confidence Motion: लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। जिसे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने मंजूरी दे दी। दोपहर 12 बजे लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। स्पीकर ने नियमों के तहत 50 से ज्यादा सांसदों के समर्थन के बाद कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का समय सभी दलों से बातचीत के बाद तय करेंगे। हालांकि विपक्ष नारेबाजी करते हुए PM मोदी की मौजूदगी की मांग करने लगे। इसके बाद लोकसभा 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।

इससे पहले मणिपुर के मसले पर लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा हुआ और दोनों सदन दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिए गए।

उधर, राज्यसभा में भी कार्रवाई दोबारा शुरू हुई। लेकिन विपक्षी सांसद लगातार वी वॉन्ट जस्टिस, PM मोदी जवाब दो... के नारे लगाते रहे।

अविश्वास प्रस्ताव पर सांसदों के बयान....

संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल- पहले वे चर्चा चाहते थे। जब हम तैयार हुए, तो उन्होंने नियमों का मुद्दा उठाया। अब वे नया मुद्दा लेकर आए कि पीएम आकर चर्चा शुरू करें। मुझे लगता है ये सभी बहाने हैं।

शिव सेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी- अगर पीएम को संसद में लाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो हम इस देश की बहुत बड़ी सेवा करेंगे।

राजद सांसद मनोज झा- हम जानते हैं कि संख्याएं हमारे पक्ष में नहीं, लेकिन लोकतंत्र सिर्फ संख्याओं के बारे में नहीं है। शायद अविश्वास प्रस्ताव के बहाने उन्हें कुछ बोलने पर मजबूर किया जा सकता है। यही सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।

अविश्वास प्रस्ताव के पीछे विपक्ष का मकसद क्या

विपक्ष जानता है कि सरकार सदन में आसानी से बहुमत साबित कर देगी, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री का भाषण भी होगा।

अगर आंकड़ों की बात करें, तो अभी लोकसभा में NDA के 335 सांसद हैं। मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव 20 जुलाई 2018 में आया। तब सरकार को 325, विपक्ष को 126 वोट मिले थे।

बीते 4 दिनों में संसद में क्या हुआ

20 जुलाई पहला दिन: संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ, पहले दिन संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने मणिपुर घटना पर हंगामा शुरू कर दिया। इसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गई थी।

21 जुलाई दूसरा दिन: सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष ने मणिपुर के मुद्दे पर हंगामा किया। दोनों सदनों की कार्यवाही 24 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र के दूसरे दिन लोकसभा की कार्यवाही कुल 19 मिनट और राज्यसभा की कार्यवाही कुल 18 मिनट चली।

24 जुलाई तीसरा दिन: मानसून के तीसरे दिन भी मणिपुर मुद्दे को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की। हंगामे के चलते संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही 25 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

25 जुलाई चौथा दिन: मंगलवार को मणिपुर मुद्दे पर लोकसभा में सांसदों ने सदन में नारेबाजी की और अध्यक्ष की आसंदी के पास पहुंचकर इंडिया फॉर मणिपुर के पोस्टर दिखाए। सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे और फिर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। उधर, राज्यसभा तीसरी बार नारेबाजी के बीच शुरू हुई। विपक्ष के वॉकआउट के बाद दो घंटे से ज्यादा कार्रवाई चली। इस दौरान संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक 2022 पारित हुआ। अगले दिन के लिए कार्रवाई स्थगित हुई।

मणिपुर और I.N.D.I.A पर बयान से सदन में हंगामा

1. इंडिया नाम हथियाने से कुछ नहीं होगा- PM मोदी

PM मोदी की अध्यक्षता में भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। जिसमें PM ने विपक्षी गठबंधन के नाम I.N.D.I.A पर कहा- जो लोग सत्ता चाहते हैं और देश को तोड़ना चाहते हैं वो ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिद्दीन जैसे नाम रख रहे हैं। इनमें भी इंडिया आता है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) में भी इंडिया नाम आता है, लेकिन लोग इससे गुमराह नहीं होंगे।

2. PM मोदी भारत की तुलना ईस्ट इंडिया से कर रहे- खड़गे

राज्यसभा में खड़गे ने कहा कि मणिपुर में बच्चियों का रेप हो रहा है। वो हिंसा की आग में जल रहा है। हम मणिपुर की बात कर रहे हैं और पीएम मोदी इंडिया की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से कर रहे हैं। आप मणिपुर पर बात करिए ना।

केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल लाएगी, सत्र में 17 बैठकें होंगी

मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान 17 बैठकें होंगी। केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल ला रही है। इनमें 21 नए बिल हैं, वहीं 10 बिल पहले संसद में किसी एक सदन में पेश हो चुके हैं। उन पर चर्चा होगी। सबसे ज्यादा चर्चित बिल दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश है।

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