Asia Cup 2025: एशिया कप 2025 के शेड्यूल का ऐलान हो चुका है, और क्रिकेट प्रेमियों में उत्साह का माहौल है। यह टूर्नामेंट टी20 फॉर्मेट में 9 सितंबर से शुरू होगा, जिसमें भारतीय टीम अपने मुकाबले दुबई में खेलेगी। अगस्त के अंत तक भारतीय टीम की घोषणा होने की उम्मीद है, लेकिन इस बार 15 खिलाड़ियों का चयन करना सेलेक्टर्स के लिए आसान नहीं होगा। कई खिलाड़ी एक ही स्थान के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, जिसके चलते चयनकर्ताओं को गहन मंथन करना होगा। हालांकि, यह तय है कि टीम की कमान सूर्यकुमार यादव के हाथों में ही रहेगी।
हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई टी20 सीरीज में संजू सैमसन और अभिषेक शर्मा ने भारतीय टीम के लिए ओपनिंग की जिम्मेदारी निभाई थी। दोनों ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई, लेकिन सवाल यह है कि क्या सेलेक्टर्स इस जोड़ी को एशिया कप में भी बरकरार रखेंगे? इस सवाल का जवाब इतना आसान नहीं है, क्योंकि शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल ने भी हाल के प्रदर्शनों से अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है। खासकर जायसवाल, जो इंग्लैंड में सलामी बल्लेबाज के रूप में शानदार फॉर्म में नजर आए। दूसरी ओर, गिल ने भले ही उस सीरीज में ओपनिंग न की हो, लेकिन उनकी बल्लेबाजी और अनुभव उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाते हैं।
इन चारों बल्लेबाजों के अलावा, रुतुराज गायकवाड़ भी ओपनिंग के लिए एक मजबूत विकल्प हैं। आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी करने वाले रुतुराज ने अपनी बल्लेबाजी से सभी का ध्यान खींचा है। वह लगातार रन बना रहे हैं और एक भरोसेमंद बल्लेबाज के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। फिर भी, सेलेक्टर्स ने अब तक उन्हें ज्यादा मौके नहीं दिए हैं। क्या एशिया कप 2025 में रुतुराज को मौका मिलेगा, या फिर सेलेक्टर्स उनकी अनदेखी करेंगे? यह सवाल चयन प्रक्रिया को और जटिल बनाता है।
टीम चयन के लिए सेलेक्टर्स को कई कारकों पर विचार करना होगा। खिलाड़ियों की मौजूदा फॉर्म, अनुभव, और टूर्नामेंट की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक संतुलित टीम बनाना जरूरी है। दुबई की पिचें आमतौर पर बल्लेबाजों और स्पिनरों के लिए अनुकूल होती हैं, इसलिए गेंदबाजी यूनिट का चयन भी उतना ही महत्वपूर्ण होगा। क्या सेलेक्टर्स अनुभवी खिलाड़ियों पर भरोसा जताएंगे, या युवा प्रतिभाओं को मौका देंगे?
सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारतीय टी20 टीम ने हाल के समय में शानदार प्रदर्शन किया है। उनकी आक्रामक रणनीति और खिलाड़ियों को प्रेरित करने की क्षमता ने उन्हें एक लोकप्रिय कप्तान बनाया है। एशिया कप में भी उनसे यही उम्मीद होगी कि वह टीम को एकजुट रखें और ट्रॉफी तक ले जाएं।