UPI Payments: NPCI ने उठाया ये बड़ा कदम- 1 फरवरी से नहीं कर पाएंगे UPI पेमेंट!

UPI Payments - NPCI ने उठाया ये बड़ा कदम- 1 फरवरी से नहीं कर पाएंगे UPI पेमेंट!
| Updated on: 30-Jan-2025 06:00 AM IST
UPI Payments: भारत में पिछले कुछ वर्षों में UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) पेमेंट सिस्टम का विस्तार हुआ है और यह देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा बन चुका है। अब एक अहम बदलाव होने जा रहा है जो 1 फरवरी 2025 से प्रभावी होगा। इस बदलाव के तहत, UPI पेमेंट ट्रांजेक्शन में स्पेशल कैरेक्टर्स (जैसे @, #, $, आदि) का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। यदि कोई ऐप इन विशेष कैरेक्टर का उपयोग करता है, तो ट्रांजेक्शन रद्द कर दिया जाएगा। आइए इस बदलाव के पीछे की पूरी कहानी पर नजर डालते हैं।

क्यों होगा यह बदलाव?

भारत में कई UPI ऐप्स में ट्रांजेक्शन आईडी के लिए स्पेशल कैरेक्टर्स का उपयोग किया जाता है, जो कि ट्रांजेक्शन को जटिल बना सकते हैं। राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने इन ट्रांजेक्शन आईडी में केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर्स (अक्षर और अंक) का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। इस कदम का उद्देश्य सुरक्षा में सुधार और सिस्टम को अधिक प्रभावी बनाना है।

NPCI का आदेश और इसका असर

NPCI ने 9 जनवरी 2025 को एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि 1 फरवरी 2025 के बाद सभी UPI ऐप्स को ट्रांजेक्शन आईडी में केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर्स का इस्तेमाल करना होगा। इसके बाद, यदि कोई ऐप इस नियम का पालन नहीं करेगा, तो उसकी ट्रांजेक्शन अस्वीकार कर दी जाएगी। इसका असर केवल व्यापारिक उपयोगकर्ताओं पर नहीं, बल्कि आम उपयोगकर्ताओं पर भी पड़ेगा। यदि आप किसी ऐसे ऐप से UPI ट्रांजेक्शन करेंगे जो इस नियम का पालन नहीं करता, तो आपका भुगतान रद्द हो सकता है।

किन ऐप्स पर पड़ेगा असर?

हालांकि, इस बदलाव का असर मुख्य रूप से उन ऐप्स पर पड़ेगा जो ट्रांजेक्शन आईडी में स्पेशल कैरेक्टर्स का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कुछ छोटे या स्थानीय ऐप्स। लेकिन बड़े और लोकप्रिय ऐप्स जैसे Paytm और PhonePe इस बदलाव से अप्रभावित रहेंगे, क्योंकि वे पहले ही अपने ट्रांजेक्शन आईडी में स्पेशल कैरेक्टर्स का इस्तेमाल नहीं करते हैं। फिर भी, यह नियम सभी UPI ऐप्स के लिए अनिवार्य होगा।

बदलाव का उद्देश्य और इसके फायदे

NPCI ने सभी UPI ऐप्स को बदलाव के लिए समय दिया है ताकि वे अपने सिस्टम को अपडेट कर सकें और ट्रांजेक्शन आईडी को 35 डिजिट का अल्फान्यूमेरिक बनाएं। इसके अलावा, ऐप्स को डुप्लीकेट ट्रांजेक्शन आईडी से बचने की सलाह भी दी गई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बदलाव से पेमेंट सिस्टम में सुधार होगा, ट्रांजेक्शन को ट्रैक करना आसान होगा और सुरक्षा बढ़ेगी।

निष्कर्ष

भारत में डिजिटल पेमेंट सिस्टम के विस्तार के साथ इस तरह के बदलाव महत्वपूर्ण हैं ताकि ट्रांजेक्शन की सुरक्षा और सहजता को सुनिश्चित किया जा सके। हालांकि यह बदलाव छोटे ऐप्स पर प्रभाव डाल सकता है, लेकिन लंबे समय में यह भारतीय UPI इकोसिस्टम के लिए एक मजबूत और सुरक्षित कदम साबित होगा। UPI उपयोगकर्ताओं को इन परिवर्तनों के बारे में जागरूक होना जरूरी है ताकि वे 1 फरवरी 2025 के बाद बिना किसी परेशानी के अपनी डिजिटल ट्रांजेक्शन कर सकें।

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