GST Collection 2025: नवंबर में बढ़ा GST कलेक्शन, 1.70 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा सकल संग्रह; राज्यों को भी मिला फायदा

GST Collection 2025 - नवंबर में बढ़ा GST कलेक्शन, 1.70 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा सकल संग्रह; राज्यों को भी मिला फायदा
| Updated on: 01-Dec-2025 06:09 PM IST
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर महीने में देश का सकल वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन 0. 7 प्रतिशत बढ़कर 1. 70 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है और यह वृद्धि सरकार द्वारा किए गए जीएसटी सुधारों के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाती है। पिछले वर्ष नवंबर 2024 में सकल GST कलेक्शन 1. 69 लाख करोड़ रुपये था, जिससे इस साल इसमें उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह आंकड़ा देश की आर्थिक गतिविधियों में निरंतर सुधार और कर अनुपालन में वृद्धि का संकेत देता है।

आयात राजस्व में महत्वपूर्ण वृद्धि

नवंबर में सामान के आयात से होने वाले राजस्व में भी महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। आयात राजस्व 10 और 2 प्रतिशत बढ़कर 45,976 करोड़ रुपये हो गया है। यह बढ़ोतरी वैश्विक व्यापार में सुधार और देश में आयातित वस्तुओं की मांग में वृद्धि को दर्शाती है और आयात पर लगने वाले जीएसटी का बढ़ना कुल कलेक्शन में एक बड़ा योगदानकर्ता रहा है, जिससे सरकार के खजाने को मजबूती मिली है। यह दर्शाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था न केवल घरेलू मोर्चे पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में भी मजबूत हो रही है।

GST दर में कटौती का प्रभाव

हालांकि, 22 सितंबर से लागू 375 वस्तुओं के लिए GST दर में कमी के बाद, जीएसटी राजस्व (एक विशिष्ट घटक) 2. 3 प्रतिशत घटकर 1. 24 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक हो गया। यह गिरावट उन वस्तुओं पर कर की दरों में कमी के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में देखी जा रही है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करना और कुछ क्षेत्रों में मांग को बढ़ावा देना था। इसके बावजूद, कुल सकल और शुद्ध जीएसटी कलेक्शन में वृद्धि यह बताती है कि दर में कटौती का समग्र राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव सीमित रहा है, और अन्य कारकों ने इसे संतुलित कर दिया है।

शुद्ध राजस्व में भी बढ़ोतरी

नवंबर में शुद्ध जीएसटी राजस्व 1,52,079 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1 और 3% अधिक है। यह आंकड़ा सकल कलेक्शन से रिफंड आदि को घटाने के बाद प्राप्त होता है और सरकार के वास्तविक राजस्व को दर्शाता है। इसके अलावा, वर्ष-दर-वर्ष शुद्ध राजस्व 7. 3% की वार्षिक वृद्धि के साथ 12,79,434 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह लगातार वृद्धि देश की वित्तीय स्थिरता और मजबूत कर आधार। का प्रमाण है, जो भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत देता है।

राज्यों को भी हुआ फायदा

नवंबर महीने में न केवल देश के समग्र कलेक्शन में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि देश के कई बड़े राज्यों के राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। हरियाणा का कलेक्शन 17 प्रतिशत, केरल का 8 प्रतिशत और असम का कलेक्शन 18 प्रतिशत बढ़ा है, जो इन राज्यों की आर्थिक गतिविधियों में तेजी का संकेत देता है। इसके अलावा, गुजरात और तमिलनाडु का कलेक्शन क्रमशः 1 और 2 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि राजस्थान में 6 फीसदी की बढ़त देखी गई है और यह वृद्धि राज्यों को अपनी विकास परियोजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं के लिए अधिक वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराएगी।

रिफंड की स्थिति

रिफंड में मिश्रित गति देखी गई क्योंकि कुल रिफंड 18,196 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो कि साल-दर-साल 4% कम था। निर्यात रिफंड 3 और 5% बढ़ा, जो निर्यात क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जबकि घरेलू रिफंड में 12% की गिरावट आई। रिफंड की यह स्थिति करदाताओं के लिए प्रक्रियात्मक दक्षता और सरकार के लिए नकदी प्रवाह प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती है। निर्यात रिफंड में वृद्धि से निर्यातकों को प्रोत्साहन मिलता है, जो देश के व्यापार संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है।

पिछले महीनों की तुलना में कलेक्शन

हालांकि जीएसटी दर में कटौती के बाद नवंबर महीने में कलेक्शन साल-दर-साल के हिसाब से बढ़ा है, लेकिन बीते महीनों की तुलना में इसमें गिरावट आई है। अक्टूबर में कुल जीएसटी कलेक्शन सितंबर के 1 और 89 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 1. 96 लाख करोड़ रुपये हो गया था। वहीं, मई 2025 में कलेक्शन ने 2 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया था। इस महीने का कलेक्शन बीते कुछ महीनों की तुलना में कम हुआ है, जो मौसमी कारकों या विशिष्ट आर्थिक गतिविधियों में अस्थायी बदलावों के कारण हो सकता है और फिर भी, यह महत्वपूर्ण है कि कलेक्शन 1. 70 लाख करोड़ रुपये के मजबूत स्तर पर बना हुआ है, जो अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित शक्ति को दर्शाता है।

सरकारी सुधारों का दीर्घकालिक प्रभाव

सरकार द्वारा किए गए जीएसटी सुधारों का दीर्घकालिक प्रभाव स्पष्ट रूप से दिख रहा है और कर अनुपालन में सुधार, डिजिटलीकरण को बढ़ावा और कर आधार का विस्तार इन सकारात्मक परिणामों के प्रमुख कारण हैं। जीएसटी प्रणाली को और अधिक कुशल बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में भी राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है। यह प्रणाली देश की अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने और 'एक राष्ट्र, एक कर' के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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