Janmashtami 2023: भगवान श्री कृष्णा को 56 नहीं बल्कि इन 6 चीजों का लगाएं भोग, प्रसन्न होंगे भगवान कान्हा

Janmashtami 2023 - भगवान श्री कृष्णा को 56 नहीं बल्कि इन 6 चीजों का लगाएं भोग, प्रसन्न होंगे भगवान कान्हा
| Updated on: 07-Sep-2023 08:14 AM IST
Janmashtami 2023: भगवान कृष्ण ऐसे देवता है जिन्होंने अपने बाल रूप से ही तरह-तरह की लीलाएं दिखाना शुरू कर दिया था। बाल स्वरूप में उन्होंने जहां अधर्मियों को सबक सिखाया वहीं माखन चोरी कर और मटकियां फोड़कर अपनी अटखेलियां से पूरे बृजवासियों के दिल में जगह बनाई। यशोदा के लाला कान्हा की मासूमियत की दिवानी बृज की हर बाला थी। भगवान कृष्ण का जन्म  भाद्रपद अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इसी दिन हर साल जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। कृष्ण जन्मोत्सव के दिन भक्तगण बाल गोपाल की लीलाओं का स्मरण कर उन्हें प्रणाम करते हैं। इसके साथ ही इस दिन व्रत रख विधि-विधान के साथ कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा की जाती है। भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाया जाता है लेकिन आप इन 6 चीजों का भोग लगाकर भी कान्हा की कृपा पा सकते हैं। तो आइए जानते हैं जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जी को कौनसी अति प्रिय चीजों का अर्पित किया जा सकता है।

1. माखन

कृष्ण का नाम आते ही माखन जरूर याद आता है। लड्डू गोपाल को माखन खाना अति प्रिय है, इसलिए जन्माष्टमी के दिन उन्हें माखन जरूर अर्पित करें। 

2. मिश्री

भगवान कृष्ण को मिश्री मिला माखन का भोग लगाने से जिंदगी में मिठास हमेशा बनी रहती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मईया यशोदा कान्हा को माखन में मिसरी मिलाकर खिलाया करती थी।

3. खीर

मुरलीधर श्री कृष्ण कन्हैया को चालव बेहद पसंद है। यशोदा मां कृष्ण जी को चावल से बनी खीर खिलाया करती थी। तो अगर आप भी कान्हा की कृपा पाना चाहते हैं तो उन्हें जन्माष्टमी के दिन खीर का भोग जरूर लगाएं।

4. पंजीरी

जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जी को धनिए से बनी पंजीरी का भोग जरूर लगाएं। धनिया पंजीरी बनाने के लिए  धनिया पाउडर, चीनी का बूरा, बारीक कटे बादाम, काजू, किशमिश, नारियल, घी, मखाना और इलायची पाउडर चाहिए होता है। 

5. खीरा

कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा में माखन-पंजीरी के अलावा खीरा का भी विशेष महत्व है, इसलिए शुभ फलों की प्राप्ति के लिए जन्माष्टमी की पूजा में खीरा को भी जरूर रखें।

6. पंचामृत

कृष्ण जी की पूजा में पंचामृत का भी खास महत्व है। कहते हैं कि पंचामृत के बिना जन्माष्टमी की पूजा होती है। पंचामृत बनाने के लिए दूध, दही, घी,  गंगाजल और शहद लें और सबको मिक्स कर दें। पंचमामृत और अन्य भोग में तुलसी डालना बिल्कुल न भूलें।

जन्माष्टमी की पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप 

ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय

ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।  सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।

हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे

 कृष्ण जन्माष्टमी 2023? शुभ मुहूर्त

भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ- 6 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 27 मिनट से 

 कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि समापन- 7 सितंबर 2023 को दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर 

 रोहिणी नक्षत्र-  6 सितंबर को सुबह 09 बजकर 20 मिनट से 7 सितंबर सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक

जन्माष्टमी तिथि- 6 और 7 सितंबर 2023

Note: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। Zoom News इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है।

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